करौली. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बढ़ते प्रभाव को लेकर राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे जन अनुशासन पखवाड़ा की करौली जिले के सपोटरा उपखंड में खुलकर धज्जियां उड़ने के साथ ही आए दिन ऐसे हालात पैदा होते हैं कि लोगों को घंटोंभर जाम में फंसा रहना पड़ता है. लेकिन पुलिस प्रशासन जाम खुलवाना तो दूर की बात दूर-दूर तक नजर नहीं आता. आखिर कैसे कोरोना की रफ्तार रुकेगी. जब बाजार में भीड़ उमड़ती हो और जन अनुशासन पखवाडा गाइडलाइन की पालना करवाने वाले जिम्मेदार बाजार से नदारद हो.
पढ़ें: जमीनी स्तर पर संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन और अधिक सख्ती करें: अशोक गहलोत
सपोटरा उपखंड मुख्यालय पर कोरोना गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं. बता दें कि जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. जिससे सपोटरा भी अछूता नहीं है लेकिन सपोटरा में पुलिस प्रशासन की उदासीनता और जिम्मेदारों के गहरी नींद में सोए होने के कारण हालात ऐसे पैदा होते हैं कि लोगों को रोजाना घंटोंभर जाम में फंसा रहना पड़ता है और इस दौरान लोगों के चेहरों पर ना तो मास्क लगा होता है और ना ही सामाजिक दूरी की पालना होती हैं.
दुकानदार करते हैं मनमानी, प्रशासन के साथ में खेल रहे आंख मिचोली
सपोटरा उपखंड मुख्यालय पर कई दुकानदारों की मनमानी भी देखने को मिल रही है. राज्य सरकार की गाइडलाइन में जिन दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं है वह दुकानदार भी अपनी मनमर्जी से दुकानों को खोल रहे हैं और प्रशासन के साथ में आंख मिचौली का खेल खेल रहे हैं. बता दें कि सपोटरा कस्बे के मुख्य बाजार में कई ऐसे दुकानदार है जो बाजार में खरीदारी करने के लिए आने वाले ग्राहकों को अपनी दुकानों के भीतर घुसा लेते हैं और बाहर से शटर का ताला लगा देते हैं. ताकि प्रशासन को इसकी भनक नहीं लगे और मनमर्जी से ग्राहकों से मनमाना दाम वसूलते हैं.
दुकान के अंदर लोगों को घुसाकर सामान बेचना एक प्रकार से कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देना है लेकिन उपखंड प्रशासन ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कोई कड़ा एक्शन नहीं ले रहा. जिससे आमजन में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना बनी हुई है.