करौली. प्रादेशिक स्तर पर परिवार कल्याण साधनों के प्रगति की समीक्षा के अंतर्गत वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से सभी ब्लाॅक और सेक्टर की समीक्षा की गई, जिसमें सीएमएचओ डाॅ. दिनेश चंद मीना ने संसाधन उपलब्धता के बावजूद कम प्रगति पर चिंता जताते हुऐ सुधार के निर्देश दिए. इस दौरान डिप्टी सीएमएचओ और डीपीएम आशुतोष पांडेय ने पीपीटी के माध्यम से प्रगति की स्थिति से अवगत कराया.
सीएमएचओ डाॅ. मीना ने बताया कि निदेशालय के आदेशानुसार प्रत्येक माह परिवार कल्याण साधनों के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा की जाएगी, जिसमें कम प्रगति वाले सेक्टरों के मूंल्याकन कर उन्हें प्रगति के लिए प्रेरित किया जाएगा. डाॅ. मीना इस दौरान ब्लाक वाइज अंतरा इजेंक्शन, पीपीआईसीयूडी, पीएआईसीयूडी, आईयूसीडी, गर्भ निरोधक गोलियां और कंडोम सहित महिला-पुरूष नसबंदी के प्रगति आंकडों से रूबरू होकर माॅनिटरिंग की आवश्यकता जताकर सुधार के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास परिवार कल्याण साधनों के सहयोग से जनसंख्या को कम करने के साथ लोगों को छोटे परिवार की अवधारणा से जोड़ना है. परिवार नियोजन के हर प्रकार के साधन सभी चिकित्सा संस्थाओं पर उपलब्ध हैं. योग्य दंपत्तियों को सीमित परिवार, दो बच्चों में अंतराल और शादी के दो साल बाद संतान पैदा करने के लिए प्रेरित करना है. उन्होंने दंपत्तियों की सुविधानुसार साधन चयन के बारे में जोर देते हुए एएनएम और आशा को इस क्षेत्र में कार्य योजना बनाकर आवंटित लक्ष्य प्राप्ति के निर्देश दिए.
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उन्होंने संस्थान प्रभारियों से एफपी-एलआईएमएस का साप्ताहिक अवलोकन की अपेक्षा जताकर प्रेरक गतिविधियां बढाने पर जोर दिया. उन्होंने अच्छे परिणाम के लिए आरसीएच रजिस्टर में सूचना इंद्राज करने और पिछले साल हासिल किए गए लक्ष्यों का ध्यान रखते हुए, परिवार नियोजन में आशाओं द्वारा योग्य दंपत्तियों को प्रेरित गतिविधियां किए जाने की अपेक्षा जताई. इस दौरान जिला अस्पताल से डाॅ. शिवलहरी, आईईसी समन्वयक लखन सिंह लोधा, साधन वितरण प्रभारी मदनमोहन शुक्ला, डीईओ छैल बिहारी और ब्लाॅक स्तर पर बीसीएमओ, बीपीएम व चिकित्साधिकारी मौजूद रहे.