करौली. जिले के हिंडौन में शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार एंड एंटी करप्शन मिशन ने किसानों का समर्थन करने के साथ ही कृषि कानून के खिलाफ विरोध जताया. संस्था ने राष्ट्रपति के नाम उपजिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कृषि कानून को वापस लेने की मांग की गई है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार एंड एंटी करप्शन मिशन करौली के जिलाध्यक्ष करतार सिंह चौधरी ने बताया कि जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया है. साथ ही उनहोंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए कानून लाया गया है, वह गलत है.
इससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल सकता और किसान जो कि अन्नदाता हैं, उनकी आशाओं के खिलाफ यह विधेयक लाया गया है. उनका कहना है कि ज्ञापन में बताया गया है कि अगर देश में हर बुराई और भ्रष्टाचार से कोई मुक्त है तो वह सिर्फ किसान है, जो अपनी मेहनत की कमाई खाता है.
पढ़ें: अलवर में 764 कंटेनमेंट जोन में रहेगी सख्ती, कर्फ्यू जैसे रहेंगे हालात
जिसपर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं होता है. किसान किस तरह अपनी उपज तैयार होने का इंतजार करता है. फिर भी किसान को उसका सही हक नहीं मिल सके तो यह उसके लिए दुख की बात है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस पर गहनता से विचार करते हुए विधेयक वापस लेना चाहिए और किसानों को उनका हक देना चाहिए. इस दौरान राष्ट्रीय मानवाधिकार एंड एंटी करप्शन के दीपक कुमार सैन, नाहर सिंह डागुर, कृष्णमोहन शर्मा, वीर सिंह मावई, सहित आदि लोग मौजूद रहे.