करौली. मंत्री रमेश मीणा ने कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारियों को लेकर खास बातचीत की. इस दौरान रमेश मीणा ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार साथ मिलकर पूरी मुस्तैदी से इस बीमारी को मात देने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूरा कैबिनेट और प्रशासन की ओर से प्रदेश में कोरोना से बचाव के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. साथ ही गरीब, दिव्यांग और मजदूरों के लिए खाद्द सामग्री की व्यवस्था की जा रही है.
रमेश मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के अनुसार प्रदेश का कोई भी व्यक्ति भूखे पेट ना सोये. इसके लिए जिला कलेक्टरों और रसद अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रशासन भी अपने स्तर पर हर व्यक्ति तक मदद पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रहा है. सरकार ने ऐसे व्यक्ति जो खाद सुरक्षा सूची में शामिल नहीं थे उनके लिए भी राशन सामाग्री की व्यवस्था की है. रमेश मीणा ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी, भामाशाह और पत्रकारों ने भी विषम परिस्थिति में एक अच्छा काम किया है. सरकार की प्राथमिकता है कि कोई भी व्यक्ति परेशान ना हो और सभी को सारी सुविधाएं मिले. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस का पालन करना जरुरी है.
15-15 लाख खातों में देने का वादाः
पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से लॉकडाउन के दौरान आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए दिए गए 20 लाख करोड़ के विशेष पैकेज पर मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि ये तो केंद्र सरकार का बजट है. रमेश मीणा ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों की भारत सरकार मदद करें. उनको प्राथमिकता से विशेष पैकेज दे या उनको रोजगार के साधन उपलब्ध कराए. मीणा ने कहा कि सरकार की ओर से घोषित किए गए 20 लाख करोड़ का पैकेज अभी तक नहीं आया है. जब लोगों को सुविधाएं मिलेंगी तब पता चलेगा की कितना बजट आया है और कितना नहीं. मीणा ने तंज कसते हुए कहा कि ये तो वही वाला हाल हो गया कि सबके खातों में 15-15 लाख रुपए आएंगे और आए किसी के खाते में नहीं.
लॉकडाउन से पहले करना चाहिए था सचेतः
राहुल गांधी की ओर से लॉकडाउन को विफल बताने के बारे में मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि भारत सरकार को लॉकडाउन के आदेश जारी करने से पहले लोगों को सचेत करना चाहिए. ताकि वह अपने घरों पर समय से सावधानीपूर्वक पहुंच जाएं. उसके बाद लॉकडाउन के आदेश जारी करने चाहिए थे.
बसों पर पॉलिटिक्स करना BJP की प्लानिंगः
बस पॉलिटिक्स पर मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि बात बसों की नहीं है. बसों की पॉलिटिक्स करोगे, यह तो प्लानिंग है, गुटबाजी है. बसों का कोई मुद्दा नहीं है. मुद्दा यह है कि इस देश में जो चर्चा होनी चाहिए कि देश की जीडीपी, देश में युवाओं को रोजगार कैसे मिले, देश को विकास की गति कैसे मिले, देश आगे कैसे बढ़े, इस पर चर्चा होनी चाहिए. चर्चा उस पर होनी चाहिए कि लोगों की दो वक्त की रोटी की बात हो. प्रवासी मजदूरों की बात कर रहे हैं. बसों की चर्चा कर रहे हैं. बात होनी चाहिए थी कि प्रवासी मजदूर जो अन्य राज्यो में फंसे हुए हैं. उनके लिए ट्रेन की सुविधा होनी चाहिए थी. बसों की सुविधा होनी चाहिए थी.
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मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी, भारत सरकार की जिम्मेदारी, तालमेल होना चाहिए था. संबंध स्थापित करते. समन्वय बनाते और मजदूरों को अपने घर पहुंचाते. लेकिन इस देश की दुर्भाग्य की बात है सभी ने मजदूरों को सड़कों पर छोड़ दिया. केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं किया, जिसका यह परिणाम हुआ कि गरीब मजदूर जो अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर मजदूरी करके अपना तथा अपने बीवी बच्चो का पेट पालते थे. उनको चिलचिलाती धूप में पैदल ही अपने घर के लिए रवाना होना पड़ा. कोई कोरोना से मरा या नहीं मरा. बल्कि मजदूर वर्ग भुखमरी से मर गया, जो कि बहुत गलत हुआ. सैकड़ों मजदूर एक्सीडेंट में मर गए और आज भी कई मजदूर अपने घरों पर नहीं पहुंच पाए यह दुख की बात है. इस देश के गरीब किसान का मजाक उड़ाया जा रहा है.
नहीं होगी पानी की कमीः
प्रदेश में इन दिनों बढ़ रही टिड्डियों की समस्या और पानी की समस्या को लेकर मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि टिड्डी काफी समय से पाकिस्तान से आ रही है. बाड़मेर जिले में टिड्डी रोकने के सरकार के काफी अच्छे प्रयास रहे हैं. अभी भी अच्छी तैयारियां चल रही हैं. करौली में भी तैयारियां चल रही हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों को टिड्डी भगाने के निर्देश जारी किए गए हैं. पानी के लिए सरकार ने सभी जिलों और उपखंड स्तर पर पैसा आवंटन कर दिया है. जहां भी पानी की समस्या आएगी. वहां पर टैंकरों से पानी की व्यवस्था की जाएगी. जहां पर ट्यूबवेल है, जलदाय योजना है, जहां कनेक्शन नहीं हो पा रहे है. वहां पर कनेक्शन करवाए जाएंगे. जहां पर हैडपंप नहीं है, वहां पर हैंडपंप लगवाए जाएंगे. राजस्थान में पानी की कोई दिक्कत नहीं आएगी. इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली है. विभाग भी पूरी तरह से मुस्तैद है.