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POCSO Court in Jodhpur : नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास मामले में आरोपी को 20 साल की कैद...

जोधपुर जिला विशेष पॉक्सो कोर्ट ने चार साल की नाबालिग के दुष्कर्म करने के प्रयास मामले में आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई (POCSO Court in Jodhpur) है. साथ ही आरोपी को 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

POCSO court in Jodhpur
POCSO court in Jodhpur
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Published : Oct 21, 2022, 9:48 PM IST

जोधपुर. राजस्थान में जोधपुर जिला विशेष पॉक्सो अदालत ने चार साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले में आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई (POCSO court in Jodhpur) है. साथ ही अदालत ने आरोपी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

आरोपी की ओर से अदालत को बताया गया कि अभियुक्त अगूंठा छाप निर्धन है और उसकी पत्नी व दो छोटे बच्चे हैं और वह पूर्व में सजायाफ्ता नहीं रहा है. इसलिए दोषी के खिलाफ नरमी का रुख बरता जाए. राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक रामपाल विश्नोई ने अदालत को बताया कि खेत में सो रही बच्ची के साथ आरोपी की ओर से बलात्कार करने का प्रयास किया गया. जिसको पीड़िता के माता-पिता की ओर से देखा गया और पीड़िता अल्प आयु की होने के कारण विरोध नहीं कर सकी. ऐसे में आरोपी को मृत्यु दण्ड से दण्डित करने की मांग की गई.

पढ़ें: Minor Girl Rape In Rajashan: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की कैद, 41 हजार का जुर्माना

अदालत ने गंभीर टिप्पणी करते हुए आरोपी को फांसी की सजा मात्र इस आधार पर नहीं दी कि उसके खिलाफ पूर्व में कोई दोष सिद्ध नहीं था और उसको सुधरने का एक मौका देने के लिए अदालत ने आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई.

अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में कन्या को देवी रूपेण माना गया है और उसके स्वरूप की पूजा भी की जाती है. जिस समाज का इतना समृद्ध एवं नारी के प्रत्येक रूप की पूजा करने वाला वैभवशाली अतीत रहा हो उस समाज में नारियों के प्रति वर्तमान में बढ़ते इस तरह के घृणित अपराधों के कारणों पर गहन चिंतन करना और उसके निवारण का उपाय करना हम सब का कर्तव्य है.

जोधपुर. राजस्थान में जोधपुर जिला विशेष पॉक्सो अदालत ने चार साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले में आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई (POCSO court in Jodhpur) है. साथ ही अदालत ने आरोपी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

आरोपी की ओर से अदालत को बताया गया कि अभियुक्त अगूंठा छाप निर्धन है और उसकी पत्नी व दो छोटे बच्चे हैं और वह पूर्व में सजायाफ्ता नहीं रहा है. इसलिए दोषी के खिलाफ नरमी का रुख बरता जाए. राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक रामपाल विश्नोई ने अदालत को बताया कि खेत में सो रही बच्ची के साथ आरोपी की ओर से बलात्कार करने का प्रयास किया गया. जिसको पीड़िता के माता-पिता की ओर से देखा गया और पीड़िता अल्प आयु की होने के कारण विरोध नहीं कर सकी. ऐसे में आरोपी को मृत्यु दण्ड से दण्डित करने की मांग की गई.

पढ़ें: Minor Girl Rape In Rajashan: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की कैद, 41 हजार का जुर्माना

अदालत ने गंभीर टिप्पणी करते हुए आरोपी को फांसी की सजा मात्र इस आधार पर नहीं दी कि उसके खिलाफ पूर्व में कोई दोष सिद्ध नहीं था और उसको सुधरने का एक मौका देने के लिए अदालत ने आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई.

अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में कन्या को देवी रूपेण माना गया है और उसके स्वरूप की पूजा भी की जाती है. जिस समाज का इतना समृद्ध एवं नारी के प्रत्येक रूप की पूजा करने वाला वैभवशाली अतीत रहा हो उस समाज में नारियों के प्रति वर्तमान में बढ़ते इस तरह के घृणित अपराधों के कारणों पर गहन चिंतन करना और उसके निवारण का उपाय करना हम सब का कर्तव्य है.

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