जोधपुर. मारवाड़ में जहां अमृता देवी विश्नोई ने वृक्षों के संरक्षण के लिए सैंकडों लोगों के साथ बलिदान दिया था, आज उसी धरा पर राज्य वृक्ष खेजड़ी धड़ल्ले से काटा जा रहा है. इतना ही नहीं काटने के बाद इन्हें जमींदोज किया जा रहा है. हाल ही में जिले के फलौदी क्षेत्र के बाप व भडला में सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए हजारों की संख्या में खेजड़ी वृक्ष काटने की बात सामने (Khejri trees cut for Solar power project in Jodhpur) आई. जिसके बाद से पर्यावरण प्रेमी व विश्नोई समाज के लोग एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं.
इनका कहना है कि 1955 में बने टेनेंसी एक्ट की धाराओं में तय जुर्माना कम होने से खेजड़ी काटी जा रही है. राज्य वृक्ष के संरक्षण को लेकर सरकार को अलग नीति बनानी (Vishnoi society demands change in Tenancy Act) चाहिए. साथ एक्ट की धाराओं में भी बदलाव होना चाहिए, जिससे वृक्षों का संरक्षण हो सके. हाल ही में विश्नोई समाज ने जिले के बाप के बडीसीड के आसपास सोलर पार्क की जमीनों से तीन से चार हजार खेजड़ी काटने का आरोप लगाया है. इसके बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया है. कलेक्टर के निर्देश पर समाज के साथ लिखित समझौता हुआ, जिसमें कहा गया है कि जहां तक हो सके किसी काम के लिए खेजड़ी नहीं काटी जाएगी. इसके बावजूद भी जरूरत होती है तो काटने के बजाय उसे ट्रांसप्लांट करने के प्रयास किए जाएंगे.
कागजों में हटा दिए वृक्ष: खेजड़ी बचाओ संघर्ष समिति के रामनिवास बुधनगर का कहना है कि वनविभाग की जिओ टेगिंग में जहां वृक्ष थे, उस जगह पर पटवारी-तहसीलदार ने वृक्ष नहीं बताए. मिलीभगत की वजह से खेजड़ी काटी गई. राज्य वृक्ष को काटने के पर रोक होनी चाहिए. इसके साथ ही टेनेंसी एक्ट में बदलाव की आवश्यकता है, जिससे कोई भी वृक्ष नहीं काटा जा सके. इसके लिए जुर्माना बढ़ाना होगा. कलेक्टर का कहना है कि सामान्यत अनुमति से ही खेजड़ी काटी जाती है.
राज्य वृक्ष बनाया, लेकिन संरक्षण नहीं दिया: राजस्थान सरकार ने 1983 में राजस्थान के राज्य वृक्ष के रूप में खेजड़ी को मान्यता दी. लेकिन इसके संरक्षण को लेकर सरकार ने कोई विशेष प्रावधान नहीं बनाए. खेजड़ी ज्यादातर खेतों में ही पाई जाती है. इसलिए सरकार ने इसे भी टिनेंसी एक्ट के भरोसे छोड़ दिया. राजस्थान टेनेंसी एक्ट 1955 की धारा 80 से 86 तक खेतों में मौजूद वृक्षों को लेकर प्रावधान किए गए हैं. जिसमें वृक्ष काटने पर सिर्फ 100 रुपए का जुर्माना है. दोबारा काटने पर 200 सौ रुपए का अधिकतम जुर्माना है. इसमें बरसों बाद भी बदलाव नहीं हुआ है.
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50 वर्ग किमी में सोलर प्लांट: जोधपुर के बाप तहसील के भडला क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पावर पार्क विकसित हुआ है. यहां पर 18 कंपनियों के 36 प्लांट लगे हुए हैं. इनका क्षेत्रफल करीब 14 हजार हैक्टेयर है जो 50 वर्ग किमी के बराबर है. इसमें सबसे बड़ा अडानी ग्रुप का प्लांट है. इस क्षेत्र में लगातार काम चल रहा है. यहां पर सरकार की जमीन के साथ-साथ किसानों ने भी अपनी जमीनें लीज पर दी हैं. इन जमीनों लगे खेजड़ी व अन्य पेड़ों को काटा जा रहा है.