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करौली डॉक्टर की मौत का मामलाः 11वें दिन प्रशासन के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने तोड़ा अनशन - करौली ग्रामीण का अनशन खत्म

करौली में चिकित्सक की मौत के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीण 11 दिन से अनशन पर बैठे हुए थे. जिसके बाद शनिवार को प्रशासन के आश्वासन के बाद आखिरकार ग्रामीणों ने अपना अनशन खत्म कर दिया.

करौली ग्रामीण का अनशन खत्म, Karauli villagers end hunger strike
करौली ग्रामीण का अनशन खत्म
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Published : Nov 7, 2020, 5:01 PM IST

करौली. जिले के नादौती इलाके में एक चिकित्सक की मौत के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीण 11 दिन से अनशन पर बैठे हुए थे. जिसके बाद शनिवार को आखिरकार ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के अश्ववासन पर अनशन समाप्त किया. प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ दो दिसंबर तक कार्रवाई करने की बात कही है.

ग्रामीणों ने बताया कि 1 अक्टूबर को डॉक्टर महेश कुमार मीणा की हत्या के दिन ही दो नामजद अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने की मांग की जा रही है, लेकिन कई दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया. जिससे आक्रोशित चिकित्सक की पत्नी परिजन और ग्रामीण अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गए थे.

ग्रामीणों ने कहा कि वे लगातार 10 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हुए थे. ऐसे में 11वें दिन टोडाभीम के पूर्व विधायक बत्ती लाल मीणा, रमेश मीणा सहित एसडीएम और पुलिस उपाधीक्षक द्वारा चिकित्सक के परिजनों और ग्रामीणों से 2 दिसंबर तक आरोपियों को गिरफ्तार करने सहित कानूनी कार्रवाई के अश्ववासन के बाद ग्रामीणों ने अनशन समाप्त कर दिया.

बता दें कि जिले के हिंडौन चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सक महेश मीणा का एक अक्टूबर को नादौती के दलपुरा-धाडंगा रोड पर कार मे संदिग्ध हालात में शव मिला था. जिसके बाद मृतक चिकित्सक के परिजनों ने नादौती पुलिस थाने में चिकित्सक की हत्या के आरोप में दशरथ सिंह गौलाडा और डॉ. जितेंद्र मीणा के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया, लेकिन लगभग एक माह गुजरने के बाद भी पुलिस ने अभी तक किसी भी नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया.

पढ़ेंः पंजाब CM को राष्ट्रपति कब समय दें, ये उनके विवेक पर निर्भर करता है...कांग्रेस कर रही गुमराह : कैलाश चौधरी

जिससे आक्रोशित ग्रामीण आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर बीते 10 दिनो से नादौती उपखंड मुख्यालय के सामने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ हुए थे. 11वे दिन पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश के बाद और आरोपियों के खिलाफ दो दिसंबर तक कारवाई के अश्ववासन के बाद ग्रामीण अनशन पर से उठ गए.

करौली. जिले के नादौती इलाके में एक चिकित्सक की मौत के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीण 11 दिन से अनशन पर बैठे हुए थे. जिसके बाद शनिवार को आखिरकार ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के अश्ववासन पर अनशन समाप्त किया. प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ दो दिसंबर तक कार्रवाई करने की बात कही है.

ग्रामीणों ने बताया कि 1 अक्टूबर को डॉक्टर महेश कुमार मीणा की हत्या के दिन ही दो नामजद अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने की मांग की जा रही है, लेकिन कई दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया. जिससे आक्रोशित चिकित्सक की पत्नी परिजन और ग्रामीण अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गए थे.

ग्रामीणों ने कहा कि वे लगातार 10 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हुए थे. ऐसे में 11वें दिन टोडाभीम के पूर्व विधायक बत्ती लाल मीणा, रमेश मीणा सहित एसडीएम और पुलिस उपाधीक्षक द्वारा चिकित्सक के परिजनों और ग्रामीणों से 2 दिसंबर तक आरोपियों को गिरफ्तार करने सहित कानूनी कार्रवाई के अश्ववासन के बाद ग्रामीणों ने अनशन समाप्त कर दिया.

बता दें कि जिले के हिंडौन चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सक महेश मीणा का एक अक्टूबर को नादौती के दलपुरा-धाडंगा रोड पर कार मे संदिग्ध हालात में शव मिला था. जिसके बाद मृतक चिकित्सक के परिजनों ने नादौती पुलिस थाने में चिकित्सक की हत्या के आरोप में दशरथ सिंह गौलाडा और डॉ. जितेंद्र मीणा के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया, लेकिन लगभग एक माह गुजरने के बाद भी पुलिस ने अभी तक किसी भी नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया.

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जिससे आक्रोशित ग्रामीण आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर बीते 10 दिनो से नादौती उपखंड मुख्यालय के सामने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ हुए थे. 11वे दिन पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश के बाद और आरोपियों के खिलाफ दो दिसंबर तक कारवाई के अश्ववासन के बाद ग्रामीण अनशन पर से उठ गए.

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