जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान जगजाहिर है. गहलोत के गृहनगर में गहलोत के कार्यकर्ताओं को भी पायलट का नाम बर्दाश्त नहीं हो रहा है. रविवार को मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में हाथ से हाथ जोडो अभियान के दौरान ऐसा ही वाकिया हुआ. जिसमें सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगने लगे. अचानक हुए इस घटना के बाद तो पदाधिकारी नेता एक दूसरे का मुंह देखने लगे, हालांकि आनन फानन में इसे तत्काल ही बंद करवाया गया.
दरअसल सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र में रविवार को कांग्रेस पार्टी के हाथ से हाथ जोडो अभियान के तहत रैली निकाली जा रही थी. इस रैली में महापौर कुंति देवडा, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नरेश जोशी, सलीम खां, पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सोलंकी भी थे. रैली में बडी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल होते हुए अपना शक्त प्रदर्शन भी कर रहे थे. लोगों के समर्थन को देख नेता व पदाधिकारी गदगद होकर डीजे पर कांग्रेस पार्टी के कशीदे गढ़ रहे थे.
पढ़ें राजेंद्र राठौड़ का गहलोत-पायलट पर कटाक्ष, 'किस्सा कुर्सी का फिल्म में एक नायक और एक खलनायक'
इसी बीच डीजे पर जिंदाबाद जिंदाबाद सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगने लगे. इसे सुनते ही डीजे को फौरन बंद करा दिया गया. साथ चल रहे सभी नेता एक दूसरे को मुंह देखकर हंसने लगे. तभी मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. फिर डीजे का ट्रेक बदलकर वापस शुरू किया गया. हालांकि पदाधिकारी भौचक्के थे परंतु एक बात तो साफ है कि सचिन पायलट के समर्थकों ने अपनी उपस्थिति सीएम गहलोत के विधानसभा क्षेत्र में दर्ज कराने में कामयाब रहे.
जोधपुर में पायलट खेमा है कमजोर
बता दें कि जोधपुर में सचिन पायलट का खेमा काफी कमजोर . लोकल लेवल पर किसी को बड़ा पद नहीं मिला है. सिर्फ प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ही वरिष्ठ नेता हैं. जिनको स्थानीय राजनीति में हाशिए पर रखा हुआ है. जोधपुर संगठन के कार्यक्रम में वे नजर भी नहीं आते हैं. इसके अलावा करणसिंह उचियारडा सिर्फ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के सदस्य हैं. कोई भी विधायक पायलट खेमे का नहीं है. हालांकि दिव्या मदेरणा पायटल का सीधा समर्थन नहीं करती। लेकिन गत वर्ष प्रदेश की राजनीति में जो घटनाक्रम हुए उसमें वह शांति धारीवाल सहित अन्य नेताओं के खिलाफ काफी मुखर दिखीं.