जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस अरूण भंसाली ने अग्रिम आदेशों तक अंतिम योग्यता सूची के आधार पर नर्सिंग अधिकारी के पद पर नियुक्तियां रोकने के आदेश दिए हैं. एकलपीठ में याचिकाकर्ता जितेन्द्र छंगाणी की ओर से अधिवक्ता सुनील पुरोहित ने कहा कि याचिकाकर्ता ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती के लिए 5 मई, 2023 को जारी विज्ञप्ति के अनुसरण में आवेदन किया था. आवेदन में समक्ष प्राधिकारी की ओर से जारी अनुभव प्रमाण पत्र में कॉलम संख्या 8 नहीं था.
उन्होंने कहा कि निर्धारित प्रपत्र में अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं करने में याचिकाकर्ता की कोई गलती नहीं है. कॉलम संख्या 8 कोविड-19 प्रकोप के दौरान काम करने वाले अभ्यर्थियों को बोनस अंक प्रदान करने से सम्बंधित है. त्रुटिपूर्ण प्रमाण पत्र जारी करने से ना केवल याचिकाकर्ता बोनस अंक का दावा करने से वंचित रह गया बल्कि पात्रता से भी वंचित कर दिया गया. राज्य सरकार की ओर से एएजी करणसिंह राजपुरोहित ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को कोई छूट दी जाती है, तो यह कई अन्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा. जिनकी पात्रता समान कारण से खारिज कर दी गई और उन्होंने कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया.
एकलपीठ ने कहा कि राज्य सरकार के जवाब से स्पष्ट है कि अनुभव प्रमाण पत्र देने में अधिकारियों की असंगत गलती के लिए मेधावी अभ्यर्थियों की पात्रता को अस्वीकार किया जा रहा है. कोर्ट ने अगले आदेश तक अंतिम योग्यता सूची के आधार पर नियुक्तियां देने से रोक दिया है. साथ ही सरकार को उन मामलों की सूची पेश करने को कहा है जहां अभ्यर्थी को केवल अनुभव प्रमाण पत्र में कॉलम 8 गायब होने के कारण बोनस अंक से वंचित कर दिया गया था.
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गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग ने नर्सिंग ऑफिसर नियमित भर्ती 2023 को लेकर 5 मई, 2023 को 6981 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. जिसमें अब अंतिम सूची तैयार कर नियुक्तियां देने की तैयारी थी, लेकिन अब हाईकोर्ट की रोक के चलते अगले आदेश तक नियुक्तियां नहीं हो पाएंगी. वहीं मामले में अगली सुनवाई 4 नवम्बर को रखी गई है.