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नोटबंदी के 3 साल: करौली में बैंकर्स ने माना- दूरगामी थे परिणाम, लेकिन Digital पेमेंट ने पकड़ी गति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 3 साल पहले की गई नोटबंदी भला किसे याद नहीं होगी. अब इसे 3 साल पूरे हो गए है. उस समय लोगों को खासी दिक्कतें हुई थी. जिसके बाद सरकार की ओर से दावा किया गया था कि इसके कुछ समय बाद परिणाम सामने आएंगे. इसे लेकर ईटीवी भारत की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में इसके प्रभाव को लेकर जानकारी जुटाई गई. जिसमें करौली में टीम ने इस मुद्दे को लेकर बैंकर्स से बात की.

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Published : Nov 7, 2019, 2:52 PM IST

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करौली. 8 नवम्बर को नोटबंदी के तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. नोटबंदी के दौरान देखा गया था कि लाख मुश्किलों के बावजूद देश की जनता ने सरकार के इस फैसले का खुलकर स्वागत किया था. नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर बैंक अधिकारियों ने ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए कहा कि नोटबंदी के जो दूरगामी प्रभाव थे, उनका जनता को अब लाभ मिलने लगा है. नोटबंदी के कारण कालेधन पर अंकुश लगा है. इसके अलावा बैंकों में भी लोगों की कतारें कम हुई है. मतलब सीधा है की नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन, कैशलेस ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी हुई है.

नोटबंदी के 3 साल, करौली में बैंकर्स ने बताए प्रभाव

बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के निदेशक एचके मीणा ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए बताया कि नोटबंदी का दूरगामी प्रभाव था. जिसका अब जनता को लाभ मिलने लगा है. सबसे ज्यादा जो लाभ नोटबंदी से हुआ है, वो डिजिटल पेमेंट में हुआ है. पहले डिजिटल पेमेंट गति नहीं पकड़ पा रहा था. नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हर घर से डिजिटल पेमेंट करने का कार्य चालू हो गया है. यह नोटबंदी की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि जो कालेधन को निकालने के जो प्रयास किए, वो भी धीरे-धीरे गति पकड़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें : पुष्कर मेला 2019: ऊंट को राज्य पशु का दर्जा पशुपालकों को दे रहा दर्द, 50 से 70 हजार के ऊंटों का मोल सिर्फ 500 से 3 हजार

अचल संपत्ति में भी नोटबंदी का प्रभाव देखने को मिलेगा. प्रोपर्टी भी आनलाइन हो जाएगी तो नोटबंदी का अच्छा परिणाम मिलेगा. नोटबंदी से कैसलैस ट्रांजेक्शन में भी कमी आई है. अब लोगों का बैंकों के प्रति झुकाव कम होकर स्वयं ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने लगे हैं. नोटबंदी की वजह से नम्बर दो के ट्रांजेक्शन में कमी आई है तो वहीं जीएसटी व अन्य करों से सरकार को फायदा हुआ है. नोटबंदी की वजह से ही टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन इत्यादि सस्ते में मिलने लगे हैं और मेक इन इंडिया को बेनिफिट पहुंचा है. यह सब नोटबंदी के ही अच्छे परिणाम है जो भविष्य में और प्रतिकूल परिणाम देंगे.

यह भी पढ़ें : करौली : मौसमी बीमारियों का बढ़ रहा प्रकोप, अस्पतालों में तीन गुना बढ़ी मरीजों की संख्या

बैंकों के वित्तीय साक्षरता सलाहकार रामेश्वर प्रसाद मीणा ने बताया कि नोटबंदी होने की वजह से डिजिटल पेमेंट में वृद्धि हुई है और डिजिटल पेमेंट से नंबर दो के ट्रांजेक्शन पर लगाम लगी है. जो प्रॉपर्टी आधार से लिंक हुई है उससे भी नंबर दो के पैसे पर अंकुश लगा है. नोटबंदी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का सबसे अच्छा कदम था. जिससे कालेधन पर अंकुश लगाने का पूरा-पूरा प्रयास किया गया है. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होने की वजह से बैंकों में 40 से 50 प्रतिशत भीड़ कम हो गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ा है.

करौली. 8 नवम्बर को नोटबंदी के तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. नोटबंदी के दौरान देखा गया था कि लाख मुश्किलों के बावजूद देश की जनता ने सरकार के इस फैसले का खुलकर स्वागत किया था. नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर बैंक अधिकारियों ने ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए कहा कि नोटबंदी के जो दूरगामी प्रभाव थे, उनका जनता को अब लाभ मिलने लगा है. नोटबंदी के कारण कालेधन पर अंकुश लगा है. इसके अलावा बैंकों में भी लोगों की कतारें कम हुई है. मतलब सीधा है की नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन, कैशलेस ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी हुई है.

नोटबंदी के 3 साल, करौली में बैंकर्स ने बताए प्रभाव

बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के निदेशक एचके मीणा ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए बताया कि नोटबंदी का दूरगामी प्रभाव था. जिसका अब जनता को लाभ मिलने लगा है. सबसे ज्यादा जो लाभ नोटबंदी से हुआ है, वो डिजिटल पेमेंट में हुआ है. पहले डिजिटल पेमेंट गति नहीं पकड़ पा रहा था. नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हर घर से डिजिटल पेमेंट करने का कार्य चालू हो गया है. यह नोटबंदी की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि जो कालेधन को निकालने के जो प्रयास किए, वो भी धीरे-धीरे गति पकड़ रहे हैं.

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अचल संपत्ति में भी नोटबंदी का प्रभाव देखने को मिलेगा. प्रोपर्टी भी आनलाइन हो जाएगी तो नोटबंदी का अच्छा परिणाम मिलेगा. नोटबंदी से कैसलैस ट्रांजेक्शन में भी कमी आई है. अब लोगों का बैंकों के प्रति झुकाव कम होकर स्वयं ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने लगे हैं. नोटबंदी की वजह से नम्बर दो के ट्रांजेक्शन में कमी आई है तो वहीं जीएसटी व अन्य करों से सरकार को फायदा हुआ है. नोटबंदी की वजह से ही टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन इत्यादि सस्ते में मिलने लगे हैं और मेक इन इंडिया को बेनिफिट पहुंचा है. यह सब नोटबंदी के ही अच्छे परिणाम है जो भविष्य में और प्रतिकूल परिणाम देंगे.

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बैंकों के वित्तीय साक्षरता सलाहकार रामेश्वर प्रसाद मीणा ने बताया कि नोटबंदी होने की वजह से डिजिटल पेमेंट में वृद्धि हुई है और डिजिटल पेमेंट से नंबर दो के ट्रांजेक्शन पर लगाम लगी है. जो प्रॉपर्टी आधार से लिंक हुई है उससे भी नंबर दो के पैसे पर अंकुश लगा है. नोटबंदी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का सबसे अच्छा कदम था. जिससे कालेधन पर अंकुश लगाने का पूरा-पूरा प्रयास किया गया है. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होने की वजह से बैंकों में 40 से 50 प्रतिशत भीड़ कम हो गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ा है.

Intro:नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर ईटीवी भारत से बैंक अधिकारियों ने खास चर्चा करते हुए कहा की नोटबंदी के जो दूरगामी प्रभाव थे उनका जनता को अब दूरगामी लाभ मिलने लगा है. नोटबंदी के कारण कालाधन पर अकुश लगा है. इसके अलावा बैंकों में भी लोगों की कतार कम हुई है. मतलब सीधा है की नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन कैशलैस ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी हुई है.


Body:नोटबंदी के 3 साल पूरे...
नोटबंदी की वजह से डिजिटल पेमेंट ने पकड़ी गति--- बैंकर्स,

करौली

नोटबंदी के 8 नवम्बर को तीन साल पूरे होने जा रहे हैं.. नोटबंदी के दौरान देखा गया था कि लाख मुश्किलों के बावजूद देश की जनता ने सरकार के इस फैसले का खुलकर स्वागत किया नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर ईटीवी भारत से बैंक अधिकारियों ने खास चर्चा करते हुए कहा की नोटबंदी के जो दूरगामी प्रभाव थे उनका जनता को अब दूरगामी लाभ मिलने लगा है. नोटबंदी के कारण कालाधन पर अकुश लगा है. इसके अलावा बैंकों में भी लोगों की कतार कम हुई है. मतलब सीधा है की नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन कैशलैस ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी हुई है. जिससे लोगों को शारिरिक लाभ ही नहीं बल्कि आर्थिक लाभ भी मिला है..

बडौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के निदेशक एच.के मीणा ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए बताया की नोटबंदी का दूरगामी प्रभाव था जिसका अब जनता को दुरगामी लाभ मिलने लगा है.सबसे ज्यादा जो लाभ नोटबंदी से हुआ है.वो डिजिटल पैमेंट मे हुआ है.पहले डिजिटल पैमेंट गति नही पकड रहा था.जो नोटबंदी के बाद डिजिटल पैमेंट मे 30 से 40 प्रतिशत वृद्धि हुई हैं. हर घर से डिजिटल पेमेंट करने का कार्य चालू हो गया यह नोटबंदी की सबसे बडी उपलब्धि रही है.दुसरी सबसे बड़ी उपलब्धि जो कालेधन को निकालने के जो प्रयास किये वो भी धीरे धीरे गति पकड रहे है.अचल संपत्ति मे भी नोटबंदी का प्रभाव देखने को मिलेगा.प्रोपर्टी भी आनलाईन हो जायेगी तो नोटबंदी का अच्छा परिणाम मिलेगा..नोटबंदी से कैसलैस ट्राजेक्शन मे भी कमी आयी है..अब लोगो का बैका के प्रती झुकाव कम होकर स्वयं ही आनलाईन ट्राजेक्शन करने लगे है.नोटबंदी की वजह से नम्बर दो के ट्राजेक्शन करने मे कमी आयी है..तो वही जीएसटी व अन्य करो से सरकार को इजाफा हुआ है.नोटबंदी की वजह से ही टीवी फ्रिज वॉशिंग मशीन इत्यादि सस्ते में मिलने लगे हैं और मेक ए इंडिया को बेनिफिट पहुंचा है.यह सब नोटबंदी के ही अच्छे परिणाम है जो भविष्य मे और प्रतिकूल परिणाम देगे..

बैंकों के वित्तीय साक्षरता सलाहकार रामेश्वर प्रसाद मीणा ने बताया की नोटबंदी होने की वजह से डिजिटल पेमेंट में वृद्धि हुई है और डिजिटल पेमेंट से नंबर दो के ट्रांजैक्शन पर लगाम लगी है. जो प्रॉपर्टी आधार से लिंक हुई है उससे भी नंबर दो के पैसे पर अंकुश लगा है. गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का नोटबंदी सबसे अच्छा कदम था. जिससे कालेधन पर अंकुश लगाने का पूरा पूरा प्रयास किया गया है.. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन होने की वजह से बैंकों में 40 से 50 प्रतिशत भीड़ कम हो गई है. वहीं जो लोगों का कालाधन जमा रहता था.. उस पर भी अंकुश लगा है. इससे बैंकों को भी फायदा हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो ने भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में वृद्धि की है..


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