जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों के हक में सरकार का विरोध करने वालों का दमन करने के लिए ये सरकार बर्बरता व तानाशाही पर उतर चुकी है. जनता की आवाज नहीं सुनी जा रही है. दरअसल, रविवार को जोधपुर आए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विरांगनाओं के मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है, जिन लोगों ने देश के लिए अपनी शहादत दी. अपना सर्वस्व निछावर किया, उनकी पत्नियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. उन्हें रात को जबरदस्ती धरना स्थल से उठाया गया.
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि लोगों से मिलने से रोकने के लिए वीरांगनाओं के घरों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया, ताकि कोई उनसे मिल न सके. यह व्यवहार केवल बर्बरतापूर्ण नहीं, बल्कि इस सरकार की तानाशाही रवैए को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के लोग देश की सीमा पर देश के लिए बिलदान देते हैं. यहां युद्ध में शहादत को मंगल माना जाता है. लेकिन शहीदों की वीरांगनाओं के साथ यहां जिस तरह का व्यवहार किया गया, उससे प्रदेशवासी आक्रोशित और आहत हैं.
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आगे उन्होंने सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ हुए व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रदेश में यह तय हो गया है कि जो भी शख्स आम लोगों के हक की आवाज उठाएगा, उसके साथ ये सरकार दमनकारी नीति अपनाएगी. चाहे वो पेपर लीक प्रकरण हो, किसानों के कर्ज की बात हो, बेरोजगारों और खनन माफिया के खिलाफ आवाज या फिर विरांगनाओं के हक की आवाज उठाने वालों को गहलोत सरकार बर्दाश्त नहीं करती है. ये सरकार उनके दमन के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.
गौरतलब है कि पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों की तीन विरांगनाएं अपनी मांगों को लेकर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ धरने पर बैठी थीं. 11 दिन तक धरना चला. इस दौरान उनके साथ बदसलूकी हुई. दो दिन पहले रात को उनको उठाकर उनके गांव के अस्पतालों में भेज दिया. वहीं, सांसद मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया.