करौली. करौली जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को पशुपालन विभाग द्वारा पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक का आयोजन हुआ. इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने पशुओं को पीटना, मारना, अत्याधिक सवारी करना और पशुओं को किसी भी प्रकार से पीडा पहुंचाना अथवा यात्ना देना आदि पशु क्रूरता है. उन्होंने आवारा गौवंश को गौशालाओं में शिफ्ट करने के लिए नगर परिषद आयुक्त को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, पशु-पक्षी वन्यजीव आदि से हमें सकारात्मक सोच रखते हुए मित्रवत व्यवहार करना चाहिए. इसलिए पशुओं और वन्यजीवों को किसी भी प्रकार की हानि न हो, इसका ख्याल रखते हुए उनके खान-पान कराने की व्यवस्था करनी चाहिए. अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने कहा, परिवहन के समय चार भैंस या 40 भेड़ बकरियां ही परिवहन की जाएं. टैम्पो में परिवहन करना अनुमत नहीं है. पशुओं को हानिकारक औषधि देना या दूध दुहने के लिये ऑक्सीटोक्सिन इंजेक्शन देना दंडनीय है.
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बैठक में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. खुशीराम मीना ने पशुओं के साथ क्रूरता व्यवहार और वन्यजीव एवं पशु-पक्षियों का शिकार करना अपराध की श्रेणी में आता है. उन्होंने इस संबंध में जीव-जन्तुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी. समिति के सदस्यों ने जिले में घूम रहे आवारा गौवंश को गौशालाओं में शिफ्ट करने की मांग पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने नगर परिषद आयुक्त को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए. बैठक में नगर परिषद आयुक्त नरसीलाल मीना, जिला परिवहन अधिकारी, गौशाला संचालक सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे.