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Save Khejri Tree : मारवाड़ में राज्य वृक्ष खेजड़ी पर संकट...कड़े प्रावधान नहीं होने से जमकर हो रही कटाई...अलग नीति बनाने की जरूरत

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Published : Jun 21, 2022, 8:12 PM IST

Updated : Jun 22, 2022, 12:03 AM IST

जोधपुर के फलौदी में लग रहे सोलर पावर प्रोजेक्ट के चलते राज्य वृक्ष खेजड़ी की जमकर कटाई हो रही (Khejri trees cut in Jodhpur) है. इस पर विश्नोई समाज ने आपत्ति जताई है. बताया जा रहा है कि खेजड़ी को काटने की मुख्य वजह सरकार की ओर से इसके संरक्षण के लिए कड़े प्रावधान नहीं किया जाना है. मसलन, एक बार खेजड़ी काटने पर 100 और दूसरी बार काटने पर महज 200 रुपए का जुर्माना है.

Khejri trees cut for Solar power project in Jodhpur
सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए काटे जा रहे खेजड़ी के पेड़, विश्नोई समाज ने जताई आपत्ति

जोधपुर. मारवाड़ में जहां अमृता देवी विश्नोई ने वृक्षों के संरक्षण के लिए सैंकडों लोगों के साथ बलिदान दिया था, आज उसी धरा पर राज्य वृक्ष खेजड़ी धड़ल्ले से काटा जा रहा है. इतना ही नहीं काटने के बाद इन्हें जमींदोज किया जा रहा है. हाल ही में जिले के फलौदी क्षेत्र के बाप व भडला में सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए हजारों की संख्या में खेजड़ी वृक्ष काटने की बात सामने (Khejri trees cut for Solar power project in Jodhpur) आई. जिसके बाद से पर्यावरण प्रेमी व विश्नोई समाज के लोग एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं.

इनका कहना है कि 1955 में बने टेनेंसी एक्ट की धाराओं में तय जुर्माना कम होने से खेजड़ी काटी जा रही है. राज्य वृक्ष के संरक्षण को लेकर सरकार को अलग नीति बनानी (Vishnoi society demands change in Tenancy Act) चाहिए. साथ एक्ट की धाराओं में भी बदलाव होना चाहिए, जिससे वृक्षों का संरक्षण हो सके. हाल ही में विश्नोई समाज ने जिले के बाप के बडीसीड के आसपास सोलर पार्क की जमीनों से तीन से चार हजार खेजड़ी काटने का आरोप लगाया है. इसके बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया है. कलेक्टर के निर्देश पर समाज के साथ लिखित समझौता हुआ, जिसमें कहा गया है कि जहां तक हो सके किसी काम के लिए खेजड़ी नहीं काटी जाएगी. इसके बावजूद भी जरूरत होती है तो काटने के बजाय उसे ट्रांसप्लांट करने के प्रयास किए जाएंगे.

जोधपुर में क्यों हो रही राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई...

पढ़ें: Save Khejri Tree: मंदिर की जमीन में राज्य वृक्ष खेजड़ी...काटने की बजाय सुरक्षित रखने का फैसला, बचाने में आएगा लाखों रुपए खर्चा

कागजों में हटा दिए वृक्ष: खेजड़ी बचाओ संघर्ष समिति के रामनिवास बुधनगर का कहना है कि वनविभाग की जिओ टेगिंग में जहां वृक्ष थे, उस जगह पर पटवारी-तहसीलदार ने वृक्ष नहीं बताए. मिलीभगत की वजह से खेजड़ी काटी गई. राज्य वृक्ष को काटने के पर रोक होनी चाहिए. इसके साथ ही टेनेंसी एक्ट में बदलाव की आवश्यकता है, जिससे कोई भी वृक्ष नहीं काटा जा सके. इसके लिए जुर्माना बढ़ाना होगा. कलेक्टर का कहना है कि सामान्यत अनुमति से ही खेजड़ी काटी जाती है.

पढ़ें: केंद्रीय राज्य फार्म में खेजड़ी वृक्ष काटने के प्रकरण में एडीएम ने किया निरीक्षण, देाषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

राज्य वृक्ष बनाया, लेकिन संरक्षण नहीं दिया: राजस्थान सरकार ने 1983 में राजस्थान के राज्य वृक्ष के रूप में खेजड़ी को मान्यता दी. लेकिन इसके संरक्षण को लेकर सरकार ने कोई विशेष प्रावधान नहीं बनाए. खेजड़ी ज्यादातर खेतों में ही पाई जाती है. इसलिए सरकार ने इसे भी टिनेंसी एक्ट के भरोसे छोड़ दिया. राजस्थान टेनेंसी एक्ट 1955 की धारा 80 से 86 तक खेतों में मौजूद वृक्षों को लेकर प्रावधान किए गए हैं. जिसमें वृक्ष काटने पर सिर्फ 100 रुपए का जुर्माना है. दोबारा काटने पर 200 सौ रुपए का अधिकतम जुर्माना है. इसमें बरसों बाद भी बदलाव नहीं हुआ है.

पढ़ें: खेजड़ी वृक्ष को बचाने के लिए विश्नोई समाज का ऐलान, 22 जून को जिला मुख्यालय पर करेंगे धरना प्रदर्शन

50 वर्ग किमी में सोलर प्लांट: जोधपुर के बाप तहसील के भडला क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पावर पार्क विकसित हुआ है. यहां पर 18 कंपनियों के 36 प्लांट लगे हुए हैं. इनका क्षेत्रफल करीब 14 हजार हैक्टेयर है जो 50 वर्ग किमी के बराबर है. इसमें सबसे बड़ा अडानी ग्रुप का प्लांट है. इस क्षेत्र में लगातार काम चल रहा है. यहां पर सरकार की जमीन के साथ-साथ किसानों ने भी अपनी जमीनें लीज पर दी हैं. इन जमीनों लगे खेजड़ी व अन्य पेड़ों को काटा जा रहा है.

जोधपुर. मारवाड़ में जहां अमृता देवी विश्नोई ने वृक्षों के संरक्षण के लिए सैंकडों लोगों के साथ बलिदान दिया था, आज उसी धरा पर राज्य वृक्ष खेजड़ी धड़ल्ले से काटा जा रहा है. इतना ही नहीं काटने के बाद इन्हें जमींदोज किया जा रहा है. हाल ही में जिले के फलौदी क्षेत्र के बाप व भडला में सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए हजारों की संख्या में खेजड़ी वृक्ष काटने की बात सामने (Khejri trees cut for Solar power project in Jodhpur) आई. जिसके बाद से पर्यावरण प्रेमी व विश्नोई समाज के लोग एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं.

इनका कहना है कि 1955 में बने टेनेंसी एक्ट की धाराओं में तय जुर्माना कम होने से खेजड़ी काटी जा रही है. राज्य वृक्ष के संरक्षण को लेकर सरकार को अलग नीति बनानी (Vishnoi society demands change in Tenancy Act) चाहिए. साथ एक्ट की धाराओं में भी बदलाव होना चाहिए, जिससे वृक्षों का संरक्षण हो सके. हाल ही में विश्नोई समाज ने जिले के बाप के बडीसीड के आसपास सोलर पार्क की जमीनों से तीन से चार हजार खेजड़ी काटने का आरोप लगाया है. इसके बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया है. कलेक्टर के निर्देश पर समाज के साथ लिखित समझौता हुआ, जिसमें कहा गया है कि जहां तक हो सके किसी काम के लिए खेजड़ी नहीं काटी जाएगी. इसके बावजूद भी जरूरत होती है तो काटने के बजाय उसे ट्रांसप्लांट करने के प्रयास किए जाएंगे.

जोधपुर में क्यों हो रही राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई...

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कागजों में हटा दिए वृक्ष: खेजड़ी बचाओ संघर्ष समिति के रामनिवास बुधनगर का कहना है कि वनविभाग की जिओ टेगिंग में जहां वृक्ष थे, उस जगह पर पटवारी-तहसीलदार ने वृक्ष नहीं बताए. मिलीभगत की वजह से खेजड़ी काटी गई. राज्य वृक्ष को काटने के पर रोक होनी चाहिए. इसके साथ ही टेनेंसी एक्ट में बदलाव की आवश्यकता है, जिससे कोई भी वृक्ष नहीं काटा जा सके. इसके लिए जुर्माना बढ़ाना होगा. कलेक्टर का कहना है कि सामान्यत अनुमति से ही खेजड़ी काटी जाती है.

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राज्य वृक्ष बनाया, लेकिन संरक्षण नहीं दिया: राजस्थान सरकार ने 1983 में राजस्थान के राज्य वृक्ष के रूप में खेजड़ी को मान्यता दी. लेकिन इसके संरक्षण को लेकर सरकार ने कोई विशेष प्रावधान नहीं बनाए. खेजड़ी ज्यादातर खेतों में ही पाई जाती है. इसलिए सरकार ने इसे भी टिनेंसी एक्ट के भरोसे छोड़ दिया. राजस्थान टेनेंसी एक्ट 1955 की धारा 80 से 86 तक खेतों में मौजूद वृक्षों को लेकर प्रावधान किए गए हैं. जिसमें वृक्ष काटने पर सिर्फ 100 रुपए का जुर्माना है. दोबारा काटने पर 200 सौ रुपए का अधिकतम जुर्माना है. इसमें बरसों बाद भी बदलाव नहीं हुआ है.

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50 वर्ग किमी में सोलर प्लांट: जोधपुर के बाप तहसील के भडला क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पावर पार्क विकसित हुआ है. यहां पर 18 कंपनियों के 36 प्लांट लगे हुए हैं. इनका क्षेत्रफल करीब 14 हजार हैक्टेयर है जो 50 वर्ग किमी के बराबर है. इसमें सबसे बड़ा अडानी ग्रुप का प्लांट है. इस क्षेत्र में लगातार काम चल रहा है. यहां पर सरकार की जमीन के साथ-साथ किसानों ने भी अपनी जमीनें लीज पर दी हैं. इन जमीनों लगे खेजड़ी व अन्य पेड़ों को काटा जा रहा है.

Last Updated : Jun 22, 2022, 12:03 AM IST
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