जोधपुर. केंद्र सरकार के फैसले के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर वैट (VAT) की दरों में कटौती करने का लगातार दबाव बनता जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर के लोगों का कहना है कि मुख्य़मंत्री को जनहित में निर्णय लेकर प्रदेश के लोगों को राहत देनी चाहिए.
ईटीवी भारत ने मुख्यमंत्री के गृह नगर की जनता से बात कर जानी उनकी मन की बात. सूर्य नगरी जोधपुर के लोगों का कहना है कि राजस्थान में पेट्रोल और डीजल के दाम बहुत ज्यादा है. ऐसे में गहलोत सरकार को दाम कम करके जनता को राहत देनी चाहिए. गहलोत सरकार को पेट्रोलिया पदार्थों पर लगने वाले वैट की दरों में कमी करनी चाहिए. जोधपुरवासियों को उम्मीद है कि गहलोत सरकार जल्द राहत दे सकती है. केंद्र के एक्साइज कम किए जाने के बाद जोधपुर में डीजल 13 रुपए और पेट्रोल पौने 7 रुपए लीटर सस्ता हो गया है. जोधपुर में शनिवार को 110 रुपए लीटर पेट्रोल और 95 लीटर डीजल का भाव रहा.
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हालांकि, हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में मूल्य वर्धित कर (VAT) करने से साफ इंकार कर दिया है. सीएम गहलोत का कहना है कि केंद्र सरकार के एक्साइज ड्यूटी कम करने के साथ ही राज्यों का वैट भी अपने आप कम हो जाता है. हमारी मांग है कि केंद्र को और अधिक एक्साइज कम करनी चाहिए.
गौरतलब है कि केंद्र ने पेट्रोल पर 5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम की है. उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने दिवाली से ठीक पहले पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी कर लोगों को राहत दी थी.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने साधा निशाना
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसको लेकर कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा है. शेखावत ने ट्वीट के माध्यम से तंज कसा है कि कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया है कि किसी भी हालत में पेट्रोल डीजल पर वैट नहीं घटाना है. इसलिए कांग्रेस के मुख्यमंत्री आलाकमान को खुश करने के लिए जनता को राहत देने की बजाय उनको लूट कर अपने आलाकमान की तरफदारी कर रहे हैं.
शेखावत ने खासतौर से पंजाब और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों पर इसको लेकर निशाना साधा है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा एक्साइज कम करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि केंद्र सरकार को एक्साइज में और कमी करनी चाहिए एक्साइज कम होने से उसके अनुपात में वैट कम हो जाता है. यह भी कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा चमकी गई एक्साइज से राज्य सरकार को वैट वसूली में प्रतिदिन 5 करोड रुपए का नुकसान हो रहा है.
क्या है एक्साइज ड्यूटी
एक्साइज टैक्स या एक्साइज ड्यूटी ऐसा टैक्स है जो देश के अंदर गुड्स के प्रॉडक्शन और उसकी बिक्री पर लगता है. अब इस टैक्स को सेन्ट्रल वैल्यू ऐडेड टैक्स के नाम से जाना जाता है. इसकी सहायता से सरकार के लिए अधिक से अधिक रेवेन्यू जनरेट किया जाता है.