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सांसद राजोरिया ने चंबल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना के विषय को लोकसभा में उठाया, की ये मांग - rajsthan news

करौली-धौलपुर सांसद डॉ. मनोज राजोरिया ने आज गुरुवार को संसद में संसदीय क्षेत्र के दौरान नियम 377 के तहत करौली जिले की पेयजल संबंधी अत्यन्त महत्वपूर्ण चंबल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना की मांग को उठाया.

mp manoj rajoria raised issue
चंबल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना
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Published : Mar 18, 2021, 12:09 PM IST

करौली. चंबल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना की मांग को लेकर सांसद राजोरिया ने संसद में बताया कि जगर बांध हिण्डौन उपखण्ड क्षेत्र में जाट चौबीसा क्षेत्र के डागुरवाटी इलाके में स्थित करौली जिले का एक प्रमुख बांध है. बीते कुछ दशकों में इस बांध के समीपस्थ पहाड़ियों में अवैध खनन होने के कारण इस बांध में पानी की आवक की कई प्रमुख धाराएं बन्द हो गई हैं. इससे इस बांध के सूखने से इसकी नहरें सूख गई हैं. इस कारण हिण्डौन उपखण्ड के किसानों की खेती पर काफी प्रभारी पड़ रहा है.

इसके अतिरिक्त उक्त परियोजना के लगभग दो लाख की आबादी वाले हिण्डौन सिटी कस्बे की पेयजल की समस्या का भी समाधान संभव हो सकेगा. यह परियोजना संसदीय क्षेत्र की अत्यन्त महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके लिए उनके द्वारा गत कार्यकाल से ही काफी प्रयासरत है. इस संबंध में सासंद को पूर्व में प्रेषित पत्र के प्रत्युत्तर में अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता जल संसाधन संभाग जयपुर की टिप्पणी से ज्ञात होता है कि यह कार्य वर्ष 2012 में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को स्थानांतरित किया गया था, लेकिन जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा इस प्रकार की योजना हेतु अनुभवहीनता बताते हुए इसे जल संसाधन विभाग से कराने हेतु प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रेषित किया है. तभी से यह योजना कागजों में अटकी हुई हैं.

पढ़ें : जयपुर में बुक पब्लिशर ऑफिस में हुए हमले के विरोध में व्यापारी करेंगे बाजार बंद

उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में इस परियोजना को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) में सम्मिलित किया गया है, क्योंकि उक्त पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) परियोजना काफी विस्तृत परियोजना है. इसमें पूर्वी राजस्थान के 13 जिले सम्मिलित हैं. राजस्थान की वर्तमान कांग्रेस सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण इसमें चंबल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना को पर्याप्त महत्व मिल पाने की संभावनाएं सीमित हैं. सांसद ने बताया कि संसदीय क्षेत्र के करौली जिले के इस अत्यन्त महत्वपूर्ण चम्बल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना के लिए राज्य सरकार से पृथक से प्रस्ताव तैयार कर मंगवाने और उक्त योजना के कार्य को शीघ्र आरंभ करवाने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया जाए, जिससे इस क्षेत्र के किसानों व आमजन की पानी समस्या का समाधान हो सके.

करौली. चंबल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना की मांग को लेकर सांसद राजोरिया ने संसद में बताया कि जगर बांध हिण्डौन उपखण्ड क्षेत्र में जाट चौबीसा क्षेत्र के डागुरवाटी इलाके में स्थित करौली जिले का एक प्रमुख बांध है. बीते कुछ दशकों में इस बांध के समीपस्थ पहाड़ियों में अवैध खनन होने के कारण इस बांध में पानी की आवक की कई प्रमुख धाराएं बन्द हो गई हैं. इससे इस बांध के सूखने से इसकी नहरें सूख गई हैं. इस कारण हिण्डौन उपखण्ड के किसानों की खेती पर काफी प्रभारी पड़ रहा है.

इसके अतिरिक्त उक्त परियोजना के लगभग दो लाख की आबादी वाले हिण्डौन सिटी कस्बे की पेयजल की समस्या का भी समाधान संभव हो सकेगा. यह परियोजना संसदीय क्षेत्र की अत्यन्त महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके लिए उनके द्वारा गत कार्यकाल से ही काफी प्रयासरत है. इस संबंध में सासंद को पूर्व में प्रेषित पत्र के प्रत्युत्तर में अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता जल संसाधन संभाग जयपुर की टिप्पणी से ज्ञात होता है कि यह कार्य वर्ष 2012 में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को स्थानांतरित किया गया था, लेकिन जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा इस प्रकार की योजना हेतु अनुभवहीनता बताते हुए इसे जल संसाधन विभाग से कराने हेतु प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रेषित किया है. तभी से यह योजना कागजों में अटकी हुई हैं.

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उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में इस परियोजना को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) में सम्मिलित किया गया है, क्योंकि उक्त पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) परियोजना काफी विस्तृत परियोजना है. इसमें पूर्वी राजस्थान के 13 जिले सम्मिलित हैं. राजस्थान की वर्तमान कांग्रेस सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण इसमें चंबल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना को पर्याप्त महत्व मिल पाने की संभावनाएं सीमित हैं. सांसद ने बताया कि संसदीय क्षेत्र के करौली जिले के इस अत्यन्त महत्वपूर्ण चम्बल-पांचना-जगर लिफ्ट परियोजना के लिए राज्य सरकार से पृथक से प्रस्ताव तैयार कर मंगवाने और उक्त योजना के कार्य को शीघ्र आरंभ करवाने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया जाए, जिससे इस क्षेत्र के किसानों व आमजन की पानी समस्या का समाधान हो सके.

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