जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अस्पताल और सड़क की जमीन पर अतिक्रमण मामले में आदेश के बाद भी अनुपालना नहीं होने को गंभीरता से लेते मौजूद अधिकारियों को कहा कि पालना के लिए एक मौका दे रहे हैं, यदि अनुपालना नहीं हुई तो कोर्ट को अनुकरणीय जुर्माना लगाने पर विचार करना होगा. यह भी देखना होगा कि वो जुर्माना अधिकारी से वसूला जाए या विभाग से. जस्टिस डॉ पुष्पेन्द्र सिंह भाटी और जस्टिस राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ के समक्ष जोधपुर की शेरगढ़ तहसील के बेलवा गांव के रहने वाले छगनाराम की याचिका पर सुनवाई हुई.
अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कोर्ट के समक्ष बताया कि कोर्ट ने 09 फरवरी 2023 को आदेश दिया था कि अस्पताल और सड़क की जमीन पर अतिक्रमण हटाते हुए 27 मार्च 2023 तक अनुपालना रिपोर्ट पेश करें, लेकिन आज तक अनुपालना रिपोर्ट पेश नहीं की गई. कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर इसे गंभीरता से लेते हुए 08 दिसम्बर को सुनवाई के दौरान आदेश पारित किया या तो अनुपालना करें अन्यथा अधिकारी पेश हों. कोर्ट के आदेश की अनुपालना नहीं करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित के साथ सीएमएचओ डॉ जितेन्द्र पुरोहित, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पीडब्ल्यूडी दीपक सोनी और सचिव पीब्ल्यूडी संजीत माथुर पेश हुए.
पढ़ें. जमानत याचिकाओं में परिवादी या पीड़ित को पक्षकार बनाना जरूरी नहीं : हाईकोर्ट
अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल के साथ जिला कलेक्टर जोधपुर डॉ हिमांशु गुप्ता, तहसीलदार बालेसर अनिल चौधरी व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. कोर्ट ने कहा कि दोनों आदेश की अनुपालना पेश नहीं हुई है. कोर्ट ने कहा कि कुछ लोगों ने पैसों के लालच में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया, जिससे आम जनता को परेशान होना पड़ा. इस पर अनुपालना के लिए कुछ समय मांगा गया तो कोर्ट ने 03 जनवरी तक का समय दिया. कोर्ट ने कहा कि यदि अनुपालना नहीं हुई तो कोर्ट को अनुकरणीय जुर्माना लगाने पर विचार करना होगा और वो भी अधिकारी के वेतन या विभाग से वसूल किया जाए इस पर विचार करना आवश्यक होगा. अनुपालना होने पर अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट दी है.