करौली. जिले के हिण्डौन नगर परिषद द्वारा शहरभर का कचरा करौली मार्ग स्थित जलस्रोत जाट का तालाब की पाल तथा पास की खुली सरकारी जमीन पर डाला जा रहा है. शहर में संचालित एक मात्र गौशाला की गायों को इसी मार्ग से होकर खेतों में चराने के लिए ले जाया जाता है. ऐसे में भूख से तंग अधिकांश गायें तालाब की उस पाल के पास ठहर जाती हैं, जहां कचरे के साथ जमा होने वाले पॉलीथिन का अंबार लगा हुआ रहता हैं.
भूखी गायें इसी जानलेवा पॉलीथिन को खाकर अपना पेट भर रही हैं. प्रमुख बात यह है कि इस ओर न तो नगर परिषद के अधिकारियों का कोई ध्यान है और न ही गौशाला प्रबंधन इस ओर ध्यान दे रहा है. ऐसे में गायें पॉलीथिन खाकर पेट तो भर रही हैं मगर मौत की शिकार भी हो रही है. क्षेत्र के गौवंश प्रेमियों ने नगर परिषद के आला अफसरों और गौशाला प्रबंधन की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की हैं.
लोगों का कहना है कि गायों को मौत की ओर धकेल रहे अफसरों को दंडित करने की कार्रवाई करने के साथ गौवंशों को संरक्षण देने का कार्य किया जाए. नगर परिषद आयुक्त प्रेमराज मीना ने बताया कि पोलोथिन पर अभियान चलाकर सभी व्यापारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. गौशाला प्रबंधन के खिलाफ मामले में जांच करा कर कार्यवाही की जाएगी.
शहरवासी अनिल उद्देया ने बताया कि हर माह दर्जनभर गायों की मौत हो रही है. शहर के जाट के तालाब में नगर परिषद की ओर शहर का कचरा डाला जा रहा है. जिससे उपखंड क्षेत्र में पॉलीथिन खाने से हर माह 50 गायों की मौत हो रही हैं, लेकिन नगर परिषद के अधिकारी एवं गौशाला प्रबंधन से जुडे़ लोग कार्रवाई के भय से गायों की मौत को उजागर नहीं होने दे रहे हैं. जाट का तालाब के पास सडांध मार रहे गायों के कंकाल इस बात की पुष्टि करते हैं.
शहरवासी ललित चतुर्वेदी ने बताया कि नगर परिषद द्वारा शहर का कचरा जाट के तालाब में डाला जा रहा है. जाट के तालाब में पॉलीथिन का अंबार लगा हुआ है. भूखी गाय जाट के तालाब में पॉलीथिन खा कर मर रही है. गौरतलब है कि हिन्दू धर्म मे गाय को माता का दर्जा दिया गया है लेकिन नगर परिषद और गौशाला प्रबंधन की ओर से पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है. जिससे हर माह कई गायों की मौत हो रही हैं.