जोधपुर. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 30 जनवरी को कुष्ठ रोग निवारण दिवस मनाया जा रहा है. कुष्ठ रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 30 जनवरी से 13 फरवरी तक कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा चलाया जा रहा है. इस वर्ष अभियान की थीम "कुष्ठ रोग के विरुद्ध आखिरी युद्ध" निर्धारित की गई है.
इसी कड़ी में शनिवार को नवसृजित पंचायत समिति धवा के राजीव गांधी सेवा केंद्र पर एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों की ओर से ग्रामीणों को कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता करने के लिए चर्चा की गई. साथ ही ग्रामीणों को कुष्ठ रोग के प्रति शपथ भी दिलाई गई.
जोधपुर एम्स के सेंटर फॉर रूलर हेल्थ एंड केयर के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर महेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि कुष्ठ रोग मुक्त भारत के लिए ग्रामीणों के साथ कुष्ठ रोग के संबंध में जागरूकता लाने के लिए चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि आज भी कुष्ठ रोग को लेकर कई जगह ग्रामीणों में भ्रांति फैली हुई है. जिसके चलते समय पर इलाज शुरू नहीं करवाई जाने से बीमारी भी बढ़ती है.
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इसी को लेकर ग्रामीणों को इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई. साथ ही उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का इलाज संभव है. यह कोई लाइलाज बीमारी नहीं है. कुष्ठ रोग का पूर्ण उपचार संभव है. वही कुष्ठ रोग के इलाज में देरी से विकलांगता हो सकती है.