जोधपुर. एसएफआई से जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बने अरविंद सिंह भाटी ने बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ग्रहण कर ली. एबीवीपी कार्यालय में भाटी ने विद्यार्थी परिषद का दामन थामा. साथ ही 16 अप्रैल को होने वाले जेएनवीयू सिंडीकेट सदस्य चुनाव में एबीवीपी की निधी राजपुरोहित के पक्ष में अपना नामांकन भी वापस लेने की घोषणा की है. भाटी ने बताया कि चुनाव और विचारधारा दो अलग-अलग चीज है. विचाराधारा आपकी जीवन शैली का हिस्सा होती है. उन्होंने कहा कि इस संगठन उन्हें आग्रह पर स्वीकार किया है. साथ ही वो एक कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुए हैं.
भाटी ने आगे कहा कि संगठन के आदेश पर वो निधी राजपुरोहित के समक्ष अपना नामांकन वापस ले चुके हैं. अब वो अपने छात्र जीवन में हमेशा संगठन का एक कार्यकर्ता बनकर काम करेंगे. भाटी के सामने एबीवीपी से चुनाव लड़ने वाले राजवीर सिंह ने कहा कि एबीवीपी एक वैचारिक संगठन है. ऐसे में अगर अरविंद इस विचारधारा को स्वीकार कर काम करने के लिए आए हैं तो हम भी उनका स्वागत करते हैं. वहीं, इस मौके पर संगठन महामंत्री श्याम शेखावत ने भाटी को बधाई दी.
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एनएसयूआई से मांगा टिकट, एसएफआई से लड़ा था चुनाव - जेएनवीयू के गत वर्ष हुए चुनाव में अरविंद सिंह भाटी ने पहले एनएसयूआई से टिकट मांगा था. हालांकि, एक बार उनका नाम तय भी हो गया था, लेकिन ऐन वक्त पर हरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया. जिसके चलते भाटी को वंचित होना पड़ा और बाद में वो एसएफआई की टिकट पर चुनाव लड़े और एनएसयूआई के प्रत्याशी को शिकस्त दी थी. इस चुनाव में एबीवीपी का उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा था.
विधानसभा चुनाव है लक्ष्य - अरविंद सिंह भाटी युवा नेता के रूप में स्थापित हो रहे हैं. उनका अगला लक्ष्य विधानसभा चुनाव बताया जा रहा है. वे जैसलमेर या बाड़मेर जिले से विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी कर सकते हैं. उनकी तरह ही जेएनवीयू के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी भी सक्रिय राजनीति की तैयारी में हैं.