ओसियां (जोधपुर). सरकार द्बारा लाख कोशिश के बावजूद भी सरकारी महकमों में चक्कर काटने को मजबूर लोगों के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे है. साहब नहीं आते इसलिए कर्मचारी भी लेट पहुंचते हैं. ऐसी ही कुछ स्थिति है जोधपुर के ओसियां ब्लॉक के सरकारी दफ्तरों की. यहां चंद हफ्तों पहले एसडीएम की हिदायत और निरीक्षण के बावजूद सरकारी कर्मचारी के कान पर जू तक नहीं रेंग रही है. ऐसे में आमजन इन अधिकारियों और कर्मचारियों से क्या उम्मीद रखेगा.
इस दौरान एसडीएम ने एक दर्जन से अधिक कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया. एसडीएम रतनलाल रेगर ने सुबह 9 से 11 बजे के बीच निम्न सरकारी महकमों का निरीक्षण किया. निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए कार्मिकों का विवरण निम्न प्रकार है-
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- पण्डित जी की ढाणी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कुल 5 कर्मिकों में से 2 कार्मिक अनुपस्थित पाए गए.
- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय थोब में कुल 20 कार्मिक में से 7 आकस्मिक अवकाश पर और 2 ऑफिस ड्यूटी पर गए हुए पाए गए.
- बारा खुर्द में 2 नरेगा कार्यों में एक जगह कुल 73 में से 36 श्रमिक और दूसरी जगह कुल 85 में से 44 श्रमिक अनुपस्थित पाए गए.
- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बारां खुर्द में कुल 16 कार्मिक में से 2 चिकित्सा अवकाश, 1 प्रतिनियुक्ति, 2 आकस्मिक अवकाश और 1 लंबे समय से स्वेच्छा से अनुपस्थित पाया गया.
- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बारां खुर्द में कुल 9 कार्मिकों में से 5 अनुपस्थित, 2 सीएमएचओ में प्रतिनियुक्ति पर पाए गए.
एसडीएम के औचक निरीक्षण से कर्मिकों में मचा हड़कंप-
गौरतलब है की एसडीएम रतनलाल रेगर ने करीब एक दर्जन से अधिक विभागों का निरीक्षण किया तो उनकी खाली दफ्तर और कुर्सियों को देख कर वह चौंक गए. निरीक्षण के दौरान उंगली पर गिने जा सकने वाले कर्मचारियों को छोड़ कुछ महकमों में कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. जैसे-जैसे एसडीएम के औचक निरीक्षण की सूचना मिली तो अधिकारी और कर्मचारी हांफते हुए कार्यालय पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
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सरकार द्बारा सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों का सुबह 9.30 बजे ऑफिस पहुंचने का समय निर्धारित किया गया है. परंतु लापरवाह कार्मिक इस पर अमल नहीं कर रहे हैं. एसडीएम रेगर ने अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई. साथ ही मौके पर ही रजिस्टर में अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम के आगे रेड लाइन का मार्क लगा दिया और नोटिस थमाकर स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया. स्पस्टीकरण नहीं देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.