करौली. जिले के सपोटरा कस्बे में सोमवार को यूजीसी द्वारा उच्च शिक्षा में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाए जाने के निर्णय पर छात्रों ने रोष जाहिर किया है. साथ ही इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्री के नाम एसडीएम ओमप्रकाश मीणा को ज्ञापन भी सौंपा.
छात्रों ने विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर के बारे में यूजीसी के संशोधित दिशा-निर्देशों पर पुनर्विचार कर सभी विधार्थियों को प्रमोट करने की मांग की थी. छात्रसंघ अध्यक्ष राजेंद्र मीणा और युवा कांग्रेस सपोटरा विधानसभा अध्यक्ष मनकेश मीणा कानापुरा ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाए जाने के निर्णय की वजह से सभी छात्र छात्राएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि इस समय देश में प्रतिदिन लगभग बीस हजार और राजस्थान में लगभग सात सौ व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. ऐसी विषम परिस्थितियों में सरकार की प्राथमिकता मानव जीवन को सुरक्षित रखने की होनी चाहिए. वहीं प्रदेश में अभी तक यातायात सेवाओं का संचालन सामान्य नहीं हुआ है. प्रदेश की भौगोलिक दशाओं के कारण अधिकांश विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से शहरी केंद्रों पर अध्ययन कर रहे हैं. जो कि लॉकडाउन के कारण अपने गांव जा चुके हैं.
दूसरी ओर केंद्र और राज्य सरकार की कोविड-19 हेल्थ प्रोटोकॉल के कारण समस्त संस्थाओं के छात्रावास/पीजी बंद किए हुए हैं. निजी छात्रावास और मकान मालिक महामारी के डर से बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को किराए पर मकान नहीं दे रहे हैं. ऐसे में यूजीसी के द्वारा जारी गाइडलाइन, जिसमें परीक्षाएं करवाने का तुगलकी फरमान विधार्थियों के लिए जारी किया गया है. जो छात्रों की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.
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छात्रो ने कहा कि यूजीसी के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नाम उपजिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं. उन्होंने बताया कि जैसे स्नातक और स्नातकोत्तर के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की प्रक्रिया की गई है. उसी प्रकार अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी प्रमोट करने की मांग की है.