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11 करोड़ के सिक्कों के गबन का मामला: CBI टीम पहुंची मेहंदीपुर बालाजी एसबीआई शाखा...शुरू की जांच

करौली में मेहंदीपुर बालाजी की एसबीआई शाखा से 11 करोड़ के सिक्कों के गबन (embezzlement case of 11 crore coins in karauli) की जांच के मामले में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है. बुधवार को टीम मेहंदीपुर बालाजी एसबीआई शाखा (CBI team reached Mehndipur Balaji SBI branch) पहुंची और जांच शुरू की.

CBI team reached Mehndipur Balaji SBI branch
CBI टीम पहुंची मेहंदीपुर बालाजी एसबीआई शाखा
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Published : Apr 20, 2022, 8:33 PM IST

करौली. जिले के मेहंदीपुर बालाजी स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से 11 करोड़ के सिक्कों के गबन के मामले (embezzlement case of 11 crore coins in karauli) की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. जांच के लिए सीबीआई टीम बुधवार को बैंक शाखा (CBI team reached Mehndipur Balaji SBI branch) पहुंची. इस दौरान जयपुर और सवाई माधोपुर से एसबीआई के अधिकारी भी वहां मौजूद रहे. टीम ने बैंक अधिकारी, कार्मिकों से विशेष तौर पर बैंक में जमा सिक्कों की गिनती करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली.

जिले के टोडाभीम उपखंड अन्तर्गत मेहंदीपुर बालाजी के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से 11 करोड़ के सिक्कों के गबन के मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. जांच के लिए सीबीआई के जयपुर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार के नेतृत्व में सीबीआई की टीम बैंक शाखा पहुंची. इस दौरान जयपुर और सवाई माधोपुर से एसबीआई के अधिकारी भी मौजूद रहे. टीम ने बैंक अधिकारी कार्मिकों से विशेष तौर पर बैंक में जमा सिक्कों की गिनती करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली. लगभग डेढ़ घंटे तक टीम बैंक में रही और पूछताछ भी की.

पढ़ें. Fraud case in Jaipur: कच्चे काजू के व्यापार में ज्यादा मुनाफा कमाने का दिया लालच, ठग लिए 28 लाख रुपए, मामला दर्ज

सूत्रों के अनुसार यह टीम उस धर्मशाला में भी गई जहां पर सिक्कों की गिनती करने वाली वेंडर फर्म के कार्मिक ठहरे थे. सिक्कों की गिनती वहीं पर की गई थी. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बैंक की ओर से उच्च न्यायालय में मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की याचिका दायर की गई थी. इस पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई से जांच के आदेश दिए थे. इस पर सीबीआई ने 13 अप्रैल को मामले की अपने यहां प्राथमिकी दर्ज कर ली थी. इसी क्रम में सीबीआई की टीम मेहंदीपुर बालाजी और टोडाभीम बैंक शाखा पहुंची.

यह है पूरा मामला
घाटा मेहंदीपुर बालाजी की भारतीय स्टेट बैंक शाखा के प्रबंधक हरगोविंद सिंह मीणा ने बीते अगस्त में टोडाभीम थाने में बैंक शाखा से 11 करोड़ के सिक्कों के गबन के मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें बताया था कि क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय के आदेश के अनुसार गठित समिति के पेशेवर वेंडर की ओर से शाखा के हस्तगत रोकड़ के सिक्कों की गिनती कराई जा रही थी. इसमें 10 अगस्त को गिनती के बाद लगभग 11 करोड़ रुपये के घपले का पता चला. बाद में यह घोटाला 13 करोड़ तक पाया गया. इसको लेकर भारतीय स्टेट बैंक की मेहंदीपुर शाखा के प्रशासनिक जांच में पाया कि बैंक में इतनी अधिक राशि का गबन किया गया है. इसके लिए बैंक ने एक समिति का गठन कर शाखा के कैश की जांच करवाई.

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प्रारंभिक जांच में सिक्को का गबन होना पाया गया. इस मामले की प्राथमिकी में हरगोविंद मीणा ने गबन की अवधि में शाखा प्रबंधक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर कार्यरत रहे. 14-15 जनों की सूची पुलिस को सौंपी. पुलिस ने इनसे पूछताछ की लेकिन कुछ ज्यादा अनुसंधान नहीं कर सकी थी. आरोप है कि पुलिस ने जांच में शिथिलता बरती गई. इस बीच उच्च न्यायालय में बैंक की ओर से रिट लगाई गई. इस रिट पर कुछ दिन पहले उच्च न्यायालय ने मामले की पत्रावली सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए हैं. सूत्रों ने बताया कि अभी पुलिस ने यह पत्रावली सीबीआई को नहीं सौंपी है. सीबीआई प्रारंभिक जांच कर रही है.

करौली. जिले के मेहंदीपुर बालाजी स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से 11 करोड़ के सिक्कों के गबन के मामले (embezzlement case of 11 crore coins in karauli) की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. जांच के लिए सीबीआई टीम बुधवार को बैंक शाखा (CBI team reached Mehndipur Balaji SBI branch) पहुंची. इस दौरान जयपुर और सवाई माधोपुर से एसबीआई के अधिकारी भी वहां मौजूद रहे. टीम ने बैंक अधिकारी, कार्मिकों से विशेष तौर पर बैंक में जमा सिक्कों की गिनती करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली.

जिले के टोडाभीम उपखंड अन्तर्गत मेहंदीपुर बालाजी के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से 11 करोड़ के सिक्कों के गबन के मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. जांच के लिए सीबीआई के जयपुर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार के नेतृत्व में सीबीआई की टीम बैंक शाखा पहुंची. इस दौरान जयपुर और सवाई माधोपुर से एसबीआई के अधिकारी भी मौजूद रहे. टीम ने बैंक अधिकारी कार्मिकों से विशेष तौर पर बैंक में जमा सिक्कों की गिनती करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली. लगभग डेढ़ घंटे तक टीम बैंक में रही और पूछताछ भी की.

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सूत्रों के अनुसार यह टीम उस धर्मशाला में भी गई जहां पर सिक्कों की गिनती करने वाली वेंडर फर्म के कार्मिक ठहरे थे. सिक्कों की गिनती वहीं पर की गई थी. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बैंक की ओर से उच्च न्यायालय में मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की याचिका दायर की गई थी. इस पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई से जांच के आदेश दिए थे. इस पर सीबीआई ने 13 अप्रैल को मामले की अपने यहां प्राथमिकी दर्ज कर ली थी. इसी क्रम में सीबीआई की टीम मेहंदीपुर बालाजी और टोडाभीम बैंक शाखा पहुंची.

यह है पूरा मामला
घाटा मेहंदीपुर बालाजी की भारतीय स्टेट बैंक शाखा के प्रबंधक हरगोविंद सिंह मीणा ने बीते अगस्त में टोडाभीम थाने में बैंक शाखा से 11 करोड़ के सिक्कों के गबन के मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें बताया था कि क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय के आदेश के अनुसार गठित समिति के पेशेवर वेंडर की ओर से शाखा के हस्तगत रोकड़ के सिक्कों की गिनती कराई जा रही थी. इसमें 10 अगस्त को गिनती के बाद लगभग 11 करोड़ रुपये के घपले का पता चला. बाद में यह घोटाला 13 करोड़ तक पाया गया. इसको लेकर भारतीय स्टेट बैंक की मेहंदीपुर शाखा के प्रशासनिक जांच में पाया कि बैंक में इतनी अधिक राशि का गबन किया गया है. इसके लिए बैंक ने एक समिति का गठन कर शाखा के कैश की जांच करवाई.

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प्रारंभिक जांच में सिक्को का गबन होना पाया गया. इस मामले की प्राथमिकी में हरगोविंद मीणा ने गबन की अवधि में शाखा प्रबंधक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर कार्यरत रहे. 14-15 जनों की सूची पुलिस को सौंपी. पुलिस ने इनसे पूछताछ की लेकिन कुछ ज्यादा अनुसंधान नहीं कर सकी थी. आरोप है कि पुलिस ने जांच में शिथिलता बरती गई. इस बीच उच्च न्यायालय में बैंक की ओर से रिट लगाई गई. इस रिट पर कुछ दिन पहले उच्च न्यायालय ने मामले की पत्रावली सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए हैं. सूत्रों ने बताया कि अभी पुलिस ने यह पत्रावली सीबीआई को नहीं सौंपी है. सीबीआई प्रारंभिक जांच कर रही है.

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