जोधपुर. देश की दूसरी सबसे सुरक्षित माने जाने वाली सूरजपुर सेंट्रल जेल अब एक अलग ही अंदाज में नजर आने वाली है. इसका कारण यह है कि जेल में सजा काट रहे और विचाराधीन बंदी जेल में अलग-अलग तरह से कुछ अलग करने में लगे हुए हैं.
जी हां हम बात कर रहे हैं जोधपुर जेल में बंद विचाराधीन कैदी 'प्रेमाराम' की. इसने अपने हाथों से जेल के अंदर रहकर महात्मा बुद्ध की मूर्ति बना दी है. बीते दिन 5 फरवरी को जोधपुर दौरे पर रहे जेल डीजी एनआर के रेड्डी ने जेल का भ्रमण किया. जेल के अंदर की सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया. साथ ही विचाराधीन बंदी द्वारा बनाई गई भगवान बुद्ध की मूर्ति की भी सराहना की.
जोधपुर जेल के जेल सुपरिटेंडेंट कैलाश त्रिवेदी ने बताया कि विचाराधीन बंदी प्रेमाराम जेल के अंदर मूर्तियां और पेंटिंग बनाने का शौक रखता है. उसने जेल के अंदर की दीवारों पर भगवान बुद्ध की मूर्ति के साथ-साथ संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर और अन्य महात्माओं की पेंटिंग बनाई है. ऐसा ही एक और बंदी मुबारक खान जोधपुर जेल में बंद है, जिसने जोधपुर जेल में हॉल के अंदर मां सरस्वती की पेंटिंग बनाई और अब वह जोधपुर जेल की दीवारों पर उम्मेद भवन पैलेस की पेंटिंग बना रहा है.
त्रिवेदी ने बताया कि अब जेल में कैदियों का व्यवहार काफी अच्छा है. वे कौमी एकता का परिचय दे रहे हैं. हिंदू धर्म के त्योहारों पर मुस्लिम कैदी खाना-पीना अपने हाथों से ही तैयार करते हैं. उसके बाद इन बने हुए खानों को हिंदू कैदियों को खिलाया जाता है. वहीं रमजान और उर्स जैसे मुस्लिम धर्म के त्योहारों पर हिंदू कैदियों भोजन बनाकर मुस्लिम कैदियों को खाना खिलाया जाता है. उन्होंने कहा कि विचाराधीन कैदी मुबारक खान द्वारा जोधपुर जेल की दीवारों पर हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की मूर्ति बनाना कहीं ना कहीं कौमी एकता का एक अच्छा परिचय है.
जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि जेल में कैदियों के लिए एक अच्छा वातावरण बना रहे, इसके लिए समय-समय पर ऐसे आयोजन करवाए जाते हैं. साथ ही जेल डीजी आरके रेड्डी ने भी जेल में बंद कैदियों के वातावरण में बदलाव करने, खाने-पीने का अच्छा बंदोबस्त करना और उनकी सुरक्षा करने के भी निर्देश दिए हैं.