भोपालगढ़ (जोधपुर). राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रबोधकों की नई पेंशन स्कीम के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के संबंध में राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जिसको लेकर प्रबोधकों में पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलने की उम्मीद भी जगी है.
प्रबोधक संघ भोपालगढ़ के ब्लॉक अध्यक्ष रामप्रकाश गोदारा ने बताया कि क्षेत्र में कार्यरत प्रबोधक राम सिंह राजपूत और अन्य प्रबोधकों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में अधिवक्ता बलविंदर सिंह के माध्यम से एक याचिका दायर की. जिसमें बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर में पंचायतीराज और शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत लोक जुंबिश, शिक्षाकर्मी, शिक्षा सहयोगी, पैरा टीचर्स और अन्य शैक्षिक कार्मिकों को सरकारी सेवा में नियमित करते हुए स्थाई नियुक्ति प्रदान करने के लिए 'राजस्थान पंचायतीराज प्रबोधक सेवा नियम-2008' लागू किया था.
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इसी के तहत संपूर्ण चयन प्रक्रिया को अपनाते हुए याचिकाकर्ता, अन्य शिक्षाकर्मियों और पैराटीचर्स को प्रबोधक के पद पर वर्ष 2008 में नियुक्ति प्रदान की थी, लेकिन प्रबोधक पद पर नियुक्ति के लिए जारी आदेशों में यह उल्लेख किया गया था कि 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त और भर्ती हुए नवीन आशार्थी अर्थात जो सेवा में पहली बार कार्यभार संभालेंगे, उन पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू होगी.
जिसको लेकर याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उनकी नियुक्ति वर्ष 1994 से 2002 के बीच अलग-अलग समय पर की गई थी. ऐसे में इन याचिकाकर्ताओं ने इस अवधि में राज्य सेवा में प्रवेश कर लिया था और उस समय भी निर्धारित चयन प्रक्रिया का पालन करते हुए 1 जनवरी 2004 से पहले भी सरकार में अपनी सेवाएं दी थी. जबकि प्रबोधक पद पर की गई भर्ती के दौरान भी उनके इसी सेवाकाल के 5 वर्ष के कार्यानुभव को ही आधार माना गया था. ऐसे में किसी भी स्थिति में यह नहीं कहा जा सकता है, कि वे सभी राज्य सेवा में 1 जनवरी 2004 के बाद प्रवेशित हुए है. इसलिए इन सभी प्रबोधकों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए.
याचिकाकर्ता राम सिंह राजपूत और अन्य प्रबोधकों की ओर से दायर इस याचिका की सुनवाई करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने प्रबोधकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में राज्य सरकार के प्रमुख शिक्षा सचिव, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर, जिला शिक्षा अधिकारी जोधपुर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जोधपुर और राज्य सरकार के वित्त विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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जगी आशा की किरण...
वहीं, दूसरी ओर प्रबोधकों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करते हुए इसका लाभ दिए जाने के संबंध में दायर याचिका के आधार पर राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया गया है. जिसके बाद प्रदेश भर में कार्यरत करीब 27 हजार प्रबोधकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलने की आशा जगी है.