जोधपुर. लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूर सहित ऐसे लोग जो काम पर जाकर अपने घर का गुजारा करते थे, उन लोगों के जीवन में Unlock 1.0 में भी रोजी-रोटी का संकट गहराया है. ऐसे में बिजली बिल का भुगतान करना भी उन लोगों के लिए संभव नहीं है. इसी को लेकर के मंगलवार को शिप हाउस बस्ती की कुछ महिलाएं जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची और कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया.
महिलाओं का कहना है कि वे लोग बिजली बिल भरने में असमर्थ हैं, जिसके चलते उनका बिजली बिल माफ किया जाए. क्योंकि लॉकडाउन को खुले कुछ ही दिन हुए हैं और उनके पास अभी तक कोई काम-धंधा नहीं है, जिससे वह बिलों का भुगतान कर सकें. इसी के चलते महिलाओं ने जोधपुर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर बिजली के बिल माफ करने की मांग की है.
एक महिला ने बताया कि कोरोना महामारी में आम लोगों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है. सरकार के बिना सोचे-समझे लिये गये फैसलों से आज अधिकांश लोगों को बेरोजगारी झेलनी पड़ रही है. ऐसे में बिजली बिल लोगों के लिए आफत बना हुआ है. उनकी मांग है कि लॉकडाउन के तीन माह के बिजली बिल को माफ किया जाए.
महिला ने आगे कहा कि पिछले 3 महीने से लॉकडाउन था. इस लॉकडाउन के दौरान उनके पति घर पर ही रहे, किसी के पास कोई काम-धंधा नहीं होने की वजह से उन्हें कोई इनकम भी नहीं हुई. जिसकी वजह से पहले से ही परेशान हैं. अब विद्युत विभाग ने बिल की राशि को जोड़कर भेज दिया है. अब हालात यह हो गए हैं कि घर भी चलाना मुश्किल हो रहा है.
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क्षेत्रवासियों ने बताया कि सरकार समय रहते अगर इन बिलों को माफ नहीं करेगी तो प्रदर्शन को उग्र किया जाएगा. लंंबे समय तक धरने के बाद जब महिलाएं कलेक्टर कार्यालय के बाहर से हटती नहीं दिखाई दीं तो कलेक्टर कार्यालय से नजदीकी पुलिस थाने को फोन किया गया. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर महिलाओं से समझाइश की और उन्हें कलेक्टर कार्यालय के गेट से हटाया गया.