करौली. जिला मुख्यालय को रेल लाइन से जोड़ने की बहुप्रतीक्षित मांग को एक बार फिर पंख लगने की उम्मीद जगी है. वर्षों से बंद पड़ी धौलपुर-गंगापुर सिटी-बाया करौली रेल परियोजना को फ्रीज से हटा दिया गया है. साथ ही केन्द्र सरकार ने हाल ही में पेश किए गए बजट में प्रारंभिक रूप से 50 करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए हैं.
परियोजना के रिवाइज स्टीमेट को रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलते ही रेल परियोजना का कार्य शुरू हो जाएगा. करौली-धौलपुर सांसद डॉ. मनोज राजोरिया ने बताया, कि भारत सरकार ने बजट 2020-2021 के पेश किए गए बजट में संसदीय क्षेत्र करौली-धौलपुर की अत्यन्त महत्वपूर्ण परियोजना धौलपुर-सरमथुरा-करौली-गंगापुरसिटी रेल परियोजना को फ्रीज अवस्था से हटा दिया है. साथ ही इसके लिए प्रारंभिक रूप में 50 करोड़ रूपए बजट आवंटित किया है.
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पहले यह रेल परियोजना फ्रीज अवस्था में थी. जिसे सक्रिय करने के लिए 16वीं लोकसभा और 17वीं लोकसभा के प्रारंभ से ही लगातार प्रयास किये जा रहे थे. जिसके फलस्वरूप रेलवे बोर्ड के निर्देश पर उत्तर मध्य रेलवे द्वारा इस परियोजना का रिवाइज एस्टीमेट तैयार किया गया है. जो स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड पहुंच गया है.
सांसद मनोज राजोरिया ने बताया, कि इस परियोजना के रिवाइज एस्टीमेट को रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलते ही इस परियोजना का कार्य आरंभ हो जायेगा. आगामी समय में इस परियोजना के लिए और अधिक बजट आवंटित करवाने के लिए मेरे प्रयास परियोजना के पूर्ण होने तक जारी रहेंगे. यह रेलवे परियोजना संसदीय क्षेत्र करौली-धौलपुर के दोनों जिलों को जोड़ने वाली अत्यन्त महत्वपूर्ण रेल परियोजना है. इस परियोजना के पूर्ण होने से पिछले 70 वर्षों से रेल सुविधा से वंचित करौली जिला मुख्यालय को इसका लाभ मिल सकेगा.
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वहीं राजोरिया ने कहा, कि इस परियोजना से न केवल संसदीय क्षेत्र के दोनों जिलों बल्कि सम्पूर्ण राज्य आसपास के क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी. रोजगार के नवीन अवसर उत्पन्न होंगे. इस परियोजना को पुनः सक्रिय करने के लिए स्वयं और संसदीय क्षेत्र की जनता की ओर से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल का हार्दिक आभार प्रकट करता हूं.