जोधपुर. देश की दूसरी सबसे सुरक्षित जेलों में जोधपुर सेंट्रल जेल को गिना जाता है. यहां विचाराधीन और दंडित लगभग 1200 से अधिक कैदी बंद हैं. हर साल जेल प्रशासन रक्षाबंधन के त्योहार पर बंदियों के लिए अलग से व्यवस्था करता है. जिसके तहत बंदियों की बहनें जेल में आकर उन्हें राखी बांधती थी. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद भाइयों को उनकी बहनें राखी नहीं बांध सकेंगी.
जेल प्रशासन ने जेल में बंद कैदियों के परिजनों और बहनों से अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण को देखते हुए रक्षाबंधन के त्योहार पर जेल में ना आए और इसकी जगह डाक के जरिए राखी भेज दें. जोधपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक कैलाश त्रिवेदी ने बताया कि वैश्विक महामारी को लेकर जेल मुख्यालय की ओर से जोधपुर सेंट्रल जेल सहित समस्त जेलों में बंधुओं की मुलाकात पर भी पाबंदी लगाई गई है.
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साथ ही वर्तमान समय में संक्रमण के फैलाव को देखते हुए रक्षाबंधन के त्योहार को जोधपुर सेंट्रल जेल में नहीं मनाया जाएगा. अधीक्षक का कहना है कि अभी तक रक्षाबंधन को लेकर जेल मुख्यालय की ओर से किसी प्रकार की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है.
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जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन को लेकर जेल में बंद सभी बंदियों को भी इस बारे में जानकारी दे दी है कि इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए रक्षाबंधन का त्योहार जेल में नहीं मनाया जाएगा. बता दें कि अब तक जोधपुर सेंट्रल जेल में एक भी बंदी या स्टाफ का कोरोना संक्रमित होना सामने नहीं आया है. जिसके चलते जेल प्रशासन ने यह फैसला किया है, जिससे जेल में संक्रमण ना फैले.