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आंगनवाड़ी केंद्रों का 41 टीमों ने किया औचक निरीक्षण, सामने आई भारी अनियमितता

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Published : Jan 9, 2021, 5:06 PM IST

करौली में जिला कलेक्टर के निर्देश पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषाहार सामग्री वितरण के भौतिक सत्यापन के लिए एक अभियान चलाया गया है. इस कार्य के लिए 41 टीमों का गठन किया गया है. टीमों ने शनिवार को मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो भारी अनिमियता और गड़बड़ी सामने आई है.

inspection of Anganwadi centers, करौली जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग
करौली आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण

करौली. जिले में जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देश पर महिला और बाल विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंदेरों पर पूरक पोषाहार सामग्री वितरण के भौतिक सत्यापन का अभियान चलाया गया. इस कार्य के लिए 41 टीमों का गठन किया गया. वहीं टीमों ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो भारी अनिमियता और गड़बड़ी सामने आई है.

inspection of Anganwadi centers, करौली जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग
आंगनवाड़ी केंद्रों में सामने आई भारी अनियमितता

महिला एंव बाल विकास के उपनिदेशक प्रभातीलाल जाट ने बताया कि हिण्डौन परियोजना के आंगनबाडी केंद्र कारवाड मीणा और मीणा दांत का पुरा का औचक निरीक्षण किया तो अनिमियता सामने आई. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाए जाने पर संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कारण बताओं नोटिस जारी कर मानदेय सेवा से पृथक करने और महिला पर्यवेक्षक कैलाशी मीणा के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है.

पढ़ें- दौसाः बदमाशों ने पहले ट्रक रुकवाया, फिर चालक और खलासी को बंधक बनाकर लूटे 20 लाख

उपनिदेशक ने बताया कि हिंडौन परियोजना के परिक्षेत्र कोटरी के आंगनबाड़ी केंद्र कारवाड़ मीणा केंद्र पर ताला बंद पाया गया. आशा सहयोगनी पास में मिली और आंगनबाडी कार्यकर्ता उर्मिला मीना मौके पर मिली. दूरभाष पर आंगनबाडी कार्यकर्ता से संपर्क करने पर बताया कि केंद्र की चाबी उसके पास है और वह गांव से बाहर है. ग्राम वासियों और पंजीकृत लाभार्थियों के बयान और पूछताछ की गई. जिसमें ग्रामवासियो ने बताया कि केंद्र नियमित नहीं खुलता है और पोषाहार वितरण नहीं होता है.

लाभार्थियों से पूछताछ में बताया कि एक-एक किलो दाल का वितरण माह अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 तक एक दो बार ही किया गया और केंद्र पर कोई भी सूचना नोटिस बोर्ड पर चस्पा नहीं पाई गई. उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना अधिकारी हिण्डौन एवं महिला पर्यवेक्षक को मौके पर बुलाकर और ग्रामवासियों की उपस्थिति में केंद्र के ताले पर सील चस्पा की गई.

आंगनबाडी कार्यकर्ता को केंद्र पर बुलाकर ताला खुलवाया गया और पोषाहार रिकॉर्ड की जांच की गई. जिसमें पोषाहार सामग्री स्टॉक रजिस्टर में दाल 10 किलो, गेहुं 127 किलो, चावल 26 किलो शेष दर्शाया गया, जबकि भौतिक सत्यापन पर मौके पर दाल 275 किलो, गेहुं 75 किलो और चावल 25 किलो मात्रा में पाया गया. फर्जी तरीके से रिकॉर्ड संधारण करना पाया गया.

उन्होंने बताया कि मीणा दांत का पुरा आंगनबाडी केंद्र पर पोषाहार सामग्री मौके पर मिली और 50 किलो दाल आंगनबाडी कार्यकर्ता के घर पर होने पर मौके पर मंगाया गया. मौके पर लाभार्थी महिला आंगनबाडी केंद्र पर उपस्थित हुई और लिखित बयान में शिकायत करते हुए बताया कि पोषाहार सामग्री माह अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 तक एक-दो बार ही एक-एक किलो मात्रा में दी गई.

आंगनबाडी कार्यकर्ता लक्ष्मी देवी और उसके पति द्वारा लाभार्थियों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट करने की धमकी दी जाती और आंगनबाडी केंद्र पर कोई भी सूचना नोटिस बोर्ड पर चस्पा नहीं पाई गई. उपनिदेशक ने बताया कि परिक्षेत्र कोटरी के अन्तर्गत संचालित आंगनबाडी केन्द्रों की पोषाहार वितरण की सूचना बाल विकास परियोजना अधिकारी हिण्डौन को महिला पर्यवेक्षक की ओर से गलत सूचना देकर उच्चाधिकारियों को गुमराह किया गया, जबकि आंगनबाडी केन्द्रों पर निरीक्षण के दौरान पोषाहार सामग्री मौके पर पाआ गई.

विकास अधिकारी पंचायत समिति करौली, अति. मुख्य शिक्षा अधिकारी करौली, उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग की ओर से निरीक्षण के दौरान आंगनबाडी केन्द्रों पर भौतिक सत्यापन में पोषाहार वितरण संतोषप्रद पाया गया.

पढ़ें- special : 'कटोरे' की जगह भीख मांगने वाले बच्चों ने थामी 'कलम', आखर ज्ञान के साथ सीख रहे जीवन जीने का सलीका

अन्य आंगनबाड़ी केन्द्रों में पाई गई अनियमितताएं

महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रभातीलाल जाट ने कोटरी, कारवाड़ आंगनबाडी केंद्र सहित विभिन्न आंगनबाडी केन्द्रों का निरीक्षण किया. जिनमें अनियमितताएं पाई गई और कई आंगनबाडी केंद्र बंद मिले. इस संबंध में उन्होने बताया कि बंद मिले आंगनबाडी केन्द्रो की कार्यकर्ताओं एवं महिला सुपरवाईजर के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए उन्हे हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

करौली. जिले में जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देश पर महिला और बाल विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंदेरों पर पूरक पोषाहार सामग्री वितरण के भौतिक सत्यापन का अभियान चलाया गया. इस कार्य के लिए 41 टीमों का गठन किया गया. वहीं टीमों ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो भारी अनिमियता और गड़बड़ी सामने आई है.

inspection of Anganwadi centers, करौली जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग
आंगनवाड़ी केंद्रों में सामने आई भारी अनियमितता

महिला एंव बाल विकास के उपनिदेशक प्रभातीलाल जाट ने बताया कि हिण्डौन परियोजना के आंगनबाडी केंद्र कारवाड मीणा और मीणा दांत का पुरा का औचक निरीक्षण किया तो अनिमियता सामने आई. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाए जाने पर संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कारण बताओं नोटिस जारी कर मानदेय सेवा से पृथक करने और महिला पर्यवेक्षक कैलाशी मीणा के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है.

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उपनिदेशक ने बताया कि हिंडौन परियोजना के परिक्षेत्र कोटरी के आंगनबाड़ी केंद्र कारवाड़ मीणा केंद्र पर ताला बंद पाया गया. आशा सहयोगनी पास में मिली और आंगनबाडी कार्यकर्ता उर्मिला मीना मौके पर मिली. दूरभाष पर आंगनबाडी कार्यकर्ता से संपर्क करने पर बताया कि केंद्र की चाबी उसके पास है और वह गांव से बाहर है. ग्राम वासियों और पंजीकृत लाभार्थियों के बयान और पूछताछ की गई. जिसमें ग्रामवासियो ने बताया कि केंद्र नियमित नहीं खुलता है और पोषाहार वितरण नहीं होता है.

लाभार्थियों से पूछताछ में बताया कि एक-एक किलो दाल का वितरण माह अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 तक एक दो बार ही किया गया और केंद्र पर कोई भी सूचना नोटिस बोर्ड पर चस्पा नहीं पाई गई. उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना अधिकारी हिण्डौन एवं महिला पर्यवेक्षक को मौके पर बुलाकर और ग्रामवासियों की उपस्थिति में केंद्र के ताले पर सील चस्पा की गई.

आंगनबाडी कार्यकर्ता को केंद्र पर बुलाकर ताला खुलवाया गया और पोषाहार रिकॉर्ड की जांच की गई. जिसमें पोषाहार सामग्री स्टॉक रजिस्टर में दाल 10 किलो, गेहुं 127 किलो, चावल 26 किलो शेष दर्शाया गया, जबकि भौतिक सत्यापन पर मौके पर दाल 275 किलो, गेहुं 75 किलो और चावल 25 किलो मात्रा में पाया गया. फर्जी तरीके से रिकॉर्ड संधारण करना पाया गया.

उन्होंने बताया कि मीणा दांत का पुरा आंगनबाडी केंद्र पर पोषाहार सामग्री मौके पर मिली और 50 किलो दाल आंगनबाडी कार्यकर्ता के घर पर होने पर मौके पर मंगाया गया. मौके पर लाभार्थी महिला आंगनबाडी केंद्र पर उपस्थित हुई और लिखित बयान में शिकायत करते हुए बताया कि पोषाहार सामग्री माह अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 तक एक-दो बार ही एक-एक किलो मात्रा में दी गई.

आंगनबाडी कार्यकर्ता लक्ष्मी देवी और उसके पति द्वारा लाभार्थियों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट करने की धमकी दी जाती और आंगनबाडी केंद्र पर कोई भी सूचना नोटिस बोर्ड पर चस्पा नहीं पाई गई. उपनिदेशक ने बताया कि परिक्षेत्र कोटरी के अन्तर्गत संचालित आंगनबाडी केन्द्रों की पोषाहार वितरण की सूचना बाल विकास परियोजना अधिकारी हिण्डौन को महिला पर्यवेक्षक की ओर से गलत सूचना देकर उच्चाधिकारियों को गुमराह किया गया, जबकि आंगनबाडी केन्द्रों पर निरीक्षण के दौरान पोषाहार सामग्री मौके पर पाआ गई.

विकास अधिकारी पंचायत समिति करौली, अति. मुख्य शिक्षा अधिकारी करौली, उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग की ओर से निरीक्षण के दौरान आंगनबाडी केन्द्रों पर भौतिक सत्यापन में पोषाहार वितरण संतोषप्रद पाया गया.

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अन्य आंगनबाड़ी केन्द्रों में पाई गई अनियमितताएं

महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रभातीलाल जाट ने कोटरी, कारवाड़ आंगनबाडी केंद्र सहित विभिन्न आंगनबाडी केन्द्रों का निरीक्षण किया. जिनमें अनियमितताएं पाई गई और कई आंगनबाडी केंद्र बंद मिले. इस संबंध में उन्होने बताया कि बंद मिले आंगनबाडी केन्द्रो की कार्यकर्ताओं एवं महिला सुपरवाईजर के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए उन्हे हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

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