कुचामनसिटी: डीडवाना जिले के बांसा गांव में एक सप्ताह पूर्व गांव के सार्वजनिक चौक पर लगाई गई देवताओं की मूर्तियों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. इस मामले में गांव में दो गुट बन गए हैं. एक पक्ष के लोग पिछले आठ दिनों से मूर्तियां हटाने और मूर्तियां लगाने वालों पर कार्रवाई की मांग रहा है. वहीं गुरुवार को दूसरा पक्ष मूर्तियां लगाने के पक्ष में उतर आया. इस पक्ष के दर्जनभर लोग जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. उन्होंने कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट के सामने धरना दिया. साथ ही मूर्तियां यथावत रखने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा.
मौलासर तहसीदार तुक्काचन्द ने बताया कि गांव में बिना अनुमति के किसी ने मूर्ति स्थापना कर दी. इसपर गांव वालों ने ऐतराज किया और कहा कि गांव की सहमति के बिना यहां पर मूर्ति नहीं लगाया जाए. अब कुछ लोग मूर्ति लगाए रखने की बात कह रहे हैं तो कुछ इन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं. मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है, लेकिन अभी तक विवाद बना हुआ है.
पढ़ें: बिना सहमति गांव में मूर्तियां लगाने का मामला गरमाया, ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन
बता दें कि बांस गांव में गुर्जरों के बास और गोचर भूमि में बने दो चबूतरों पर कुछ दिनों पहले रात का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने तेजाजी महाराज और देवनारायण भगवान की मूर्तियां लगा दी थी. सुबह जब गांव के लोग उठे तो उन्होंने वहां रखी मूर्तियों पर एतराज जताया. ग्रामीणों का कहना था कि गांव के लोगों की सहमति और प्राण प्रतिष्ठा के बिना मूर्तियां लगाई गई है, इसलिए इन्हें हटाया जाए. साथ ही मूर्तियां लगाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसे लेकर गत दिवस ग्रामीणों ने गांव में सरपंच के खिलाफ रैली निकाल कर प्रदर्शन किया था.
अब इस मामले में ग्रामीणों का दूसरा पक्ष मूर्तियां लगाने के समर्थन में उतर आया. गांव के अनेक लोग गुरुवार को एकत्रित होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने एडीएम को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने प्रशासन को बताया कि तेजाजी महाराज और देवनारायण भगवान सबके आराध्य देव हैं. जन-जन उनकी पूजा करता है, ऐसे में जब उनकी मूर्तियां यहां स्थापित कर दी गई है, तो उन्हें यथावत रखा जाए और गांव का माहौल बिगाड़ने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इस पर प्रशासन ने कहा कि दोनों पक्षों के साथ चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा.