करौली. जिला मुख्यालय के समीप गुलाब बाग के पास स्थित एक निजी रिसॉर्ट में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने शिरकत की. कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में आदिवासियों की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास के बारे में मंत्री ने अपने विचार रखा.
कार्यक्रम में आदिवासी सांस्कृतिक पार्टियों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस मौके पर मौजूद लोगों ने जमकर नृत्य किया. मंत्री भी अपने आपको ताली बजाने से नहीं रोक पाए. उन्होंने इस मौके पर अपनी तरफ से सभी देश, प्रदेशवासी और जनजातियों को हार्दिक बधाई शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि देश में जनजातियों की भाषा खत्म हो रही है. उन्हें वे पुर्नजीवित, बढाने और संरक्षित करने का प्रयास करेंगे. लोगों ने मांग किया कि विश्व आदिवासी दिवस पर राजस्थान के सभी कार्यालयों में ऐच्छिक अवकाश न होकर राजकीय अवकाश घोषित किया जाए.
दौसा में भी मनाया गया 'विश्व आदिवासी दिवस'
दौसा में मीणा हाईकोर्ट के नाम से प्रसिद्ध नांगल राजावतान में विश्व आदिवासी दिवस भव्य समारोह के रूप में मनाया गया. समारोह की अगुवाई राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने की. समारोह में आदिवासियों को लेकर विभिन्न प्रकार के दंगल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसको लेकर दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि 9 अगस्त को यूएनओ ने विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया था. तब से पूरे देश के आदिवासी 9 अगस्त को अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं. साथ ही अपने समाज में किस तरह के सुधार होने चाहिए. उसको लेकर विचार-विमर्श करते हैं.
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इस दौरान विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि नांगल हाईकोर्ट में कॉलेज निर्माण किया जाएगा, जिसमें कि दौसा सांसद जसकौर मीणा द्वारा भवन बनाया जाएगा. विधायक द्वारा राज्य सरकार से कॉलेज की स्वीकृति ली जाएगी. मीणा ने कहा कि 95 में देशों में आदिवासी रहते हैं. अपने देश में 11 करोड़ आदिवासी है और राजस्थान में 12. 6 प्रतिशत आदिवासी हैं. उनकी संस्कृति रीति-रिवाज जिंदा रखने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
जालोर के रानीवाड़ा में 'विश्व आदिवासी दिवस' की धूम
जालोर के रानीवाड़ा में बड़गांव में विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी समाज ने एकजुटता का परिचय देते हुए अपनी ताकत दिखाई. बड़गांव कस्बे में स्थित भील समाज भवन में ईष्टदेव की पूजा अर्चना करने के बाद विशाल रैली निकाली गई. वहीं भील समाज भवन परिसर में विशालसभा का आयोजन किया गया. इस सभा को अखिल भारतीय आदिवासी भील महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंग पढियार ने संबोधित करते हुए कहा कि यह आदिवासियों की एक परम्परा है. इसे आज के दिन पूरे विश्वभर में मनाया जाता है. ये दिन उनके समाज के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
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उन्होंने कहा कि उनके समाज की परंपरा को बनाए रखने के लिए हर साल आदिवासी दिवस के अवसर पर सब लोग एक जगह एकत्र होते हैं. इस तरह का कार्यक्रम पूरे विश्व में मनाया जाता है. वहीं समाज के लोगों ने अपने समाज के उत्थान पर चर्चा की. यहां पर महिलाओं और समाज के प्रमुखों ने नशे एवं अन्य बुरी आदतों के विषय पर युवाओं को दूर रहने की सलाह दी.