जोधपुर. सूर्यनगरी व ब्लू सिटी के नाम से मशहूर जोधपुर शहर के लोगों को उनके खानपान के शौक के लिए भी जाना जाता है. यहां का मिर्ची बड़ा वड़ापाव की तरह ही देशभर में मशहूर है तो प्याज कचौरी भी लोगों को खूब भाती है. इन सब के बीच इस शहर में चाय का क्रेज भी अपने चरम पर रहता है. शहर में ऐसे-ऐसे चाय के स्टॉल हैं, जो दो से तीन पीढ़ियों से चल रहे हैं और वहां लोगों का रोजाना हुजूम उमड़ता है. इतना ही नहीं नई पीढ़ी के लोग भी इसमें नवाचार कर रहे हैं. हाल ही में अरोड़ा टी स्टॉल ने टेट्रा पैक चाय की डिलीवरी शुरू कर दी.
केसर इलायची वाली चाय - टेट्रा पैक लांच करने वाले विपिन अरोड़ा ने बताया कि उनके 'दादा जी' ने चाय की स्टॉल शुरू की थी, जो बीते 45 सालों से बदस्तूर चल रही है. उन्होंने कहा कि वो अलग तरीके से चाय बनाते हैं. जिसमें निश्चित मात्रा में चाय की पत्ती के साथ ही केसर और इलायची पाउडर समेत अन्य सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि यही काम उनके पिता भी करते आ रहे हैं. यह क्रम लगातार चला आ रहा है. ऐसे में जो लोग यहां बैठकर चाय पीते हैं उन्होंने डिमांड की थी कि ये चाय घर ले जाना चाहे तो कैसे लेकर जाएंगे. इसके बाद उन्होंने प्रयास शुरू किया, जिसमें आखिरकार उन्हें सफलता मिली और स्टॉल के नाम से ब्रांड का टेट्रा पैक बनाए. अब लोग गर्म चाय घर लेकर जाकर पीते हैं. साथ ही अब जल्द ही डिलीवरी सिस्टम भी शुरू की जाएगी.
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गाढ़े दूध की चाय का स्वाद निराला - जोधपुर के लोगों में चाय की दीवानगी के पीछे की वजह यहां की चाय का टेस्ट है. दरअसल, जोधपुर की चाय थोड़ी गाढ़ी होती है. यहां पर चाय के लिए जो दूध इस्तेमाल होता है, उसे पहले खूब उबाला जाता है. ऐसे में जब दूध गाढ़ा होता जाता है तो उससे चाय बनाई जाती है. शहर के तार घर के पास पिछले 63 सालों से चल रही भाटी टी स्टॉल भी अपने चाय के टेस्ट के लिए मशहूर है. पूरे समय यहां दूध के बर्तन कोयले और गैस की भट्टी पर रहते हैं, जिससे चाय का स्वाद लगातार एक जैसा बना रहता है. भाटी परिवार की तीसरी पीढ़ी के डूंगरसिंह भाटी बताते हैं कि हमारी चाय का स्वाद एक जैसा है. जैसा दादा जी ने शुरू किया था आज भी आपको वही स्वाद यहां मिलेगा. बरसों से यहां चाय पी रहे अरविंद छंगाणी ने बताया कि यहां बनने वाली चाय का कोई जवाब ही नहीं है.
यहां तौल कर दी जाती है चाय - शहर के शनिश्चर जी थान के पास एक ऐसा टी स्टॉल है, जहां चाय तौल कर दी जाती है. ये क्रम लंबे समय से चल रहा है. यहां 10 रुपए की 70 ग्राम चाय मिलती है. वहीं, स्वाद ऐसा की अगर आप एक बार यहां चाय पी लिए तो हमेशा इसके स्वाद को याद रखेंगे. इस रमेश टी स्टॉल पर इलेक्ट्रोनिक कांटे लगे हैं, जिसे देखकर आप भी एक बार सोच में पड़ जाएंगे कि भला कोई चाय भी तौल कर देता है क्या? दुकान संचालक कैलाश प्रजापत अपनी इस व्यवस्था को लेकर कहते हैं कि ग्राहक को उसकी कीमत का पूरा माल मिले इसी लिए वो लोगों को तौल कर चाय देते हैं. यहां एक लीटर चाय की कीमत 140 रुपए है.