कोटा. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) चोरी के शक में रानपुर स्थित माधवी एंटरप्राइजेज पर गुरुवार को छापे की कार्रवाई की गई (Kota gst collection action ). यह फर्म पॉम और एडिबल ऑयल की ट्रेडिंग से जुड़ी हुई है. कार्रवाई करीब 24 घंटे तक चली. जिसमें करीब 10 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी की सर्वे में जुटे रहे. पता चला कि रेड में 70 लाख की जीएसटी चोरी की गई. यह फर्म ऑयल ट्रेडिंग से जुड़ी हुई है.
मामले ने नया मोड़ तब लिया जब जीएसटी सर्वे टीम पर ही फर्म के मालिक और अन्य लोगों ने एक करोड़ रुपए चुराने का आरोप लगा दिया. आरोप बड़ा था इसलिए जीएसटी टीम ने भी देरी नहीं की. वाणिज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) के एडिशनल कमिश्नर कोटा शंभू दयाल मीणा ने कहा फिर हमने इस संबंध में पुलिस में शिकायत करने की तैयारी कर ली थी और लिखित में लेटर भी तैयार किया था, लेकिन बाद में फर्म मालिक अरविंद मित्तल ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और टीम को वापस जाने दिया.
वाणिज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) के एडिशनल कमिश्नर कोटा शंभू दयाल मीणा ने बतया कि ये इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़ा छापा था. जिसमें डिप्टी कमिश्नर विनोद बेनीवाल और रेणुका वर्मा के नेतृत्व में टीम गुरुवार सुबह भेजी गई थी. जिसके बाद यह कार्रवाई शुक्रवार सुबह 24 घंटे तक यह कार्रवाई चली. करीब 10 से ज्यादा कार्मिक जुटे रहे. जिनमें डिप्टी कमिश्नर, असिस्टेंट कमिश्नर और कमर्शियल टैक्स ऑफिसर (सीटीओ) भी शामिल हैं.
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मीणा ने बताया कि बड़ी संख्या में कंप्यूटराइज्ड, मैनुअली पर्ची व कागजी डाटा था. जिनमें फर्म ने फर्जी बिलों के जरिए माल की रिसीविंग बताई है, लेकिन माल आया ही नहीं था. जिससे स्टॉक नहीं बढ़ा है. इन फर्जी बिलों के जरिए सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट फर्म ने ली है. मामले में हमारी टीम स्टॉक वेरिफिकेशन से लेकर डाटा की कैलकुलेशन कर 70 लाख 19 हजार का टैक्स में अंतर मिला है, जिसे फर्म मालिक अरविंद मित्तल ने जमा करा दिया है.