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रक्षाबंधन के पर्व पर कोरोना की मार, बाजारों में पसरा सन्नाटा

कोरोना संक्रमण का असर अब त्योहारों पर भी दिखाई देने लगा है. रक्षाबंधन का त्योहार करीब होने के बाद भी बाजारों में रौनक नहीं दिख रही है. राखी की दुकानों पर भी ग्राहकों की भीड़ नजर नहीं आ रही है. पूरा बाजार सूना पड़ा है, जिससे दुकानदारों में निराशा है.

बाजारों में पसरा है सन्नाटा, Corona hit on Rakshabandhan
राखी खरीदने के लिए नहीं आ रहे खरीददार
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Published : Jul 29, 2020, 9:29 PM IST

भोपालगढ़ (जोधपुर). कोरोना महामारी ने त्योहारों पर असर डालना शुरू कर दिया है. ऐसे में रक्षा बंधन त्योहार पर भी कोरोना महामारी का असर साफ दिखाई दे रहा है. इस बार का रक्षा बंधन अन्य वर्षों की अपेक्षा फीका नजर आ रहा है. बाजार में पहले की तुलना में काम ही राखियों की दुकाने सजी हैं और खरीदारों की चहल-पहल ना के बराबर ही दिख रही है.

3 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार है. त्योहार में एक सप्ताह से भी कम समय शेष है, लेकिन बाजारों से ग्राहकों की भीड़ नदारद है. आमतौर पर रक्षाबंधन से लगभग एक महीने पहले ही रंग-बिरंगी राखियों से बाजार सजना शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है. बाजारों में पर्व की रंगत फीकी दिखाई दे रही है. एक तरफ जहां जोधपुर जिले के भोपालगढ उपखंड क्षेत्र के बाजारों में इस साल पहले की तुलना में राखियों की कम दुकानें सजी हैं, तो वहीं खरीदारों की चहल-पहल भी न के बराबर दिख रही है. इस कारण दुकानदारों के चहरे मुरझाए हुए हैं.

पढ़ेंः Special: कोरोना काल में आत्मनिर्भर हुई बहनें, भाई की कलाई पर बांधेंगी खुद की बनाई राखी

वहीं चीन के साथ चल रहे तनाव का असर भी राखियों के बाजार पर पड़ा है. पहले जब चाइनीज सामान के आयात पर कोई बंदिश नहीं थी, तो तरह-तरह की राखियां आकर्षण का केंद्र हुआ करतीं थीं, लेकिन इस बार उनकी आवाक भी नहीं हुई है. इसके चलते राखियों का मूल्य पिछले वर्ष से अधिक है.

भोपालगढ़ (जोधपुर). कोरोना महामारी ने त्योहारों पर असर डालना शुरू कर दिया है. ऐसे में रक्षा बंधन त्योहार पर भी कोरोना महामारी का असर साफ दिखाई दे रहा है. इस बार का रक्षा बंधन अन्य वर्षों की अपेक्षा फीका नजर आ रहा है. बाजार में पहले की तुलना में काम ही राखियों की दुकाने सजी हैं और खरीदारों की चहल-पहल ना के बराबर ही दिख रही है.

3 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार है. त्योहार में एक सप्ताह से भी कम समय शेष है, लेकिन बाजारों से ग्राहकों की भीड़ नदारद है. आमतौर पर रक्षाबंधन से लगभग एक महीने पहले ही रंग-बिरंगी राखियों से बाजार सजना शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है. बाजारों में पर्व की रंगत फीकी दिखाई दे रही है. एक तरफ जहां जोधपुर जिले के भोपालगढ उपखंड क्षेत्र के बाजारों में इस साल पहले की तुलना में राखियों की कम दुकानें सजी हैं, तो वहीं खरीदारों की चहल-पहल भी न के बराबर दिख रही है. इस कारण दुकानदारों के चहरे मुरझाए हुए हैं.

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वहीं चीन के साथ चल रहे तनाव का असर भी राखियों के बाजार पर पड़ा है. पहले जब चाइनीज सामान के आयात पर कोई बंदिश नहीं थी, तो तरह-तरह की राखियां आकर्षण का केंद्र हुआ करतीं थीं, लेकिन इस बार उनकी आवाक भी नहीं हुई है. इसके चलते राखियों का मूल्य पिछले वर्ष से अधिक है.

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