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करौली : चारागाह में बसी भूमी को आबादी किस्म में दर्ज करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन - charagah land dispute karauli

करौली के सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के आडीहुडपुरा, राडौली के ग्रामीणों ने सोमवार को चारागाह भूमि को आबादी किस्म में दर्ज करने की मांग की. जिसको लेकर उन्होंने कलेक्ट्रेट जाकर एडीएम को ज्ञापन भी सौंपा.

villagers protest in karauli, करौली खबर
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Published : Aug 5, 2019, 9:08 PM IST

करौली. जिले के सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के आडीहुडपुरा, राडौली के ग्रामीणों ने सोमवार को चारागाह भूमि को आबादी किस्म में दर्ज करने की मांग की. जिसको लेकर जिला कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया गया. साथ ही समस्या समाधान की मांग को लेकर एडीएम को ज्ञापन सौंपा गया.

ग्रामीणों ने बताया की सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के आडीहुडपुरा, राडौली में ग्रामवासियों के विगत करीब तीन सौ साल से पुराने रियासी मकान बने हुए हैं. जिनमें सभी लोग अपनी तीन-चार पीढ़ियों से परिवार सहित निवास करते हुए आ रहे है. वर्तमान में पच्चीस सौ से 3 हजार की आबादी यहां पर बसी हुई है. राजस्थान सरकार एवं प्रशासन को इस मामले को भलीभांति जानती भी है लेकिन पटवारी और गिरदावर इन परिवार वालों के पास पहुंचकर ग्रामीणों को बेवजह परेशान करते हैं.

चारागाह में बसी भूमी को आबादी किस्म में दर्ज करने की मांग

उन्होंने बताया कि यदि कोई परिवार निर्माण कार्य चलाता है तो पटवारी व अन्य अधिकारी निर्माण को रूकवा देते है. उन्होंने तो अधिकारियों पर यह भी आरोप लगाया कि पैसे लेकर निर्माण को फिर वापस से चालू भी करवा देते हैं. इसकी कई बार ग्रामीणों ने अधिकारियों को शिकायत भी की.

पढ़ें: आर्टिकल 370 का संकल्प पारित होते ही इस BJP विधायक का भी 'संकल्प' हुआ पूरा...1990 से जारी था

उन्होंने कहा कि प्रशासन से मांग भी की गई है कि भूमि की किस्म बदली जाए लेकिन सोमवार तक जमीन की किस्म बदली नहीं गई है. जिसके बाद एडीएम से मिलकर मांग की गई है कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाए. ग्रामीणों ने सकारात्मकर परिणाम नहीं आने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

करौली. जिले के सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के आडीहुडपुरा, राडौली के ग्रामीणों ने सोमवार को चारागाह भूमि को आबादी किस्म में दर्ज करने की मांग की. जिसको लेकर जिला कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया गया. साथ ही समस्या समाधान की मांग को लेकर एडीएम को ज्ञापन सौंपा गया.

ग्रामीणों ने बताया की सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के आडीहुडपुरा, राडौली में ग्रामवासियों के विगत करीब तीन सौ साल से पुराने रियासी मकान बने हुए हैं. जिनमें सभी लोग अपनी तीन-चार पीढ़ियों से परिवार सहित निवास करते हुए आ रहे है. वर्तमान में पच्चीस सौ से 3 हजार की आबादी यहां पर बसी हुई है. राजस्थान सरकार एवं प्रशासन को इस मामले को भलीभांति जानती भी है लेकिन पटवारी और गिरदावर इन परिवार वालों के पास पहुंचकर ग्रामीणों को बेवजह परेशान करते हैं.

चारागाह में बसी भूमी को आबादी किस्म में दर्ज करने की मांग

उन्होंने बताया कि यदि कोई परिवार निर्माण कार्य चलाता है तो पटवारी व अन्य अधिकारी निर्माण को रूकवा देते है. उन्होंने तो अधिकारियों पर यह भी आरोप लगाया कि पैसे लेकर निर्माण को फिर वापस से चालू भी करवा देते हैं. इसकी कई बार ग्रामीणों ने अधिकारियों को शिकायत भी की.

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उन्होंने कहा कि प्रशासन से मांग भी की गई है कि भूमि की किस्म बदली जाए लेकिन सोमवार तक जमीन की किस्म बदली नहीं गई है. जिसके बाद एडीएम से मिलकर मांग की गई है कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाए. ग्रामीणों ने सकारात्मकर परिणाम नहीं आने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

Intro:करौली के सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के आडीहुडपुरा,राडौली,के  ग्रामीणों ने सोमवार को चारागाह में बसी भूमी को आबादी में दर्ज करने की मांग को जिला कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया..एडीएम को ज्ञापन सौप समस्या समाधान की मांग की..समस्या समाधान नहीं होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है..


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चारागाह में बसी भूमी को आबादी में दर्ज करने की मांग को लेकर ग्रामीणो ने किया कलेक्ट्रेट मे प्रदर्शन, समस्या समाधान नहीं होने पर आंदोलन करने की दी चेतावनी,

करौली

करौली के सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के आडीहुडपुरा,राडौली,के  ग्रामीणों ने सोमवार को चारागाह में बसी भूमी को आबादी में दर्ज करने की मांग को जिला कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया..एडीएम को ज्ञापन सौप समस्या समाधान की मांग की..समस्या समाधान नहीं होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है..

ग्रामीणों ने बताया की सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के आडीहुडपुरा,राडौली,मे ग्रामवासियो के विगत करीब तीन सो साल  से पुराने रियासी मकान बने हुए हैं.. जिनमें सभी लोग अपनी तीन चार पीढ़ियों से परिवार सहित निवास करते हुए आ रहे है.. वर्तमान में पच्चीस सौ-तीन हजार की आबादी यहां पर बसी हुई है.. राजस्थान सरकार एवं प्रशासन के द्वारा इस मामले की भलीभांति जानकारी भी है.. लेकिन पटवारी और गिरदावर इन परिवार वालों के पास पहुंचकर ग्रामीणों को बेवजह परेशान करते हैं.. यदि कोई परिवार निर्माण कराता है तो.. निर्माण को रखवा देते हैं.. पैसे लेकर निर्माण को फिर वापस से चालू करा देते हैं.. इसकी कई बार ग्रामीणों ने अधिकारियों को शिकायत भी कर दी है.. प्रशासन से मांग भी की है की भूमि की किस्म बदली जाए.. लेकिन आज दिनांक तक जमीन की किस्म बदली नहीं गई है.. आज एडीएम से मिलकर मांग की गई है.. हमारी समस्या का जल्दी समाधान किया जाए.. अगर इस समस्या पर सकारात्मक परिणाम आते हैं तो ठीक है.. नहीं तो ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि सभी ग्रामीण आम जनता के साथ आंदोलन पर उतारू होंगे..

 वाईट-- हाकिम सिंह गुर्जर महासभा नेता,


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