ETV Bharat / state

RAJASTHAN SEAT SCAN : कांग्रेस के गले की फांस बनी सूरसागर सीट, अल्पसंख्यक का टिकट काट कर मुकाबले में आ सकती है पार्टी

Rajasthan Assembly Election 2023 , राजस्थान में चुनावी हलचल तेज हो चुकी है. जमीनी पकड़ मजबूत करने के लिए पार्टियों में बैठकों का दौर जारी है. वहीं, आज हम जोधपुर की सूरसागर विधानसभा सीट पर नजर डालेंगे. साथ ही आपको इस सीट के सियासी समीकरणों से अवगत कराएंगे. देखिए ये रिपोर्ट...

Rajasthan Assembly Election 2023
Rajasthan Assembly Election 2023
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 26, 2023, 8:44 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 6:05 PM IST

जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान में ध्रुवीकरण से जुड़ी अगर कोई सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है तो वो है सूरसागर. पिछले लंबे समय तक ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी और तब इस सीट पर कांग्रेस कब्जा हुआ करता था. साल 2008 में नए परिसिमन के साथ हुए चुनाव में क्षेत्र का मिजाज बदल गया और पिछले तीनों चुनाव से यहां भाजपा जीत रही है. हालांकि, मतों का अंतर कम रहा है. भाजपा की वरिष्ठ विधायक सूर्यकांता व्यास के सामने तीन चुनावों में हर बार कांग्रेस ने अल्पसंख्यक वर्ग के उम्मीदवार को मैदान में उतारा, लेकिन कोई भी जीत नहीं सका. ऐसे में 2023 की राह में कोई रोड़ा बने उससे पहले ही भाजपा ने इस सीट से चेहरा बदलने की रणनीति बनाई है. इसकी एक वजह यह भी है कि सूर्यकांता व्यास 85 वर्ष की हो गई हैं. यह भी तय माना जा रहा है कि भाजपा यहां नए ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी में है. अगर यहां फिर से हिंदू-मुस्लिम के बीच चुनाव होता है तो परिणाम बदलने की संभावना सिफर होगी.

Rajasthan Assembly Election 2023
सूरसागर सीट पर मतदाताओं की स्थिति

कांग्रेस के समाने उहापोह की स्थिति - सूरसागर सीट साल 1977 से 2018 तक 10 चुनावों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही थी. इसके बावजूद छह बार भाजपा और चार बार कांग्रेस को यहां सफलता मिली. वहीं, 1980 से 2018 तक कांग्रेस एक बार जीती है. 2008 के परिसिमन के बाद से ही यहां कांग्रेस के सामने चुनौतियां पेश आती रही हैं. पार्टी यहां ब्राह्मण को टिकट देती तो अल्पसंख्यक नाराज हो जाते और अल्पसंख्यक को देती तो ब्रह्माण. इस उहापोह की स्थिति के कारण कांग्रेस को यहां नुकसान होता रहा.

Rajasthan Assembly Election 2023
कांग्रेस नेता प्रो. अयूब खान व भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास.

इसे भी पढ़ें - RAJASTHAN SEAT SCAN : जोधपुर शहर में फिर मजबूत होगा 'हाथ' या खिलेगा 'कमल' ? यहां समझिए सियासी समीकरण

यहां अगर कांग्रेस ब्राह्मण को टिकट देती है तो फलौदी से मुस्लिम को उतारना पडे़गा, लेकिन वहां यह प्रयोग पहले ही विफल हो चुका है. दूसरा यह भी माना जाता है कि जोधपुर के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है. सूरसागर से टिकट नहीं देने का असर सूरसागर के साथ-साथ जोधपुर शहर व सरदारपुरा में भी पड़ सकता है. यही वजह है कि कांग्रेस 15 सालों में अपनी रणनीति बदल नहीं सकी है. पिछली बार कांग्रेस के प्रत्याशी रहे प्रो. अयूब खां चुनाव हारने के बाद भी पूरे पांच साल तक सक्रिय रहे हैं. इस आस में की कांग्रेस दोबारा उन्हें मौका देगी, लेकिन बीते तीन चुनावों में कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया है.

Rajasthan Assembly Election 2023
पिछले चुनाव का परिणाम

2003 से 2018 तक के जानें सियासी हाल

2003: अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहने का यह आखिरी चुनाव था. इस चुनाव में कांग्रेस ने तत्कालीन सीटिंग एमएलए भंवर बलाई को मैदान उतारा था. 1998 की लहर में जीतने वाले बलाई इस बार सफल नहीं हुए. भाजपा के मोहन मेघवाल ने उन्हें हरा दिया. इस चुनाव में बलाई को 76443 वोट मिले, जबकि मोहन मेघवाल को 82228 वोट मिले और 5785 वाटों से भाजपा जीती थी.

इसे भी पढ़ें - RAJASTHAN SEAT SCAN: मसूदा से कांग्रेस फिर होगी मजबूत या भाजपा के खाते में जाएगी सीट, निर्दलीय भी बिगाड़ते रहे हैं खेल

2008: नए परिसिमन से यह सीट सामान्य हो गई थी. भाजपा ने जोधपुर शहर की विधायक सूर्यकांता व्यास को यहां से टिकट दिया. कांग्रेस ने तत्कालीन शहर जिलाध्यक्ष सईद अंसारी को उतारा था. अंसारी ने सूर्यकांता व्यास को कड़ी टक्कर दी थी. महज 5497 मतों के अंतर से सूर्यकांता चुनाव जीती थी. इस चुनाव में सूर्यकांता व्यास को 49154 यानी 45.49 फीसदी और अंसारी को 43657 यानी 40.40 फीसदी मत मिले थे. भाजपा की जीत का अंतर कम होने से कांग्रेस ने 2013 में अल्पसंख्यक प्रत्याशी को फिर से मैदान में उतारा.

Rajasthan Assembly Election 2023
पिछले चार चुनावों के परिणाम

2013: इस चुनाव में कांग्रेस ने अपने अल्पसंख्यक चेहरे को बदल दिया था. फलोदी से एक बार हार चुके जेफू खां को सूरसागर से उतारा गया था. सामने भाजपा से सूर्यकांता व्यास थी. जेफू खां गत चुनाव में हारे जिलाध्यक्ष सईद अंसारी से भी हल्के उम्मीदवार निकले. ऐसे में व्यास ने उन्हें 20745 मतों से हराया दिया. इस चुनाव में भाजपा को 78589 यानी 52.20 फीसदी वोट मिले. जबकि जेफू खां को 57844 यानी 38.42 फीसदी ही वोट मिले थे.

2018: इस चुनाव में कांग्रेस ने फिर से अल्पसंख्यक चेहरे को बदला और जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के गणित के प्रोफेसर अयूब खान को सूर्यकांता व्यास के सामने मैदान में उतारा. प्रोफेसर खान ने भी कड़ी टक्कर दी, लेकिन वो भाजपा को हरा नहीं सके. कुल 1 लाख 77 हजार 593 मतदाताओं ने मतदान किया. इनमें भाजपा को 86885 यानी 48.92 फीसदी और कांग्रेस को 81122 यानी 45.68 फीसदी मत मिले. सूर्यकांता व्यास 5763 मतों से विजयी हुई थी.

इसे भी पढ़ें - RAJASTHAN SEAT SCAN: भरतपुर शहर में वैश्य प्रत्याशियों का दबदबा, जाट-वैश्य मतदाताओं का गठजोड़ करता है फैसला

यह है जातिगत समीकरण - जातिगत समीकरण की बात करें तो सूरसागर सीट में 279481 मतदाता हैं. इनमें 145110 पुरुष और 134369 महिलाएं मतदाता शामिल हैं. यहां अनुसूचित जाति के 40000, अल्पसंख्यक के 50000, ब्राह्मण 35000, ओबीसी के 60000 मतदाता हैं. इसी प्रकार कायस्थ के 15000 और सिंधी के 22000 वोट हैं. इनके अलावा इस क्षेत्र में राजपूत, महाजन, जैन सहित कई प्रमुख जातियों के भी मतदाता हैं.

जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान में ध्रुवीकरण से जुड़ी अगर कोई सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है तो वो है सूरसागर. पिछले लंबे समय तक ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी और तब इस सीट पर कांग्रेस कब्जा हुआ करता था. साल 2008 में नए परिसिमन के साथ हुए चुनाव में क्षेत्र का मिजाज बदल गया और पिछले तीनों चुनाव से यहां भाजपा जीत रही है. हालांकि, मतों का अंतर कम रहा है. भाजपा की वरिष्ठ विधायक सूर्यकांता व्यास के सामने तीन चुनावों में हर बार कांग्रेस ने अल्पसंख्यक वर्ग के उम्मीदवार को मैदान में उतारा, लेकिन कोई भी जीत नहीं सका. ऐसे में 2023 की राह में कोई रोड़ा बने उससे पहले ही भाजपा ने इस सीट से चेहरा बदलने की रणनीति बनाई है. इसकी एक वजह यह भी है कि सूर्यकांता व्यास 85 वर्ष की हो गई हैं. यह भी तय माना जा रहा है कि भाजपा यहां नए ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी में है. अगर यहां फिर से हिंदू-मुस्लिम के बीच चुनाव होता है तो परिणाम बदलने की संभावना सिफर होगी.

Rajasthan Assembly Election 2023
सूरसागर सीट पर मतदाताओं की स्थिति

कांग्रेस के समाने उहापोह की स्थिति - सूरसागर सीट साल 1977 से 2018 तक 10 चुनावों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही थी. इसके बावजूद छह बार भाजपा और चार बार कांग्रेस को यहां सफलता मिली. वहीं, 1980 से 2018 तक कांग्रेस एक बार जीती है. 2008 के परिसिमन के बाद से ही यहां कांग्रेस के सामने चुनौतियां पेश आती रही हैं. पार्टी यहां ब्राह्मण को टिकट देती तो अल्पसंख्यक नाराज हो जाते और अल्पसंख्यक को देती तो ब्रह्माण. इस उहापोह की स्थिति के कारण कांग्रेस को यहां नुकसान होता रहा.

Rajasthan Assembly Election 2023
कांग्रेस नेता प्रो. अयूब खान व भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास.

इसे भी पढ़ें - RAJASTHAN SEAT SCAN : जोधपुर शहर में फिर मजबूत होगा 'हाथ' या खिलेगा 'कमल' ? यहां समझिए सियासी समीकरण

यहां अगर कांग्रेस ब्राह्मण को टिकट देती है तो फलौदी से मुस्लिम को उतारना पडे़गा, लेकिन वहां यह प्रयोग पहले ही विफल हो चुका है. दूसरा यह भी माना जाता है कि जोधपुर के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है. सूरसागर से टिकट नहीं देने का असर सूरसागर के साथ-साथ जोधपुर शहर व सरदारपुरा में भी पड़ सकता है. यही वजह है कि कांग्रेस 15 सालों में अपनी रणनीति बदल नहीं सकी है. पिछली बार कांग्रेस के प्रत्याशी रहे प्रो. अयूब खां चुनाव हारने के बाद भी पूरे पांच साल तक सक्रिय रहे हैं. इस आस में की कांग्रेस दोबारा उन्हें मौका देगी, लेकिन बीते तीन चुनावों में कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया है.

Rajasthan Assembly Election 2023
पिछले चुनाव का परिणाम

2003 से 2018 तक के जानें सियासी हाल

2003: अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहने का यह आखिरी चुनाव था. इस चुनाव में कांग्रेस ने तत्कालीन सीटिंग एमएलए भंवर बलाई को मैदान उतारा था. 1998 की लहर में जीतने वाले बलाई इस बार सफल नहीं हुए. भाजपा के मोहन मेघवाल ने उन्हें हरा दिया. इस चुनाव में बलाई को 76443 वोट मिले, जबकि मोहन मेघवाल को 82228 वोट मिले और 5785 वाटों से भाजपा जीती थी.

इसे भी पढ़ें - RAJASTHAN SEAT SCAN: मसूदा से कांग्रेस फिर होगी मजबूत या भाजपा के खाते में जाएगी सीट, निर्दलीय भी बिगाड़ते रहे हैं खेल

2008: नए परिसिमन से यह सीट सामान्य हो गई थी. भाजपा ने जोधपुर शहर की विधायक सूर्यकांता व्यास को यहां से टिकट दिया. कांग्रेस ने तत्कालीन शहर जिलाध्यक्ष सईद अंसारी को उतारा था. अंसारी ने सूर्यकांता व्यास को कड़ी टक्कर दी थी. महज 5497 मतों के अंतर से सूर्यकांता चुनाव जीती थी. इस चुनाव में सूर्यकांता व्यास को 49154 यानी 45.49 फीसदी और अंसारी को 43657 यानी 40.40 फीसदी मत मिले थे. भाजपा की जीत का अंतर कम होने से कांग्रेस ने 2013 में अल्पसंख्यक प्रत्याशी को फिर से मैदान में उतारा.

Rajasthan Assembly Election 2023
पिछले चार चुनावों के परिणाम

2013: इस चुनाव में कांग्रेस ने अपने अल्पसंख्यक चेहरे को बदल दिया था. फलोदी से एक बार हार चुके जेफू खां को सूरसागर से उतारा गया था. सामने भाजपा से सूर्यकांता व्यास थी. जेफू खां गत चुनाव में हारे जिलाध्यक्ष सईद अंसारी से भी हल्के उम्मीदवार निकले. ऐसे में व्यास ने उन्हें 20745 मतों से हराया दिया. इस चुनाव में भाजपा को 78589 यानी 52.20 फीसदी वोट मिले. जबकि जेफू खां को 57844 यानी 38.42 फीसदी ही वोट मिले थे.

2018: इस चुनाव में कांग्रेस ने फिर से अल्पसंख्यक चेहरे को बदला और जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के गणित के प्रोफेसर अयूब खान को सूर्यकांता व्यास के सामने मैदान में उतारा. प्रोफेसर खान ने भी कड़ी टक्कर दी, लेकिन वो भाजपा को हरा नहीं सके. कुल 1 लाख 77 हजार 593 मतदाताओं ने मतदान किया. इनमें भाजपा को 86885 यानी 48.92 फीसदी और कांग्रेस को 81122 यानी 45.68 फीसदी मत मिले. सूर्यकांता व्यास 5763 मतों से विजयी हुई थी.

इसे भी पढ़ें - RAJASTHAN SEAT SCAN: भरतपुर शहर में वैश्य प्रत्याशियों का दबदबा, जाट-वैश्य मतदाताओं का गठजोड़ करता है फैसला

यह है जातिगत समीकरण - जातिगत समीकरण की बात करें तो सूरसागर सीट में 279481 मतदाता हैं. इनमें 145110 पुरुष और 134369 महिलाएं मतदाता शामिल हैं. यहां अनुसूचित जाति के 40000, अल्पसंख्यक के 50000, ब्राह्मण 35000, ओबीसी के 60000 मतदाता हैं. इसी प्रकार कायस्थ के 15000 और सिंधी के 22000 वोट हैं. इनके अलावा इस क्षेत्र में राजपूत, महाजन, जैन सहित कई प्रमुख जातियों के भी मतदाता हैं.

Last Updated : Dec 1, 2023, 6:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.