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भाजपा ने चंबल रिवरफ्रंट को बताया भ्रष्टाचार का प्रतीक, गहलोत सरकार पर लगाए कई गंभीर आरोप

चंबल नदी में कोटा बैराज से छोड़े गए ढाई लाख क्यूसेक पानी से रिवरफ्रंट को नुकसान हुआ है. घाटों पर अधिक पानी भरने से वहां लगे पत्थर उखड़ गए. वहीं, अब इस मामले को लेकर राज्य की गहलोत सरकार पर भाजपा हमलावर है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 22, 2023, 2:28 PM IST

Chambal Riverfront symbol of corruption
Chambal Riverfront symbol of corruption

कोटा. राज्य की गहलोत सरकार ने 1442 करोड़ की लागत से कोटा में चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का निर्माण करवाया है. इसका श्रेय यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और नगर विकास न्यास कोटा को दिया जा रहा है. जबकि हाल ही में चंबल नदी में कोटा बैराज से छोड़े गए ढाई लाख क्यूसेक पानी से रिवरफ्रंट को खासा नुकसान हुआ है. घाटों पर अधिक पानी भरने से वहां लगे पत्थर उखड़ गए. वहीं, अब इस मामले को लेकर भाजपा ने राज्य की गहलोत सरकार और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ ही नगर विकास न्यास पर हमला किया है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व स्थानीय नेता भी लगातार इस मामले को लेकर गहलोत सरकार पर हमले कर रहे हैं.

  • चंबल रिवर फ्रंट राजस्थान में भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है। लगभग 1200 करोड़ से निर्मित यह रिवर फ्रंट पहली बारिश ने ही गहलोत सरकार के आकंठ भ्रष्टाचार की पोल- खोल दिया।

    तस्वीरों में नवनिर्मित रिवर फ्रंट का यह खस्ता हाल, भ्रष्ट गहलोत सरकार के काले कारनामे को उजागर करने के लिए… pic.twitter.com/x9gyQWi3Lg

    — Sambit Patra (@sambitswaraj) September 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रिवरफ्रंट को बताया भ्रष्टाचार का प्रतीक - केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बारिश ने हजारों करोड़ के हुए इस भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है. टूट-फूट देखकर समझ आ रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके उद्घाटन समारोह में जाने से क्यों डर गए थे. दूसरी तरफ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सीएम गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. जिसकी पोल चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट ने खोल दी है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के काले कारनामे पहली बारिश में ही उजागर हो गए हैं. साथ पात्रा ने चंबल रिवर फ्रंट को भ्रष्टाचार का प्रतीक करार दिया.

इसे भी पढ़ें - रिवरफ्रंट पर यूआईटी नहीं अलॉट कर पाई पूरी दुकानें, रिवरफ्रंट व सिटी पार्क में सुविधाओं के शुरू होने में लगेगा समय

अधिकारियों की संपत्ति की हो जांच - भाजपा नेता बृजेश शर्मा नीतू ने कहा कि रिवरफ्रंट के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ है. हर साल इस तरह से पत्थर उखड़ेंगे और जब बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा जाएगा तो नुकसान और अधिक होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में तीन लाख क्यूसेक से कम पानी छोड़ा गया है. जबकि कोटा बैराज से 5 से लेकर 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है. ऐसे में इस रिवर फ्रंट का आगे टिकना मुश्किल जान पड़ता है. यही वजह है कि रिवरफ्रंट के निर्माण में संलिप्त अधिकारियों की संपत्ति जब्त होनी चाहिए. साथ ही उन नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, जो इसके निर्माण के निर्णय में शामिल रहे हैं.

Chambal Riverfront symbol of corruption
उखड़ने लगे घाटों पर लगे पत्थर

यूआईटी का दावा क्वालिटी को लेकर नहीं हुआ कोई समझौता - रिवरफ्रंट पर हुए नुकसान पर यूआईटी के सचिव मानसिंह मीणा का कहना है कि बैराज से छोड़े जाने वाले पानी को देखकर ही निर्माण करवाया गया है. ऐसे में उसके जितने भी स्ट्रक्चर है, वह 252 फीट के लेवल को देखते हुए तैयार किए गए हैं. शुरुआत में केवल घाट नीचे के तरफ बनाए गए हैं. इन घाटों में छोटा-मोटा नुकसान चंबल नदी में पानी छोड़ने से होता है, लेकिन उन्हें दुरुस्त करवा दिया जाएगा. बैराज से पानी छोड़ने के चलते तेज बहाव में यह नुकसान होता है. निर्माण को लेकर कोई क्वालिटी में समझौता नहीं किया गया है.

Chambal Riverfront symbol of corruption
रिवरफ्रंट को हुआ भारी नुकसान

इसे भी पढ़ें - उफनती चंबल नदी में कूदते बच्चों का वीडियो वायरल, सवालों के घेरे में नगर विकास न्यास

मुख्यमंत्री ने उद्घाटन से किया था किनारा - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 12 सितंबर को इसके उद्घाटन में शामिल होना था. पूरा मंत्रिमंडल कोटा में था, लेकिन 11 सितंबर की देर रात 2:30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर अपरिहार्य कारण बताकर इस कार्यक्रम से दूरी बना ली थी. इस मामले में बताया जा रहा है कि 11 सितंबर को भाजपा के पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल ने एनजीटी का मामला उजागर किया था. जिसमें केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को रिवरफ्रंट को लेकर नोटिस दिया है. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने इस पर सवाल उठाए कि अचानक से मुख्यमंत्री ने दौरा क्यों टाल दिया, कारणों का खुलासा क्यों नहीं हुआ?

कोटा. राज्य की गहलोत सरकार ने 1442 करोड़ की लागत से कोटा में चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का निर्माण करवाया है. इसका श्रेय यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और नगर विकास न्यास कोटा को दिया जा रहा है. जबकि हाल ही में चंबल नदी में कोटा बैराज से छोड़े गए ढाई लाख क्यूसेक पानी से रिवरफ्रंट को खासा नुकसान हुआ है. घाटों पर अधिक पानी भरने से वहां लगे पत्थर उखड़ गए. वहीं, अब इस मामले को लेकर भाजपा ने राज्य की गहलोत सरकार और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ ही नगर विकास न्यास पर हमला किया है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व स्थानीय नेता भी लगातार इस मामले को लेकर गहलोत सरकार पर हमले कर रहे हैं.

  • चंबल रिवर फ्रंट राजस्थान में भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है। लगभग 1200 करोड़ से निर्मित यह रिवर फ्रंट पहली बारिश ने ही गहलोत सरकार के आकंठ भ्रष्टाचार की पोल- खोल दिया।

    तस्वीरों में नवनिर्मित रिवर फ्रंट का यह खस्ता हाल, भ्रष्ट गहलोत सरकार के काले कारनामे को उजागर करने के लिए… pic.twitter.com/x9gyQWi3Lg

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रिवरफ्रंट को बताया भ्रष्टाचार का प्रतीक - केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बारिश ने हजारों करोड़ के हुए इस भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है. टूट-फूट देखकर समझ आ रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके उद्घाटन समारोह में जाने से क्यों डर गए थे. दूसरी तरफ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सीएम गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. जिसकी पोल चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट ने खोल दी है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के काले कारनामे पहली बारिश में ही उजागर हो गए हैं. साथ पात्रा ने चंबल रिवर फ्रंट को भ्रष्टाचार का प्रतीक करार दिया.

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अधिकारियों की संपत्ति की हो जांच - भाजपा नेता बृजेश शर्मा नीतू ने कहा कि रिवरफ्रंट के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ है. हर साल इस तरह से पत्थर उखड़ेंगे और जब बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा जाएगा तो नुकसान और अधिक होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में तीन लाख क्यूसेक से कम पानी छोड़ा गया है. जबकि कोटा बैराज से 5 से लेकर 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है. ऐसे में इस रिवर फ्रंट का आगे टिकना मुश्किल जान पड़ता है. यही वजह है कि रिवरफ्रंट के निर्माण में संलिप्त अधिकारियों की संपत्ति जब्त होनी चाहिए. साथ ही उन नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, जो इसके निर्माण के निर्णय में शामिल रहे हैं.

Chambal Riverfront symbol of corruption
उखड़ने लगे घाटों पर लगे पत्थर

यूआईटी का दावा क्वालिटी को लेकर नहीं हुआ कोई समझौता - रिवरफ्रंट पर हुए नुकसान पर यूआईटी के सचिव मानसिंह मीणा का कहना है कि बैराज से छोड़े जाने वाले पानी को देखकर ही निर्माण करवाया गया है. ऐसे में उसके जितने भी स्ट्रक्चर है, वह 252 फीट के लेवल को देखते हुए तैयार किए गए हैं. शुरुआत में केवल घाट नीचे के तरफ बनाए गए हैं. इन घाटों में छोटा-मोटा नुकसान चंबल नदी में पानी छोड़ने से होता है, लेकिन उन्हें दुरुस्त करवा दिया जाएगा. बैराज से पानी छोड़ने के चलते तेज बहाव में यह नुकसान होता है. निर्माण को लेकर कोई क्वालिटी में समझौता नहीं किया गया है.

Chambal Riverfront symbol of corruption
रिवरफ्रंट को हुआ भारी नुकसान

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मुख्यमंत्री ने उद्घाटन से किया था किनारा - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 12 सितंबर को इसके उद्घाटन में शामिल होना था. पूरा मंत्रिमंडल कोटा में था, लेकिन 11 सितंबर की देर रात 2:30 बजे के आसपास मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर अपरिहार्य कारण बताकर इस कार्यक्रम से दूरी बना ली थी. इस मामले में बताया जा रहा है कि 11 सितंबर को भाजपा के पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल ने एनजीटी का मामला उजागर किया था. जिसमें केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को रिवरफ्रंट को लेकर नोटिस दिया है. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने इस पर सवाल उठाए कि अचानक से मुख्यमंत्री ने दौरा क्यों टाल दिया, कारणों का खुलासा क्यों नहीं हुआ?

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