जोधपुर. बालेसर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा विभाग के उपनिदेशक और उनकी टीम ने आकस्मिक निरीक्षण किया. टीम जैसे ही अस्पताल के महिला वार्ड में पहुचीं तो एक ऑटो चालक गर्भवती महिला के इंजेक्शन लगाते हुए मिला. टीम को देखकर वो घबरा गया और ऑटो लेकर भाग गया. टीम ने उसका पीछा किया लेकिन वो नही मिला. चिकित्सा विभाग के जोन उप निदेशक डॉ. सुनील कुमार बिष्ट सीएचसी के औचक निरीक्षण पर गए थे. डॉ बिष्ट ने जब ऑटो चालक को स्टाफ समझते हुए एप्रिन के बारे में पुछा तो वह इंजेक्शन की सिरिंज छोड़कर भाग गया.
निरीक्षण के समय सीएचसी के प्रभारी डॉ. प्रताप छूट्टी पर थे, उनका चार्ज डॉ. रईस खां के पास था. लेकिन वह भी सीएमएचओ ऑफिस में मीटिंग के लिए जोधपुर में थे. सीएचसी में एक डेंटिस्ट और जीएनएम के अलावा कोई नहीं था. डॉ. बिष्ट ने जब जीएनएम से उस शख्स के बारे में पुछा तो उसने कुछ भी जानकारी होने से मना कर दिया. बाद में लोगो से पुछताछ में पता चला कि उसका नाम शाकिर था और वह ऑटो चलाता है. वही इस मामले में चिकित्सा विभाग के उपनिदेशक डॉ सुनील कुमार बिष्ट ने बताया कि मैं हैरान हुं.
मैंने इस संबंध में ब्लॉक सीएमएचओ से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वही इस मामले में बालेसर सीएचसी इंचार्ज डॉ प्रताप सिंह ने बताया कि कल मेरे घर का मुहर्त था. मैं अस्पताल में नही था. आज अस्पताल आया हूं. इस मामले की जांच करवाई जाएगी. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बालेसर अस्पताल में इस प्रकार की घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया एंव जोधपुर चिकित्सा विभाग ने इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.