करौली. 8 नवम्बर को नोटबंदी के तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. नोटबंदी के दौरान देखा गया था कि लाख मुश्किलों के बावजूद देश की जनता ने सरकार के इस फैसले का खुलकर स्वागत किया था. नोटबंदी के 3 साल पूरे होने पर बैंक अधिकारियों ने ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए कहा कि नोटबंदी के जो दूरगामी प्रभाव थे, उनका जनता को अब लाभ मिलने लगा है. नोटबंदी के कारण कालेधन पर अंकुश लगा है. इसके अलावा बैंकों में भी लोगों की कतारें कम हुई है. मतलब सीधा है की नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन, कैशलेस ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी हुई है.
बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के निदेशक एचके मीणा ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए बताया कि नोटबंदी का दूरगामी प्रभाव था. जिसका अब जनता को लाभ मिलने लगा है. सबसे ज्यादा जो लाभ नोटबंदी से हुआ है, वो डिजिटल पेमेंट में हुआ है. पहले डिजिटल पेमेंट गति नहीं पकड़ पा रहा था. नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हर घर से डिजिटल पेमेंट करने का कार्य चालू हो गया है. यह नोटबंदी की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है. दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि जो कालेधन को निकालने के जो प्रयास किए, वो भी धीरे-धीरे गति पकड़ रहे हैं.
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अचल संपत्ति में भी नोटबंदी का प्रभाव देखने को मिलेगा. प्रोपर्टी भी आनलाइन हो जाएगी तो नोटबंदी का अच्छा परिणाम मिलेगा. नोटबंदी से कैसलैस ट्रांजेक्शन में भी कमी आई है. अब लोगों का बैंकों के प्रति झुकाव कम होकर स्वयं ही ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने लगे हैं. नोटबंदी की वजह से नम्बर दो के ट्रांजेक्शन में कमी आई है तो वहीं जीएसटी व अन्य करों से सरकार को फायदा हुआ है. नोटबंदी की वजह से ही टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन इत्यादि सस्ते में मिलने लगे हैं और मेक इन इंडिया को बेनिफिट पहुंचा है. यह सब नोटबंदी के ही अच्छे परिणाम है जो भविष्य में और प्रतिकूल परिणाम देंगे.
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बैंकों के वित्तीय साक्षरता सलाहकार रामेश्वर प्रसाद मीणा ने बताया कि नोटबंदी होने की वजह से डिजिटल पेमेंट में वृद्धि हुई है और डिजिटल पेमेंट से नंबर दो के ट्रांजेक्शन पर लगाम लगी है. जो प्रॉपर्टी आधार से लिंक हुई है उससे भी नंबर दो के पैसे पर अंकुश लगा है. नोटबंदी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का सबसे अच्छा कदम था. जिससे कालेधन पर अंकुश लगाने का पूरा-पूरा प्रयास किया गया है. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होने की वजह से बैंकों में 40 से 50 प्रतिशत भीड़ कम हो गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ा है.