करौली. दो अप्रैल को हिन्दू नववर्ष पर हुई हिंसा के मामले मे मंगलवार को अशोक गहलोत सरकार की ओर से गठित कमेटी करौली पहुंची. कमेटी ने यहां पीड़ितों के बयान दर्ज किए और इस दौरान भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने कमेटी को 9 बिन्दुओं का ज्ञापन सौंप (BJP submitted memorandum to Home Secretary) कर निष्पक्ष जांच करने की मांग की. मंगलवार को करौली शहर के सर्किट हाउस में राजस्थान सरकार की ओर से गृह विभाग की 3 सदस्यीय गठित टीम पहुंची. यह टीम 18 से 20 अप्रैल तक करौली हिंसा की जांच करेगी उसके बाद राजस्थान सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
भाजपा नेताओं ने 2 अप्रैल को शोभा यात्रा पर हुए हमले के मामले में गृह सचिव केसी मीणा को 9 बिंदुओं का ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में बताया है कि एसएचओ कोतवाली की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में स्पष्ट किया है कि शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकल रही थी. शोभायात्रा पर संयंत्र के तहत प्राणघातक हमला किया गया. आरोप लगाया है कि इसके बावजूद थाना करौली में हिंदुओं को झूठा फंसाया गया है. जिस की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. भाजपाई नेताओं ने बताया कि 2 अप्रैल को हुई घटना में के संबंध में स्थानीय पुलिस व प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. घटना में दुकानों, घरों में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. ज्ञापन में बताया है कि शोभायात्रा निकलने से पूर्व ही दोपहर 1:30 बजे के करीब एक वर्ग की सभी दुकानें बंद कर दी गई.
पढ़ेंः राजस्थान के करौली में 15 दिन बाद हटाया गया कर्फ्यू, आम जन को मिली राहत
ऑटो रिक्शा वह भी 1 बजे बंद हो गए. उन्होंने इस घटना में इंटेलिजेंस फेलियर भी बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से शोभायात्रा के रूट की पहल से जांच नहीं की गई. शोभायात्रा के साथ चल रहे पुलिस जाप्ता के पास पथराव रोकने वाली हेलमेट ,बकेट आदि आवश्यक सामान नहीं था. ज्ञापन में बताया कि दंगाइयों ने दुकानें लूट कर आग के हवाले कर दी. साथ ही शोभायात्रा में शामिल निर्दोष लोगों की मोटरसाइकिल तोड़ दी गई या फिर आग के हवाले कर दी गई. जिनकी एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है.