जोधपुर. पिछले सप्ताह दो जनवरी की अलसुबह जोधपुर मंडल के रेलखंड राजकियावास-बोमादड़ा रेल मार्ग पर सूर्यनगरी एक्सप्रेस के डिरेल होने के बाद बचाव और राहत कार्यों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ग्रामीणों को (Railway honored villagers helped passengers) डीआरएम गीतिका पांडेय ने सोमवार को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया. डीआरएम ने बताया कि ट्रेन नं. 12480, बांद्रा टर्मिनस-जोधपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस के बेपटरी होने की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग तत्काल घटनास्थल पर पहुंच कर तत्परता से बचाव और राहत कार्यों में जुट गए थे जिन्होंने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया था.
दुर्घटना के बाद अपने-अपने प्रयासों से बचाव और राहत कार्यों में रेल प्रशासन के साथ सहयोग करने पर केसाराम सीरवी, जयंतीलाल, प्रदीप जीनगर, मनोहरलाल, कल्पेश मालवीय, छगनलाल, देवाराम, भंवरलाल व दीपाराम को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया और नरेश ओझा के द्वारा किए गए सहयोग की सराहना की. पांडेय ने बताया कि घटना के समय पूर्व सरपंच मनोहरलाल ने ट्रेन से यात्रियों को सकुशल बाहर निकाला, कल्पेश मालवीय ने यात्रियों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था की, दीपाराम ने घटनास्थल पर अपने टैंकरों से पेयजल की सप्लाई की, कंपाउंडर प्रदीप जीनगर ने घायलों को एम्बुलेंस में शिफ्ट करवाया व भंवरलाल सीरवी ने जंबूरी के प्रभावित बच्चों को अपने ट्रैक्टर के जरिए बसों तक पहुंचा कर राहत कार्यों में उल्लेखनीय सहयोग किया. इसके लिए पांडेय ने प्रशासन की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया.
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इस अवसर पर ग्रामीणों ने दुर्घटना स्थल से 500 मीटर दूरी पर स्थित शक्ति माताजी के मंदिर का चित्र डीआरएम को भेंट किया और कहा कि आसपास के क्षेत्र में माताजी के प्रति लोगों की गहन आस्था है, जिसकी वजह से हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई. गौरतलब है कि इस रेल हादसे में 13 डिब्बे पटरी से उतर गए थे और करीब 2 दर्जन लोगों को चोटे आई थीं. हादसे का कारण पटरी में फ्रैक्चर था. रेलमंत्री ने मौके पर जाकर इसकी विस्तृत जांच की भी घोषणा की थी.