करौली. महिला अधिकारिता विभाग यूनिसेफ जयपुर के वित्तीय सहयोग और अरावली एवं एक्शन एड व टाई के तकनीकी सहयोग से शिक्षा से वंचित किशोरी बालिकाओं के लिए 10 दिवसीय आत्मरक्षा एवं सशक्तिकरण प्रशिक्षण शिविर का राजकीय महाविद्यालय करौली में समापन हुआ.
समापन समारोह को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा की बालिकाओं ने 10 दिन में जो सीखा है उस सीखे हुए प्रशिक्षण के बारे में आस-पडोस की बालिकाओं को सिखाकर उनके लिये प्रेरणा बनेंगी. साथ ही अपने ज्ञान का विस्तार कर आत्मरक्षा के नये-नये आयामों से भी जुडी रहेंगी.
वहीं, कलेक्टर ने कहा की करौली जिला आशान्वित जिलो की श्रेणी में है. इसलिये अपनी सुरक्षा, चिकित्सा, शिक्षा आदि के प्रति आशान्वित रहकर आगे बढ़ने का प्रयास करेंगी. उन्होने कहा की जिले के सभी विद्यालयों में भी बालिकाओं को प्रशिक्षण दिलाने के प्रयास किये जायेगे. ताकि गांवों में बालिकाए अपराधों के प्रति सजग रहेंगी और बालिकाओं में आत्मविश्वास और लगन पैदा होगी तो निश्चित ही बालिकाए आगे बढकर सशक्त बनेंगी.
इस दौरान पॉक्सों के जिला न्यायाधीश जगमोहन अग्रवाल ने कहा की हमारी संस्कृति में नाम के आगे श्री शब्द लिखा जाता है. वह लक्ष्मीजी का प्रतीक है. नारी के बिना पुरूष का अस्तित्व ही नही है. इस अवसर पर विभिन्न विभागों के द्वारा महिला सुरक्षा की संपूर्ण जानकारी देने के लिये स्टॉल लगाई गई. जिनका कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण कर जानकारी ली. इस दौरान आत्मरक्षा एवं सशक्तिकरण प्रशिक्षण में प्राप्त किये गये ज्ञान का बालिकाओं ने प्रदर्शन कर अपने आत्मविश्वास और आत्मबल का प्रदर्शन किया. जिसका दर्शको ने तालिया बजाकर स्वागत किया.
बता दें कि समापन समारोह में बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र एवं मेडल पहनाकर सम्मानित किया. इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेखा यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रविन्द्र सिंह, एसडीएम मुनीदेव यादव, महिला बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शान्ति वर्मा सहित यूनिसेफ स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधी, बालिकाए, अभिभावक मौजूद रहे.