करौली. प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश से भले ही बाढ़ के हालात बने हों. लेकिन जिले में मानसून की बेरुखी से अभी तक अच्छी बारिश को तरस रहा हैं. सावन में भी अधूरी रही आस के बाद अब भादो में पूरा होने की लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं.
मानसून की बेरुखी का ही नतीजा है की जिले का एक भी बांध-तालाब अभी तक जल हिलोरों को तरस रहा है. प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार करौली जिला इस बार मानसून में भी पिछड़ गया है. स्थिति यह है की सावन बीतने के बाद भादो माह के आधे दिन निकलने के बाद भी जिले में औसत बारिश तक नहीं हुई हैं. जल संसाधन विभाग सूत्रों के अनुसार जिले मे औसत बारिश से भी कम वर्षा हुई है.
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जल संसाधन विभाग के अधीन जिले में छोटे-बड़े कुल 13 बांध है. लेकिन एक भी बांध लबालब तो दूर पूर्ण क्षमता के आसपास तक नहीं पहुंचा हैं. जिले का प्रमुख पांचना बांध अभी भी अपनी भराव क्षमता से करीब पांच मीटर दूर है. कुल 258.62 मीटर की भराव क्षमता का पांचना बांध का जलस्तर अभी 253.25 मीटर पर हैं. अन्य बड़े बांधों की बात करें तो 17 फीट की भराव क्षमता का नींदर बांध में भी अभी 7.7 फीट पानी है. इन सबसे बुरी स्थिति हिण्डौन इलाके के सबसे बड़े जगर बांध की हैं. कुल 30 फीट भराव क्षमता के जगर में महज 11 फीट पानी हैं. यही स्थिति मामचारी बांध की हैं. कुल 19 फीट भराव क्षमता के जगर में महज 5.4 फीट पानी हैं. इसी प्रकार बांधवा, बेरुंडा नींदर, बिशनसंमद, मोहनपुरा, फतेहसागर, भूमेन्द् सागर,खिरखिरी बांध की है. जल संसाधन विभाग के अधिकारी सुशील गुर्जर ने बताया की अभी मानसुन का दौर शेष हैं. ऐसे में उम्मीद है की आगामी दिनों में पानी आ सकता हैं.