लूणी (जोधपुर). कोरोना वायरस के बाद देशभर में लगे लॉकडाउन ने आम लोगों की दिनचर्या को बुरी से तरह प्रभावित किया है. लॉकडाउन का असर धार्मिक स्थलों पर भी पड़ा है. जोधपुर के लूणी में पाल रोड स्थित पाल बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर लॉकडाउन के बाद से ही बंद है. लॉकडाउन से पहले मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे. लेकिन लॉकडाउन क्या लगा मंदिर की रौनक ही चली गई.
मंदिर बंद रहने से इससे जुड़े लोगों के जीवन पर इसका गहरा असर हुआ है. अनलॉक-1 में सरकार ने कई चीजों से पाबंदी हटा ली थी, लेकिन धार्मिक स्थलों को 30 जून तक बंद करने का फैसला लिया गया था. पाल बालाजी मंदिर में अब केवल मंदिर के गिने-चुने पुजारी ही सुबह शाम जाकर आरती करते हैं.
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ईटीवी भारत से बातचीत में मंदिर के पुजारी ने कहा कि सरकार की गाइडलाइनों का पालन किया जाएगा. 30 जून तक मंदिरों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद अगर मंदिरों को खोलने की अनुमति दी जाती है तो सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रूप से पालन करवाया जाएगा.
सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एहतियातन 30 जून तक सभी धार्मिक स्थानों को बंद करने के आदेश दिए हैं. राजस्थान की गहलोत सरकार ने इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है जो धार्मिक नुमाइंदों से बातचीत के बाद ये तय करेगी कि धार्मिक स्थानों को खोला जाना चाहिए या नहीं. राजस्थान में कोरोना संक्रमण की बात करें तो 15 जून की सुबह तक प्रदेश भर में 12,772 कोरोना के केस सामने आ चुके हैं. वहीं 294 लोगों की मौत हो चुकी है.