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बेवजह टीसी नहीं रोक सकता स्कूल: हाईकोर्ट

जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी विद्यालय की ओर से विद्यार्थियों के स्थानांतरण प्रमाण-पत्र (टीसी) जारी नहीं करने के मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि स्कूल प्रशासन बेवजह टीसी नहीं रोक सकता है. हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए पाबन्द किया है.

जोधपुर की खबर , Rajasthan High Court
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Published : Sep 20, 2019, 11:01 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी विद्यालय की ओर से विद्यार्थियों के स्थानांतरण प्रमाण-पत्र (टीसी) जारी नहीं करने के मामले में सुनवाई हुई. जिसमें पाली के रेनबो सीनियर सैकण्डरी पब्लिक स्कूल की छात्रा दिव्यांशी राठौड़, आदित्य राठौड़ और कशिश राठौड़ की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजाक के. हैदर और पंकज साईं ने रिट याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने अपनी-अपनी कक्षाएं उत्तीर्ण कर ली हैं और वह वर्तमान सत्र में इस विद्यालय में आगे अध्ययन नहीं करना चाहते है.

बेवजह टीसी नहीं रोक सकता स्कूल

अन्यत्र अध्यापन के लिए उन्होंने स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) जारी करने की मांग की तो स्कूल ने टीसी जारी नहीं की. नोटिस देने के बाद अंतत: उन्होंने शिक्षा विभाग और स्कूल के खिलाफ रिट याचिका दायर की. याचिका कर्ता के वकील ने कहा कि टीसी प्राप्त करना विद्यार्थी का अधिकार है.

पढ़ें- बारांः घुटनों तक डूबा देश का 'भविष्य'...कहीं फिसल ना जाए

स्कूल प्रशासन की ओर से टीसी रोकना उसे शिक्षा से वंचित करने का प्रयास है. जो कि असंवैधानिक, अविधिक और मनमानापूर्ण कृत्य है. स्कूल प्रशासन न्यायालय और शिक्षा विभाग निदेशालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की खुली अवहेलना कर रहा है. जिस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश दिनेश मेहता ने जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) पाली को पाबन्द किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि स्कूल प्रशासन बेवजह विद्यार्थियों का स्थानांतरण प्रमाण पत्र नहीं रोके. हाईकोर्ट ने विद्यार्थियों की समस्या का अविलम्ब समाधान करने के भी आदेश दिए.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी विद्यालय की ओर से विद्यार्थियों के स्थानांतरण प्रमाण-पत्र (टीसी) जारी नहीं करने के मामले में सुनवाई हुई. जिसमें पाली के रेनबो सीनियर सैकण्डरी पब्लिक स्कूल की छात्रा दिव्यांशी राठौड़, आदित्य राठौड़ और कशिश राठौड़ की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजाक के. हैदर और पंकज साईं ने रिट याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने अपनी-अपनी कक्षाएं उत्तीर्ण कर ली हैं और वह वर्तमान सत्र में इस विद्यालय में आगे अध्ययन नहीं करना चाहते है.

बेवजह टीसी नहीं रोक सकता स्कूल

अन्यत्र अध्यापन के लिए उन्होंने स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) जारी करने की मांग की तो स्कूल ने टीसी जारी नहीं की. नोटिस देने के बाद अंतत: उन्होंने शिक्षा विभाग और स्कूल के खिलाफ रिट याचिका दायर की. याचिका कर्ता के वकील ने कहा कि टीसी प्राप्त करना विद्यार्थी का अधिकार है.

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स्कूल प्रशासन की ओर से टीसी रोकना उसे शिक्षा से वंचित करने का प्रयास है. जो कि असंवैधानिक, अविधिक और मनमानापूर्ण कृत्य है. स्कूल प्रशासन न्यायालय और शिक्षा विभाग निदेशालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की खुली अवहेलना कर रहा है. जिस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश दिनेश मेहता ने जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) पाली को पाबन्द किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि स्कूल प्रशासन बेवजह विद्यार्थियों का स्थानांतरण प्रमाण पत्र नहीं रोके. हाईकोर्ट ने विद्यार्थियों की समस्या का अविलम्ब समाधान करने के भी आदेश दिए.

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Body:बेवजह टीसी नहीं रोक सकता स्कूल: हाईकोर्ट
- जिला शिक्षा अधिकारी को किया पाबन्द

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी विद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के स्थानांतरण प्रमाण-पत्र (टीसी) जारी नहीं करने के मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि स्कूल प्रशासन बेवजह टीसी नहीं रोक सकता है। हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए पाबन्द किया है।
पाली के रेनबो सीनियर सैकण्डरी पब्लिक स्कूल की छात्रा दिव्यांशी राठौड़, आदित्य राठौड़ और कशिश राठौड़ की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजाक के. हैदर और पंकज साईं ने रिट याचिका दायर कर कहा कि, उन्होंने अपनी-अपनी कक्षाएं उत्तीर्ण कर ली हैं और वह वर्तमान सत्र में इस विद्यालय में आगे अध्ययन नहीं करना चाहते। अन्यत्र अध्यापन के लिए उन्होंने स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) जारी करने की मांग की तो स्कूल ने टीसी जारी नहीं की। नोटिस देने के बाद अंतत: उन्होंने शिक्षा विभाग और स्कूल के खिलाफ रिट याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि, टीसी प्राप्त करना विद्यार्थी का अधिकार है। स्कूल प्रशासन द्वारा टीसी रोकना उसे शिक्षा से वंचित करने का प्रयास है। जो कि असंवैधानिक, अविधिक और मनमानापूर्ण कृत्य है। स्कूल प्रशासन न्यायालय और शिक्षा विभाग निदेशालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की खुली अवहेलना कर रहा है। जिस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश दिनेश मेहता ने जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) पाली को पाबन्द किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि स्कूल प्रशासन बेवजह विद्यार्थियों का स्थानांतरण प्रमाण पत्र नहीं रोके। हाईकोर्ट ने विद्यार्थियों की समस्या का अविलम्ब समाधान करने के भी आदेश दिए। 
बाईट रज्जाक हैदर, अधिवक्ता



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