करौली. गुर्जर समाज आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 9 दिनों से रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं. सोमवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और गहलोत सरकार के मंत्री अशोक चांदना के बीच वार्ता हुई. वार्ता में सरकार की ओर से रखे गए प्रस्तावों पर संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला, विजय बैंसला, कैप्टन हरप्रसाद तंवर, हरदेव पावटा, जीतू तंवर और उपस्थित पदाधिकारियों ने असहमति जताई.
वहीं, वार्ता में सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आने से आंदोलन समाप्त होने की कोई घोषणा भी नहीं हो सकी. वार्ता खत्म होने के बाद खेल मंत्री अशोक चांदना ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति ने अपनी 6 मांगें सरकार के समक्ष रखी थी, जबकि मुख्यमंत्री ने 14 मांगों को पूरा किया है.
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अशोक चांदना ने कहा कि बैकलॉग भर्ती प्रक्रिया का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि न्यायिक आदेश की राज्य सरकार पालना करेगी. चांदना ने कहा कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और राज्य सरकार के बीच अब अगली वार्ता जयपुर में ही होगी.
इन मांगों पर नहीं बन पाई सहमति...
खेल मंत्री और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के बीच हुई वार्ता में गुर्जरों की दो प्रमुख मांगों पर सहमति नहीं बन पाई. वार्ता में प्रक्रियाधीन भर्ती और बैकलॉग पर सहमति नहीं बन पाई. वहीं, आंदोलन का नेतृत्व कर रहे विजय बैंसला ने बताया कि वार्ता के दौरान खेल मंत्री अशोक चांदना ने सरकार के प्रस्तावों के तहत 1252 लोगों के नियमितीकरण की चिट्ठी दी और 3 शहीदों के चेक दिए, जिसमें भर्ती की तिथि पर सहमति नहीं बनी है.
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बता दें कि गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 9 दिनों से रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं. बैकलॉग में नियुक्ति की मुख्य मांग को लेकर गुर्जर आंदोलन पर अड़े हुए हैं. इस बीच सरकार की तरफ से उनकी सभी मांगें मानने का दावा किया जा रहा है. लेकिन गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति बैकलॉग में नियुक्ति पत्र देने की मुख्य मांग को लेकर अड़े हुए हैं. गुर्जरों का कहना है कि जब तक उन्हें रेलवे ट्रैक पर ही आकर नियुक्ति पत्र नहीं दिए जाते, तब तक ट्रैक खाली नहीं करेंगे.