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करौली: अपना आशियाना बचाने ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट परिसर, सौंपा ज्ञापन - ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट परिसर

करौली के कैलादेवी कस्बे में बने घरों को 'नेशनल ग्रीन ट्रव्यूनल' बैच के नाम पर तोड़े जाने का ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं, जिसे बचाने के लिए वह विरोध कर रहे हैं. इसके लेकर सोमवार को कैलादेवी कस्बे के ग्रामीण भारी संख्या में कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. यहां उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ रोष जताया और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा.

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Published : Nov 4, 2019, 8:52 PM IST

करौली. कैलादेवी कस्बे में विगत कई सालों से गरीब लोगों की बस्ती बसी हुई है. जिसको लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी 'नेशनल ग्रीन ट्रव्यूनल' बैच की आड़ मे स्वयं की बताते हुए बस्ती में बने हुए घरों को तोड़ना चाहते हैं. इसके चलते ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है.

आशियाना बचाने ग्रामीणों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ सरकार गरीबों के आवास योजना चलाकर गरीबों को आशियाना देना चाहती है तो वहीं दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारी गरीबों की वस्ती को तोड़ने पर उतारू है. इसी बात का विरोध करते हुए सभी ग्रामीण एकत्रित होकर जिला कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर को अवगत कराते हुए वन विभाग के अधिकारियों से बस्ती बचाओ के लिए गुहार लगाई. साथ ही कैलादेवी ट्रस्ट के किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग की.

पढे़ं- भरतपुर के संभाग मुख्यालय पर अधिवक्ताओं ने किया कार्य बहिष्कार, पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि हमारी कलेक्टर से मांग है कि सैकड़ों साल पहले बसी बस्ती को वन विभाग के अधिकारियों से बचाए, जिससे गरीब परिवारों को राहत मिल सके. वहीं मामले में जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया की जो एनजीटी के निर्देश हैं, उसके अनुसार अधिकारी सर्वे कर रहे हैं. अगर ग्रामीणों को कोई समस्या है तो वह अपना पक्ष एनजीटी में रख सकते हैं.

करौली. कैलादेवी कस्बे में विगत कई सालों से गरीब लोगों की बस्ती बसी हुई है. जिसको लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी 'नेशनल ग्रीन ट्रव्यूनल' बैच की आड़ मे स्वयं की बताते हुए बस्ती में बने हुए घरों को तोड़ना चाहते हैं. इसके चलते ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है.

आशियाना बचाने ग्रामीणों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ सरकार गरीबों के आवास योजना चलाकर गरीबों को आशियाना देना चाहती है तो वहीं दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारी गरीबों की वस्ती को तोड़ने पर उतारू है. इसी बात का विरोध करते हुए सभी ग्रामीण एकत्रित होकर जिला कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर को अवगत कराते हुए वन विभाग के अधिकारियों से बस्ती बचाओ के लिए गुहार लगाई. साथ ही कैलादेवी ट्रस्ट के किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग की.

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इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि हमारी कलेक्टर से मांग है कि सैकड़ों साल पहले बसी बस्ती को वन विभाग के अधिकारियों से बचाए, जिससे गरीब परिवारों को राहत मिल सके. वहीं मामले में जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया की जो एनजीटी के निर्देश हैं, उसके अनुसार अधिकारी सर्वे कर रहे हैं. अगर ग्रामीणों को कोई समस्या है तो वह अपना पक्ष एनजीटी में रख सकते हैं.

Intro:नेशनल ग्रीन ट्रव्यूनल बैच की आड मे वन विभाग द्वारा पुरानी बस्ती में बने घरों को तोड़ने से बचाने के लिए सोमवार को कैलादेवी कस्बे के ग्रामीण भारी संख्या में कलेक्ट्रेट परिसर पहुँचे.. जहाँ उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ रोष जताया.. उसके बाद ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर डॉ मोहन लाल यादव को ज्ञापन सौपकर कस्बे के मकानों को तोड़ने से बचाने की मांग की..


Body:ग्रामीणों ने अपना आशियाना बचाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, कलेक्टर से मकानों को बचाने की लगाई गुहार,

करौली

नेशनल ग्रीन ट्रव्यूनल बैच की आड मे वन विभाग द्वारा पुरानी बस्ती में बने घरों को तोड़ने से बचाने के लिए सोमवार को कैलादेवी कस्बे के ग्रामीण भारी संख्या में कलेक्ट्रेट परिसर पहुँचे.. जहाँ उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ रोष जताया.. उसके बाद ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर डॉ मोहन लाल यादव को ज्ञापन सौपकर कस्बे के मकानों को तोड़ने से बचाने की मांग की..

ग्रामीणो ने बताया की कैलादेवी कस्बे में विगत कई वर्षों से गरीब लोगों की बस्ती बसी हुई है..जिसे वन विभाग के अधिकारी नेशनल ग्रीन ट्रव्यूनल बैच की आड मे स्वयं की बताते हुए बस्ती में बने हुए घरों को तोड़ना चाहते है.. एक तरफ सरकार गरीबों के आवास योजना चलाकर गरीबों को आशियाना देना चाहती है.वही दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारी गरीबों की वस्ती को तोड़ने पर उतारू है. इस मामले में एकत्रित होकर जिला कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर डॉ मोहनलाल यादव को अवगत कराते हुए वन विभाग के अधिकारियों से वस्ती बचाओ के लिए गुहार लगाई साथ कैलादेवी ट्रस्ट द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग की.. नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल बेंच की आड़ में वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों को परेशान कर रहे.. हमारी जिला कलेक्टर से मांग है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व बसी बस्ती को वन विभाग के अधिकारियों से बचाए.जिससे गरीब परिवारों को राहत मिल सके.
वहीं मामले में जिला कलेक्टर डॉ मोहन लाल यादव ने बताया की जो एनजीटी के निर्देश हैं. उसके अनुसार अधिकारी सर्वे कर रहे हैं. अगर ग्रामीणों को कोई समस्या है तो वह अपना पक्ष एनजीटी में रख सकते हैं..

वाईट-----सुरज ग्रामीण,

वाईट---केदार ग्रामीण,

वाईट----- डॉक्टर मोहन लाल यादव जिला कलेक्टर करौली


Conclusion:
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