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Red Radish Farming: जोधपुर में पहली बार हुई लाल मूली की खेती, किसान के 4 साल की मेहनत का परिणाम

जोधपुर में एक किसान ने लाल मूली की खेती की (Red Radish Farming) है. किसानों ने कहा कि जिले में पहली बार लाल मूली की खेती देखी गई है.

Red Radish Farming
जोधपुर में पहली बार हुई लाल मूली की खेती
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Published : Jan 21, 2023, 5:13 PM IST

जोधपुर में पहली बार हुई लाल मूली की खेती

जोधपुर. आपने सफेद मूली का स्वाद चखा ही होगा, जो सब्जी के साथ सलाद की शोभा बढ़ाती है. लेकिन कम ही लोगों ने लाल मूली खाई होगी. अब आप सोच रहे होंगे लाल मूली. जी हां, लाल मूली का ये प्रयोग जोधपुर के एक किसान ने किया है. जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बूते खेती में एक नया अध्याय लिखा. मदनलाल ने लाल मूली की खेती (Red Radish Farming) कैसे की और किस तरह से उन्हें सफलता मिली. आइए जानते हैं सबकुछ.

चार साल के अथक प्रयास का नतीजा: किसान मदनलाल ने चार साल के अथक प्रयास से लाल मूली की खेती करने में सफलता प्राप्त की. भारतीय किसान संघ से जुडे़ मदनलाल ने प्रगतीशील किसानों से प्रभावित होकर यह काम किया है. जोधपुर में लाल मूली होना ही अचरज की बात है, क्योंकि यहां पर आज तक सफेद मूली ही लोग देखते आए हैं. जिले के मथानिया क्षेत्र निवासी मदनलाल बताते हैं कि उनको कृषि विज्ञान से जुड़ी जानकारियों के बारे में जानना काफी पसंद है.

इस तरह शुरू की लाल मूली की खेती: मदनलाल ने इटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वह कृषि विश्वविद्यालय की गतिविधियों में शामिल होते हैं, वैज्ञानिकों से मिलते हैं. इसके अलावा केंद्रीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रों के संपर्क में रहते हैं, जिसके चलते उन्होंने सोचा कि क्यों न लाल मूली की खेती की जाए. इसका बीज तैयार किया और सर्दी के दिनों में चार साल तक बुवाई की. हर साल इसमें सुधार किया. इस बार उनके खेत के एक हिस्से में लाल मूली का सही उत्पादन हुआ.

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है लाल मूली: मदनलाल कहते हैं कि वे अभी इस पर और काम करेंगे, जिससे धीरे-धीरे यह सामान्य मूली की तरह पैदा हो. इसके स्वाद में कोई में कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि इस मूली में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स है. इसका बीज भी तैयार कर रहे हैं. जिससे इसका उत्पादन बढाया जा सके. सामान्य मूली बाजार में 10 से बीस रुपए किलो मिलती है, लेकिन यह लाल मूली सौ रुपए किलो अभी बिक रही है. मदनलाल का कहना हैं कि अभी वे बाजार में आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है, लेकिन कुछ बडे होटल और रेस्टोरेंट उनसे यह मूली ले रहे हैं. इसके अलावा शादी समारोह में उपलब्ध करवा रहे हैं. अगले साल इसका उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने पर बाजार में देंगे.

पढ़ें: Organic Farming in Bharatpur: जैविक आंवला और अमरूद स्वाद में लाजवाब के साथ कमाई में भी दमदार, अरब तक हो रही सप्लाई

राष्ट्रपति से सम्मानित किसान: मदनलाल कृषि में नवाचार (Innovation) करते रहते हैं. वह लाल मूली से पहले लाल गाजर कि उन्नत किस्म दुर्गा बना चुके हैं, जिसके बीज की सप्लाई पूरे देश में मदनलाल करते हैं. इसके अलावा उन्होंने गेहूं में भी नवाचार किया है. इसके लिए 2017 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और 2018 में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह उन्हें सम्मानित कर चुके हैं. मदनलाल ने बताया कि लाल मूली की उन्नत बीज जल्द किसानों को देंगे.

जोधपुर में पहली बार हुई लाल मूली की खेती

जोधपुर. आपने सफेद मूली का स्वाद चखा ही होगा, जो सब्जी के साथ सलाद की शोभा बढ़ाती है. लेकिन कम ही लोगों ने लाल मूली खाई होगी. अब आप सोच रहे होंगे लाल मूली. जी हां, लाल मूली का ये प्रयोग जोधपुर के एक किसान ने किया है. जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बूते खेती में एक नया अध्याय लिखा. मदनलाल ने लाल मूली की खेती (Red Radish Farming) कैसे की और किस तरह से उन्हें सफलता मिली. आइए जानते हैं सबकुछ.

चार साल के अथक प्रयास का नतीजा: किसान मदनलाल ने चार साल के अथक प्रयास से लाल मूली की खेती करने में सफलता प्राप्त की. भारतीय किसान संघ से जुडे़ मदनलाल ने प्रगतीशील किसानों से प्रभावित होकर यह काम किया है. जोधपुर में लाल मूली होना ही अचरज की बात है, क्योंकि यहां पर आज तक सफेद मूली ही लोग देखते आए हैं. जिले के मथानिया क्षेत्र निवासी मदनलाल बताते हैं कि उनको कृषि विज्ञान से जुड़ी जानकारियों के बारे में जानना काफी पसंद है.

इस तरह शुरू की लाल मूली की खेती: मदनलाल ने इटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वह कृषि विश्वविद्यालय की गतिविधियों में शामिल होते हैं, वैज्ञानिकों से मिलते हैं. इसके अलावा केंद्रीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रों के संपर्क में रहते हैं, जिसके चलते उन्होंने सोचा कि क्यों न लाल मूली की खेती की जाए. इसका बीज तैयार किया और सर्दी के दिनों में चार साल तक बुवाई की. हर साल इसमें सुधार किया. इस बार उनके खेत के एक हिस्से में लाल मूली का सही उत्पादन हुआ.

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है लाल मूली: मदनलाल कहते हैं कि वे अभी इस पर और काम करेंगे, जिससे धीरे-धीरे यह सामान्य मूली की तरह पैदा हो. इसके स्वाद में कोई में कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि इस मूली में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स है. इसका बीज भी तैयार कर रहे हैं. जिससे इसका उत्पादन बढाया जा सके. सामान्य मूली बाजार में 10 से बीस रुपए किलो मिलती है, लेकिन यह लाल मूली सौ रुपए किलो अभी बिक रही है. मदनलाल का कहना हैं कि अभी वे बाजार में आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है, लेकिन कुछ बडे होटल और रेस्टोरेंट उनसे यह मूली ले रहे हैं. इसके अलावा शादी समारोह में उपलब्ध करवा रहे हैं. अगले साल इसका उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने पर बाजार में देंगे.

पढ़ें: Organic Farming in Bharatpur: जैविक आंवला और अमरूद स्वाद में लाजवाब के साथ कमाई में भी दमदार, अरब तक हो रही सप्लाई

राष्ट्रपति से सम्मानित किसान: मदनलाल कृषि में नवाचार (Innovation) करते रहते हैं. वह लाल मूली से पहले लाल गाजर कि उन्नत किस्म दुर्गा बना चुके हैं, जिसके बीज की सप्लाई पूरे देश में मदनलाल करते हैं. इसके अलावा उन्होंने गेहूं में भी नवाचार किया है. इसके लिए 2017 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और 2018 में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह उन्हें सम्मानित कर चुके हैं. मदनलाल ने बताया कि लाल मूली की उन्नत बीज जल्द किसानों को देंगे.

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