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Jodhpur High Court: संजीवनी मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत को राहत, कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी मामले में बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. हालांकि उच्च न्यायालय ने अभी उनकी सीबीआई जांच की मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया है. अब शेखावत 16 अप्रैल को जोधपुर आएंगे.

relief to gajendra singh Shekhawat
संजीवनी मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत को राहत, कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक
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Published : Apr 13, 2023, 3:27 PM IST

जोधपुर. राजस्थान के चर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बड़ी राहत मिल गई है. हाईकोर्ट ने संजीवनी मामले में शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. गिरफ्तारी पर रोक और संजीवनी मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका गत माह हाईकोर्ट में दायर की गई थी. यह याचिका 21 मार्च को रजिस्टर्ड हुई थी. महीने में दो से तीन बार जोधपुर आने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पिछले 24 दिनों से जोधपुर नहीं आए हैं. अब राहत मिलने के बाद उनका 16 अप्रैल को जोधपुर आना प्रस्तावित हुआ है. आगामी 17 अप्रैल को प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी जोधपुर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का शेखावत पर हमला, कहा- संजीवनी एक बड़ा है घोटाला, ईडी से हो जांच

शेखावत के खिलाफ थी एक्शन की तैयारीः याचिका दर्ज होने के बाद से शेखावत जोधपुर नहीं आए. इससे पहले 19 मार्च को उन्होंने जोधपुर में सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इसके बाद वह 20 मार्च को दिल्ली गए थे. फिर वे दोबारा जोधपुर नहीं आए. हालांकि इस दौरान पोकरण में एक बड़ा कार्यक्रम भी था. जिसमें वे शामिल नहीं हुए थे. जोधपुर के भी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे. गौरतलब है कि एसओजी ने वर्ष 2019 में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को लेकर मामला दर्ज किया था. जिसकी दो चार्जशीट पेश हो चुकी हैं. उसमें कई जगह पर गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों के लेनदेन का ब्योरा दिया गया है. जिसके आधार पर सीएम गहलोत उनकी इस घोटाले में भूमिका होने का आरोप लगा चुके हैं. जिसके चलते शेखावत के खिलाफ एक्शन की तैयारी थी, लेकिन अब उनको हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

ये भी पढ़ेंः Sanjivani Cooperative Society Scam Case: सीएम गहलोत ने कहा- शेखावत को सता रहा गिरफ्तारी का डर, इसलिए केंद्र से ली सिक्योरिटी

याचिका में सीबीआई जांच की मांगः इस केस में एक महत्वपूर्ण बिंदू यह भी था कि शेखावत की हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका के बाद जस्टिस मनोज गर्ग और प्रवीर भटनागर ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद याचिका कुलदीप माथुर की खंडपीठ में लिस्टेड हुई थी. इस याचिका में शेखावत की ओर से संजीवनी के मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग भी की गई थी. साथ ही गिरफ्तारी पर रोक की मांग की गई थी. सीबीआई जांच को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है.

गहलोत ने दिए थे कार्यवाही के संकेतः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत माह जोधपुर में ही बयान दिया था कि संजीवनी मामले की एसओजी द्वारा की जा रही जांच पूरी हो गई है और जल्दी इस मामले में कार्रवाई होगी. उसी दिन गहलोत ने शेखावत को लेकर बयान दिया था कि उन्हें सामने आकर अपना पक्ष रखना चाहिए, लेकिन वो खुद मुलजिम है इसलिए आगे नहीं आ रहे है. गहलोत पिछले कुछ समय से लगातार गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमलावर बने हुए हैं.

जोधपुर. राजस्थान के चर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बड़ी राहत मिल गई है. हाईकोर्ट ने संजीवनी मामले में शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. गिरफ्तारी पर रोक और संजीवनी मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका गत माह हाईकोर्ट में दायर की गई थी. यह याचिका 21 मार्च को रजिस्टर्ड हुई थी. महीने में दो से तीन बार जोधपुर आने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पिछले 24 दिनों से जोधपुर नहीं आए हैं. अब राहत मिलने के बाद उनका 16 अप्रैल को जोधपुर आना प्रस्तावित हुआ है. आगामी 17 अप्रैल को प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी जोधपुर आ रहे हैं.

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शेखावत के खिलाफ थी एक्शन की तैयारीः याचिका दर्ज होने के बाद से शेखावत जोधपुर नहीं आए. इससे पहले 19 मार्च को उन्होंने जोधपुर में सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इसके बाद वह 20 मार्च को दिल्ली गए थे. फिर वे दोबारा जोधपुर नहीं आए. हालांकि इस दौरान पोकरण में एक बड़ा कार्यक्रम भी था. जिसमें वे शामिल नहीं हुए थे. जोधपुर के भी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे. गौरतलब है कि एसओजी ने वर्ष 2019 में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को लेकर मामला दर्ज किया था. जिसकी दो चार्जशीट पेश हो चुकी हैं. उसमें कई जगह पर गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों के लेनदेन का ब्योरा दिया गया है. जिसके आधार पर सीएम गहलोत उनकी इस घोटाले में भूमिका होने का आरोप लगा चुके हैं. जिसके चलते शेखावत के खिलाफ एक्शन की तैयारी थी, लेकिन अब उनको हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

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याचिका में सीबीआई जांच की मांगः इस केस में एक महत्वपूर्ण बिंदू यह भी था कि शेखावत की हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका के बाद जस्टिस मनोज गर्ग और प्रवीर भटनागर ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद याचिका कुलदीप माथुर की खंडपीठ में लिस्टेड हुई थी. इस याचिका में शेखावत की ओर से संजीवनी के मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग भी की गई थी. साथ ही गिरफ्तारी पर रोक की मांग की गई थी. सीबीआई जांच को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है.

गहलोत ने दिए थे कार्यवाही के संकेतः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत माह जोधपुर में ही बयान दिया था कि संजीवनी मामले की एसओजी द्वारा की जा रही जांच पूरी हो गई है और जल्दी इस मामले में कार्रवाई होगी. उसी दिन गहलोत ने शेखावत को लेकर बयान दिया था कि उन्हें सामने आकर अपना पक्ष रखना चाहिए, लेकिन वो खुद मुलजिम है इसलिए आगे नहीं आ रहे है. गहलोत पिछले कुछ समय से लगातार गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमलावर बने हुए हैं.

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