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जोधपुर एम्स के हाथ लगी बड़ी उपलब्धि, रोबोट की सहायता से किया कैंसर का ऑपरेशन - जोधपुर खबर

जोधपुर एम्स लगातार सफलता के नए आयाम गढ़ रहा है. हाल ही में एक और उपलब्धि एम्स के हाथ लगी. यहां के ओंको सर्जरी विभाग में, डॉक्टरों ने रोबोट की सहायता से एक महिला के जीभ के कैंसर का सफल ऑपरेशन किया है.

रोबोट से कैंसर ऑपरेशन, cancer operation with robot
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Published : Aug 30, 2019, 2:32 AM IST

जोधपुर. जीभ के कैंसर का ऑपरेशन वह भी बिना मुंह के आस पास चीरा लगाए हुए. यह असंभव सा लगता है, लेकिन ऐसा संभव हुआ जोधपुर एम्स के ओंको सर्जरी विभाग में. यहां के डॉक्टरों ने रोबोट की सहायता से एक महिला के जीभ का ऑपरेशन किया है. यह ऑपरेशन जोधपुर के फलोदी कस्बे में रहने वाली 60 वर्षीय महिला की जीभ के कैंसर का हुआ है.

जोधपुर एम्स में रोबोट की सहायता से किया गया कैंसर का ऑपरेशन

बता दें कि यह सर्जरी करीब 6 घंटे चली. खास बात यह रही कि इस ऑपरेशन के लिए मरीज के कान के पीछे छोटा सा चीरा लगाया गया. जोधपुर एम्स के डॉक्टरों का दावा है कि यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है. डॉ जीवनराम के अनुसार महिला के मुंह पर छाला था. जिसके बाद पता चला कि कैंसर हो गया है. जिसके बाद ऑपरेशन के लिए कान के पीछे लगाए गए चीरे के रास्ते से रोबोट ने कैंसर की गांठें 'लिम्फनोड्स' निकाली.

यह भी पढ़ें: FIR से महिलाओं के नाम हटाने के एवज में ASI ने मांगी 75 हजार की रिश्वत, ACB ने दलाल समेत दबोचा

एम्स के अधीक्षक डॉ अरविंद सिन्हा के अनुसार सामान्यत: इस तरह के ऑपरेशन के निशान हमेशा गर्दन के आस पास रहते हैं. इसके चलते गर्दन पर चीरा लगाना पड़ता है. ऐसे में रोबोटिक सर्जरी फायदेमंद होती है. उन्होंने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन अत्याधुनिक तकनीक से होना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. उल्लेखनीय है कि जोधपुर एम्स अपने समकालीन सभी एम्स से उपचार और सुविधाओं के मामले में आगे हैं और लगातार इसकी सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है. यही कारण है कि राजस्थान के साथ-साथ आसपास के राज्यों से भी यहां मरीजों की आवक शुरू हो गई है.

यह भी पढ़ें: परिवहन आयुक्त ने डीटीओ ऑफिस का किया औचक निरीक्षण

वहीं सामान्य सर्जरी में सर्जन को सिर्फ सर्जरी के सामने का हिस्सा ही नजर आता है. लेकिन रोबोटिक सर्जरी में थ्री—डी तकनीक से सर्जरी से प्रभावाहित होने वाले पूरे भाग को देखा जा सकता है. इस सर्जरी में दूर कंसोल पर बैठकर रोबोट से सर्जरी इक्वीपमेंट का उपयोग किया जाता है. सामान्य सर्जरी में डॉक्टर अपने हाथ से ही ऑपरेशन करता है. हाथ पूरी तरह से स्थिर नहीं होते हैं. लेकिन रोबोट की सहायता से यह परेशानी नहीं होती है. कॉम्पलिकेशंस की गुंजाइश कम रहती है. रोबोट की सहायता से चीर फाड़ की जगह सूक्ष्म छेद किए जाते है. जो नजर नहीं आते हैं.

जोधपुर. जीभ के कैंसर का ऑपरेशन वह भी बिना मुंह के आस पास चीरा लगाए हुए. यह असंभव सा लगता है, लेकिन ऐसा संभव हुआ जोधपुर एम्स के ओंको सर्जरी विभाग में. यहां के डॉक्टरों ने रोबोट की सहायता से एक महिला के जीभ का ऑपरेशन किया है. यह ऑपरेशन जोधपुर के फलोदी कस्बे में रहने वाली 60 वर्षीय महिला की जीभ के कैंसर का हुआ है.

जोधपुर एम्स में रोबोट की सहायता से किया गया कैंसर का ऑपरेशन

बता दें कि यह सर्जरी करीब 6 घंटे चली. खास बात यह रही कि इस ऑपरेशन के लिए मरीज के कान के पीछे छोटा सा चीरा लगाया गया. जोधपुर एम्स के डॉक्टरों का दावा है कि यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है. डॉ जीवनराम के अनुसार महिला के मुंह पर छाला था. जिसके बाद पता चला कि कैंसर हो गया है. जिसके बाद ऑपरेशन के लिए कान के पीछे लगाए गए चीरे के रास्ते से रोबोट ने कैंसर की गांठें 'लिम्फनोड्स' निकाली.

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एम्स के अधीक्षक डॉ अरविंद सिन्हा के अनुसार सामान्यत: इस तरह के ऑपरेशन के निशान हमेशा गर्दन के आस पास रहते हैं. इसके चलते गर्दन पर चीरा लगाना पड़ता है. ऐसे में रोबोटिक सर्जरी फायदेमंद होती है. उन्होंने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन अत्याधुनिक तकनीक से होना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. उल्लेखनीय है कि जोधपुर एम्स अपने समकालीन सभी एम्स से उपचार और सुविधाओं के मामले में आगे हैं और लगातार इसकी सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है. यही कारण है कि राजस्थान के साथ-साथ आसपास के राज्यों से भी यहां मरीजों की आवक शुरू हो गई है.

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वहीं सामान्य सर्जरी में सर्जन को सिर्फ सर्जरी के सामने का हिस्सा ही नजर आता है. लेकिन रोबोटिक सर्जरी में थ्री—डी तकनीक से सर्जरी से प्रभावाहित होने वाले पूरे भाग को देखा जा सकता है. इस सर्जरी में दूर कंसोल पर बैठकर रोबोट से सर्जरी इक्वीपमेंट का उपयोग किया जाता है. सामान्य सर्जरी में डॉक्टर अपने हाथ से ही ऑपरेशन करता है. हाथ पूरी तरह से स्थिर नहीं होते हैं. लेकिन रोबोट की सहायता से यह परेशानी नहीं होती है. कॉम्पलिकेशंस की गुंजाइश कम रहती है. रोबोट की सहायता से चीर फाड़ की जगह सूक्ष्म छेद किए जाते है. जो नजर नहीं आते हैं.

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Body:रोबोट की सहायता से कान के पीछे चीरा लगाकर किया जीभ के कैंसर का आॅपरेशन


जोधपुर। जीभ के कैंसर का आॅपरेशन वह भी बिना मुंह के आस पास चीरा लगाए हुए, यह असंभव सा लगता है लेकिन ऐसा संभव हुआ जोधपुर एम्स के ओंकों सर्जरी विभाग में, यहां के डॉक्टरों ने रोबोट की सहायता से एक महिला के जीभ का आॅपरेशन किया है। राेबाेट की मदद से जोधपुर जिले के फलोदी कस्बे निवासी 60 वर्षीय महिला की जीभ के कैंसर का सफल ऑपरेशन किया गया। यह सर्जरी करीब 6 घंटै चली। खास बात यह रही कि इस आॅपरेशन के लिए महिला मरीज के कान के पीछे छोटा सा चीरा लगाया गया। जोधपुर एम्स के डॉक्टरों का दावा है कि यह प्रदेश में अपने आप में पहला आॅपरेशन है। एम्स ओंको सर्जरी विभाग के डॉ जीवनराम के अनुसार महिला जोधपुर जिले के फलोदी की रहने वाली है। उसके मुंह पर छाला था। बायप्सी करवाने पर पता चला कि कैंसर हो गया है। आॅपरेशन के लिए कान के पीछे लगाए गए चीरे के रास्ते से रोबोट की भुजाओं ने कैंसर की गांठे लिम्फनोड्स निकाली। एम्स के अधीक्षक डॉ अरविंद सिंहा के अनुसार सामान्यत इस तरह के आॅपरेशन के निशान हमेशा गर्दन के आस पास रहते हैं। इसके चलते गर्दन पर चीरा लगाना पडता है। ऐसे में रोबोटिक सर्जरी फायदेमंद होती है। एम्स अधीक्षक डॉ. अरविन्द सिन्हा के अनुसार एम्स में इस तरह के आॅपरेशन अत्याधुनिक तकनीक से होना अपने आप में बडी उपलब्धी है।  उल्लेखनीय है कि जोधपुर एम्स अपने समकालीन सभी एम्स से उपचार और सुविधाओं के मामले में आगे हैं और लगातार एवं सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है यही कारण है कि राजस्थान के साथ-साथ आसपास के राज्यों से भी यहां मरीजों की आवक शुरू हो गई है।

ऐसे होती है रोबोटिक सर्जरी
।सामान्य सर्जरी में सर्जन को सिर्फ सर्जरी के सामने का हिस्सा ही नजर आता है। लेकिन रोबोटिक सर्जरी में थ्री—डी तकनीक से सर्जरी से प्रभावाहित होने वाले पूरे भाग को देखा जा सकता है। इस सर्जरी में दूर कंसोल पर बैठकर रोबोट से सर्जरी इक्वीपमेंट का उपयोग किया जाता है। सामान्य सर्जरी में डॉक्टर अपने हाथ से ही आॅपरेशन करता है हाथ पूरी तरह से स्थ्रि नहीं होते हैं लेकिन रोबोट की सहायता से यह परेशानी नहीं होती है। कॉम्पलिकेशंस की गुंजाइश कम रहती है। रोबोट कीसहायता से चीर फाड की जगह सूक्ष्म छेद किए जाते है। जो नजर नहीं आते हैंं।



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