कोटा. समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा मंगलवार को कोटा के दौरे पर थीं. उन्होंने सर्किट हाउस में प्रदेश कांग्रेस में जारी विवाद को लेकर मीडियाकर्मियों से बातचीत की. इस दौरान शर्मा ने पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट के बयान पर असहमति जता दी.
दरअसल, सचिन पायलट ने कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए सोनिया गांधी नेता नहीं, बल्कि वसुंधरा राजे नेता हैं. वहीं, शर्मा ने पायलट के बयान को केंद्रित करते हुए कहा कि आज कोई भी कांग्रेस का नेता सचिन पायलट की इस बात से इत्तेफाक नहीं रहेगा. लेकिन सचिन पायलट ने क्या कहा और किस संदर्भ में कहा है, इसको भी समझने की कोशिश की जाएगी. लेकिन मौजूदा हकीकत यही है कि कांग्रेस के सभी नेताओं की आस्था सोनिया गांधी के प्रति है. दूसरी पार्टी का नेता कैसे हमारा नेता हो सकता है?.
सीएम गहलोत का किया बचाव - सचिन पायलट के यात्रा निकालने की बात पर उन्होंने कहा कि यह उनका निर्णय है. उस पर वो खुद ही जवाब दे सकते हैं. हम सभी कांग्रेसी हैं. इसलिए हमें केवल व केवल कांग्रेस के लिए काम करना चाहिए. साथ ही प्रदेश सरकार और कांग्रेस को मजबूती देने के लिए हम जनता के बीच जाएंगे. आगे सचिन पायलट की बयानबाजी से सरकार को नुकसान होने संबंधित सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही है. सरकार के प्रति आक्रोश नहीं है और जनता को जैसे राहत मिल रही है. उससे यह साबित हो रहा है कि हम फिर से सरकार रिपीट करने जा रह हैं.
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जीरो टॉलरेंस करप्शन - अर्चना शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस करप्शन की नीति पर काम कर रही है. उन्होंने आरपीएससी प्रकरण को बतौर नजीर पेश किया और कहा कि उक्त करप्शन के खिलाफ सख्त कदम उठाया. यहां तक कि हमारे प्रतिनिधि को भी बर्खास्त कर दिया गया. ऐसे में हमारे लिए जनता सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि पेपर लीक मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश में राजस्थान से ज्यादा हुए हैं. सभी राज्य विश्वसनीय टेक्नोलॉजी का दंश झेल रहे हैं और प्रदेश में उस पर अंकुश लगाने के लिए नवाचार भी हुए हैं.
पायलट के पदयात्रा पर कही ये बात - इधर, पायलट के पदयात्रा निकालने के निर्णय पर उन्होंने कहा कि यह प्रश्न सचिन पायलट से करना चाहिए. गलत काम की जांच भी हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समय-दर-समय ब्यौरा भी पेश किया है, जो नेता कांग्रेस के प्रति निष्ठा रखते हैं, पार्टी के प्रति समर्पण से काम करते हैं. इस बार जनता का मानस वापस कांग्रेस के सरकार को सत्ता में लाना है. सब मिलजुल कर काम करेंगे तो हमारा लक्ष्य पूरा हो जाएगा.
कर्नाटक में जनता देगी करारा जवाब - कर्नाटक में बजरंग दल बैन के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विध्वंस व द्वेष फैलाने वाले संगठन पर कार्रवाई के लिए लिखा है. जबकि भाजपा, रोजगार, महंगाई, बेरोजगारी, अपराध और कॉरपोरेट के साथ नेक्सस पर बात नहीं करना चाहती है. जबकि चुनाव को धर्म और जाति के आधार पर लड़ना चाहती है. इसलिए बजरंग दल का मुद्दा उठाया जा रहा है. कर्नाटक चुनाव में जनता भाजपा को करारा जवाब देगी.