करौली. कैलादेवी कस्बे में विगत कई सालों से गरीब लोगों की बस्ती बसी हुई है. जिसको लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी 'नेशनल ग्रीन ट्रव्यूनल' बैच की आड़ मे स्वयं की बताते हुए बस्ती में बने हुए घरों को तोड़ना चाहते हैं. इसके चलते ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है.
ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ सरकार गरीबों के आवास योजना चलाकर गरीबों को आशियाना देना चाहती है तो वहीं दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारी गरीबों की वस्ती को तोड़ने पर उतारू है. इसी बात का विरोध करते हुए सभी ग्रामीण एकत्रित होकर जिला कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां जिला कलेक्टर को अवगत कराते हुए वन विभाग के अधिकारियों से बस्ती बचाओ के लिए गुहार लगाई. साथ ही कैलादेवी ट्रस्ट के किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग की.
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इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि हमारी कलेक्टर से मांग है कि सैकड़ों साल पहले बसी बस्ती को वन विभाग के अधिकारियों से बचाए, जिससे गरीब परिवारों को राहत मिल सके. वहीं मामले में जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया की जो एनजीटी के निर्देश हैं, उसके अनुसार अधिकारी सर्वे कर रहे हैं. अगर ग्रामीणों को कोई समस्या है तो वह अपना पक्ष एनजीटी में रख सकते हैं.