ETV Bharat / state

स्पेशल स्टोरीः हिन्दी और Hindi पत्रकारिता का भविष्य उज्जवल है : वरिष्ठ पत्रकार - जोधपुर न्यूज

हिंदी दिवस पर वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र गोस्वामी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. गोस्वामी ने कहा कि कुछ सालों पहले जब वह ट्रेनी पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे. तब एक बिंदी की गलती के लिए उन्हें संपादक ने नोटिस दे दिया था.

senior journalist Rajendra Goswami, jodhpur news, जोधपुर न्यूज, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र गोस्वामी
author img

By

Published : Sep 13, 2019, 9:32 AM IST

जोधपुर. हिंदी पत्रकारिता के बड़े हस्ताक्षर और वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र गोस्वामी ने ईटीवी से बातचीत की. उन्होेने कहा कि हिंदी का भविष्य उज्जवल है और हिंदी पत्रकारिता का भी. यह बात अलग है कि ऐसे शब्द जिनका प्रयोग आम बोलचाल की भाषा में होता है. उनको भी हम हिंदी में स्वीकारने लगे हैं. यह भाषा के विकास के लिए अच्छा है.

वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र गोस्वामी से ईटीवी भारत की खास बातचीत

गोस्वामी ने बताया कि आज से कुछ सालों पहले जब वह ट्रेनी पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे. तब एक बिंदी की गलती के लिए उन्हें संपादक ने नोटिस दे दिया था. उन्होंने कहा कि समय बदल गया है. इसलिए थोड़ा महत्व कम हुआ है. लेकिन भाषा की महत्ता कभी कम नहीं हो सकती.

पढ़ें- अलवर: दुष्कर्म के आरोपी को पोक्सो कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, 25 हजार रूपए जुर्माना

उन्होंने बताया कि एक जमाना था. जब लोग हिंदी अखबार पढ़ कर हिंदी सीखते थे. हिंदी के शब्दों का ज्ञान मिलता था. जब उनके पास कोई ट्रेनी रिपोर्टर आता था. तो हम भी उन्हें यह कहते थे कि वह पहले हिंदी अखबार को पढ़े. अखबार में छपी खबर या लेख को देख कर प्रतिदिन एक पन्ना लिखें, जिससे कि हिंदी की वर्तनी संबंधी गलतियां कम से कम हो.

आमजन की भाषा है हिंदी...

गोस्वामी का मानना है कि हिंदी आमजन की भाषा है और इसका ज्ञान हर भारतीय छात्र-छात्राओं को होना चाहिए. ऐसे में अगर 12वीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भी हिंदी अनिवार्य रहे. यह हिंदी के लिए बहुत अच्छी बात होगी.

जोधपुर. हिंदी पत्रकारिता के बड़े हस्ताक्षर और वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र गोस्वामी ने ईटीवी से बातचीत की. उन्होेने कहा कि हिंदी का भविष्य उज्जवल है और हिंदी पत्रकारिता का भी. यह बात अलग है कि ऐसे शब्द जिनका प्रयोग आम बोलचाल की भाषा में होता है. उनको भी हम हिंदी में स्वीकारने लगे हैं. यह भाषा के विकास के लिए अच्छा है.

वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र गोस्वामी से ईटीवी भारत की खास बातचीत

गोस्वामी ने बताया कि आज से कुछ सालों पहले जब वह ट्रेनी पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे. तब एक बिंदी की गलती के लिए उन्हें संपादक ने नोटिस दे दिया था. उन्होंने कहा कि समय बदल गया है. इसलिए थोड़ा महत्व कम हुआ है. लेकिन भाषा की महत्ता कभी कम नहीं हो सकती.

पढ़ें- अलवर: दुष्कर्म के आरोपी को पोक्सो कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, 25 हजार रूपए जुर्माना

उन्होंने बताया कि एक जमाना था. जब लोग हिंदी अखबार पढ़ कर हिंदी सीखते थे. हिंदी के शब्दों का ज्ञान मिलता था. जब उनके पास कोई ट्रेनी रिपोर्टर आता था. तो हम भी उन्हें यह कहते थे कि वह पहले हिंदी अखबार को पढ़े. अखबार में छपी खबर या लेख को देख कर प्रतिदिन एक पन्ना लिखें, जिससे कि हिंदी की वर्तनी संबंधी गलतियां कम से कम हो.

आमजन की भाषा है हिंदी...

गोस्वामी का मानना है कि हिंदी आमजन की भाषा है और इसका ज्ञान हर भारतीय छात्र-छात्राओं को होना चाहिए. ऐसे में अगर 12वीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भी हिंदी अनिवार्य रहे. यह हिंदी के लिए बहुत अच्छी बात होगी.

Intro:


Body:जोधपुर । हिंदी का भविष्य उज्जवल है और हिंदी पत्रकारिता का भी हां यह बात अलग है कि ऐसे शब्द जिनका प्रयोग आम बोलचाल की भाषा में होता है उनको भी हम हिंदी में स्वीकारने लगे हैं यह भाषा के विकास के लिए अच्छा है यह कहना है हिंदी पत्रकारिता के बड़े हस्ताक्षर एवं वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र गोस्वामी का गोस्वामी ने बताया कि आज से कुछ सालों पहले जब वह ट्रेनी पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे तो एक बिंदी की गलती के लिए उन्हें संपादक ने नोटिस दे दिया था उन कहां की समय बदल गया है इसलिए थोड़ा महत्व कम हुआ है लेकिन भाषा की महत्ता कभी कम नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि एक जमाना था जब लोग हिंदी अखबार पढ़ कर हिंदी सीखते थे हिंदी के शब्दों का ज्ञान मिलता था । जब उनके पास कोई ट्रेनी रिपोर्टर आता था तो हम भी उन्हें यह कहते थे कि वह पहले हिंदी अखबार को पढ़े और अखबार में छपी खबर या लेख को देख कर प्रतिदिन एक पन्ना लिखें जिससे कि हिंदी की वर्तनी संबंधी गलतियां कम से कम हो। गोस्वामी का मानना है कि हिंदी आमजन की भाषा है और इसका ज्ञान हर भारतीय छात्र छात्राओं को होना चाहिए ऐसे में अगर 12वीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भी हिंदी अनिवार्य रहे तो हिंदी के लिए बहुत अच्छी बात होगी।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.