करौली. कोरोना काल में किसी ने अपने परिवार के सदस्य को खोया तो किसी ने अपने रिश्तेदार को खोया है. लोग कोरोना महामारी का नाम सुनते ही डरने लगे हैं. ईटीवी भारत ने मनोरोग चिकित्सक डॉक्टर प्रेमराज मीणा से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि लोगों को सरकार की गाइडलाइन की पालना करनी चाहिए, इससे ही हम कोरोना की तीसरी लहर को जीत सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि आमजन की सबसे पहली प्राथमिकता कोरोना जांच करवाने की होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी को कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए. मीणा ने कहा कि लोगों को बिना डरे कोरोना जांच करवानी चाहिए क्योंकि वैक्सीन प्रभावशाली है.
डॉ. प्रेमराज मीणा ने कहा कि कोरोना के दूसरे लहर में अभी भी कई मामले सामने आ रहे हैं. दूसरी लहर ने मानसिक स्वास्थ्य को काफी हद तक प्रभावित किया है. इसमें सबसे बड़ी समस्या अनिंद्रा की सामने आई है. साथ ही मरीजों के अंदर डर की भावना उत्पन्न हो गई है और लोगों में भय व्याप्त है. उन्होंने कहा कि लोगों में घबराहट, बेचैनी और अवसाद की समस्या आई है.
मानसिक रोग विशेषज्ञ ने बताया कि कोरोना काल में सबसे बड़ी बीमारी जो सामने आई है वो ओसीडी बीमारी है. उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों को बार-बार हाथ धोने और सैनिटाइज करने के लिए कहा जाता है, लेकिन अब सामने आ रहा है कि लोगों को इसकी आदत हो गई है. लिमिट से ज्यादा हाथ धोना एक बीमारी है, जिसे ओसीडी कहते हैं.
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में डिप्रेशन की समस्या भी सबसे ज्यादा उभर कर सामने आई है. इस बीमारी से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ गई है. इसमें व्यक्ति को नींद बहुत कम आती है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को घर पर रहते और अपनी नौकरी से दूर रहते काफी समय हो गया, इसके कारण उनके मन में एक भय उत्पन्न हो गया है. जिससे कारण लोग अवसाद में जाने लगे हैं.
मीणा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आमजन प्राथमिकता से कोरोना टेस्ट करवाएं और कोरोना का टीका लगवाएं. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन प्रभावी है. वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद कोरोना का खतरा कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना टीका को लेकर भ्रांति नजर जा रही है कि टीका लगवाने के बाद लोगों की मौत हो जाती है, लेकिन यह गलत है.
विशेषज्ञ ने बताया कि आने वाले समय में लोगों में अवसाद, बेचैनी, घबराहट और हताश जैसी बीमारियां पनप सकती है. इसके लिए उन्होंने आमजन को दृढ निश्चय और आत्मविश्वास रखने की अपील की है. साथ ही उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से कोरोना काल में मानसिक रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पोस्ट कोविड ओपीडी शुरू की गई है. इसमे मरीजों का इलाज किया जा रहा है.